सागर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे करीबी और शिवराज सरकार के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एक बार फिर जमीन दान लेकर जमीनों की हेराफेरी के आरोपों में घिर गए हैं. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर जहां पहले अपने साले से ही 50 एकड़ जमीन दान लेने के आरोप लगे हैं. तो अब उनके ऊपर अपने भतीजे को कर्मचारी बताकर 11 एकड़ जमीन में यूनिवर्सिटी बनाने के लिए दान लेने के आरोप भाजपा से निष्कासित नेता राजकुमार सिंह धनोरा ने लगाए हैं.
11 एकड़ की जमीन दान में ली: राजकुमार सिंह धनोरा का कहना है कि ''पहले मंत्री ने 30 एकड़ जमीन खरीदी, फिर उसको सिंचित से असिंचित कराया और अपने भतीजे को कर्मचारी बताकर 11 एकड़ की जमीन दान में ली. इस मामले में सरकार को भी काफी राजस्व हानि हुई है.'' वहीं, दूसरी तरफ सागर स्थित उनकी होटल रॉयल पैलेस (किला कोठी) के निर्माण में सागर के वृंदावन ट्रस्ट और अन्य जमीनों पर अवैध कब्जे के आरोप राजकुमार सिंह धनोरा ने लगाए हैं. इन आरोपों को मंत्री के जिला पंचायत अध्यक्ष भाई हीरा सिंह राजपूत ने निराधार बताया है और आरोप लगाने वाले राजकुमार सिंह धनोरा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा है कि ''जेल जाने के भय से बौखलाए हुए धनोरा मंत्री पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.''
यूनिवर्सिटी बनाने जमीन की हेराफेरी: प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सागर-बीना रोड पर स्थित अपने पैतृक गांव जैरई के नजदीक ज्ञानवीर विश्वविद्यालय का निर्माण कर रहे हैं. विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए उन पर अपने ही भतीजे को कर्मचारी बताकर जमीन देने का आरोप लगा है. भाजपा से निष्कासित नेता राजकुमार सिंह धनोरा ने आरोप लगाया है कि ''पहले मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अपने साले से 50 एकड़ जमीन ली. जो पहले सिंचित थी और उसे बाद में असिंचित कराया गया. इस मामले की शिकायत मैंने पीएमओ से लेकर सभी जांच एजेंसियों को की, लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है. अब ऐसा ही काम मंत्री ने जैरई में स्थापित होने जा रही यूनिवर्सिटी के लिए किया है. उन्होंने वहां पहले 30 एकड़ जमीन खरीदी, जो सिंचित थी. उसको राजस्व रिकार्ड में असिंचित कराया. फिर अपने भतीजे को कर्मचारी बताकर 11 एकड़ जमीन का दान पत्र कराया और करीब 19 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री अपने बेटे के नाम कराई है. इस तरह उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकार को राजस्व का चूना लगाया है.''
होटल निर्माण में किया जमीन पर अतिक्रमण: वहीं, भाजपा से निष्कासित राजकुमार सिंह धनोरा ने सागर स्थित मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की होटल रॉयल पैलेस, जिसे किला कोठी के नाम से जाना जाता है, उसके निर्माण में सरकारी और ट्रस्ट की जमीन के साथ-साथ सहकारी समितियों की जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है. राजकुमार सिंह धनोरा का कहना है कि ''रॉयल पैलेस जिस जगह पर निर्माण किया गया है, वहां सिर्फ इनकी 4 एकड़ जमीन है. इनकी होटल के आगे खसरा नंबर 220 जो वृंदावन ट्रस्ट की जमीन है, जो करीब 3 से 4 एकड़ है. उस पर मंत्री ने कब्जा किया हुआ है. होटल के नजदीक सहकारी समिति के पट्टे की जमीन पर उन्होंने कब्जा किया हुआ है. इसके अलावा होटल से लगा हुआ खसरा नंबर 233 शासकीय जमीन का है, जो करीब 300 एकड़ है, सरकारी 7 एकड़ जमीन पर भी मंत्री ने कब्जा कर होटल बनाई है.''
आरोपों पर मंत्री के भाई की सफाई: राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर लगाए गए गंभीर आरोपों को लेकर उनके सागर जिला पंचायत अध्यक्ष भाई हीरा सिंह राजपूत ने जहां सफाई दी है. उन्होंने राजकुमार सिंह धनोरा पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि ''राजकुमार धनोरा ने राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके परिजनों पर जो आरोप लगाये हैं, वह सभी निराधार हैं.'' हीरा सिंह राजपूत ने कहा कि राजकुमार धनौरा जेल जाने के भय से बौखला गये हैं. इस कारण वह मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर निराधार आरोप लगा रहे हैं. राजकुमार सिंह धनोरा ने पंचायत में करोडों रूपयों का भ्रष्टाचार किया है. लगभग दो से ढ़ाई करोड़ का भ्रष्टाचार तो दस्तावेजों में सिद्ध हो चुका है. जिसमें पंचायत एवं हितग्राहियों का पैसा अपने खाते में डालकर अपने परिजनों के नाम चैक काट दिये.''
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मंत्री की छवि खराब करने की कोशिश: हीरा सिंह राजपूत ने कहा कि ''मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना के तहत राजकुमार सिंह धनोरा ने सरपंच रहते हुए अपने परिजनों को पट्टे दिये, जिसकी शिकायत गांव वालों ने की है, जिसमें वह दोषी पाये गये हैं.'' उन्होंने कहा ''जहां तक जमीन दान देने का सवाल है, तो शिक्षण संस्थान के लिए कोई भी जमीन दान दे सकता है, दान देने में भी नियमानुसार स्टाम्प ड्यूटी लगती है, जिसने दान की उसकी खानदानी जमीन है, पचासों वर्ष पुरानी है, जो नियमानुसार दान किया गया है. होटल किला कोठी खुद के स्वामित्व की जमीन पर बनाई गई है. उसके सामने जो जगह पड़ी है, वहां कॉलोनी काटी गई है. वह प्लाट भी नियमानुसार हमने खरीदे हैं, जिस पर हमारा कब्जा है.'' जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने राजकुमार धनोरा के सारे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि ''वह हमारी छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं.''