कोटा. मध्यप्रदेश के मंदसौर निवासी मोहित जैन आर्मेनिया से एमबीबीएस कर रहे थे. उनकी तबीयत बिगड़ने से बीती विगत 7 मार्च को मौत हो गई थी. तकनीकी कारणों से उनका शव भारत नहीं आ पा रहा था. इसके चलते उसके परिजन काफी परेशान थे. इस संबंध में परिजनों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से हस्तक्षेप की मांग की थी. जिसके बाद स्पीकर बिरला के सार्थक प्रयास के चलते आर्मेनिया से मृतक मेडिकल स्टूडेंट मोहित का शव 11 दिन बाद शुक्रवार को भारत आया है.
मोहित 4 साल से आर्मेनिया में पढ़ रहा थाः मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के गरोठ के रहने वाले सुनील जैन का पुत्र मोहित आर्मेनिया की येरेवन सिटी की यूनिवर्सिटी में बीते 4 साल से पढ़ रहा था. उसकी वहां अचानक से 7 मार्च को मौत हो गई थी. कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते विमानन कंपनियां शव को भेजने के लिए टालमटोल कर रहीं थीं. इसके चलते यहां पर उनके सभी परिजन बुरी तरह से परेशान हो गए थे. उन्होंने हर संभव कोशिश एंबेसी के जरिए भी की, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. मोहित का ननिहाल कोटा के गुलाब बाड़ी में है.
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ओम बिरला के अथक प्रयासों से मिली सफलताः इसके चलते उनकी मां विजया ने यहां पर अपने परिजनों से संपर्क किया. जिसके बाद जीएमए प्लाजा के अध्यक्ष राकेश जैन से परिजनों ने बात की. राकेश जैन ने इस पूरे मुद्दे को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को बताया और उनसे हस्तक्षेप करने के लिए आग्रह किया. लोकसभा अध्यक्ष बिरला के निर्देश पर पर लोकसभा के अधिकारियों ने इस बारे में विदेश मंत्रालय और अर्मेनिया स्थित भारतीय दूतावास से सम्पर्क कर मामले को सुलझाने के प्रयास किया. इसके बाद भी देरी होते देख स्पीकर बिरला ने स्वयं भी मामले में हस्तक्षेप किया. उनके अथक प्रयासों के बाद ही शव भारत के लिए रवाना हो सका. शव के शुक्रवार को भारत पहुंचने के बाद परिजनों ने उसका गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया.