भोपााल। बीजेपी भले ही दावा कर रही है कि, उसने नगर सरकार के चुनावों में 85 प्रतिशत जीत हासिल कर ली है, लेकिन 16 में से 7 नगर निगमों की हार ने पार्टी के लिए 2023 के खतरे ही घंटी बजा दी है. सात साल पहले बीजेपी ने 16 नगर निगमों में क्लीन स्वीप किया था. हाल ही में आए नतीजों से प्रदेश के बड़े दिग्गजों की नींद और उनके चेहरे की खुशी उड़ा दी है. 7 नगर निगमों में कुल मिलाकर 46 विधानसभा आती हैं. जिसमें बीजेपी को पटखनी मिली है.
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नगर पालिका और नगर परिषद में @BJP4MP जीत का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है। हमने शानदार सफलता हासिल की है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 20, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
कांग्रेस की जीत अधूरी है, मेयर अगर कांग्रेस का है भी तो पार्षदों का बहुमत हमारे साथ खड़ा है। #हर_नगर_भाजपा pic.twitter.com/Tfmp6jSsZ8
">नगर पालिका और नगर परिषद में @BJP4MP जीत का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है। हमने शानदार सफलता हासिल की है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 20, 2022
कांग्रेस की जीत अधूरी है, मेयर अगर कांग्रेस का है भी तो पार्षदों का बहुमत हमारे साथ खड़ा है। #हर_नगर_भाजपा pic.twitter.com/Tfmp6jSsZ8नगर पालिका और नगर परिषद में @BJP4MP जीत का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है। हमने शानदार सफलता हासिल की है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 20, 2022
कांग्रेस की जीत अधूरी है, मेयर अगर कांग्रेस का है भी तो पार्षदों का बहुमत हमारे साथ खड़ा है। #हर_नगर_भाजपा pic.twitter.com/Tfmp6jSsZ8
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धन्यवाद मध्यप्रदेश...
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मैं गांव–गांव के मेरे भाइयों और बहनों का मन से आभारी हूं !
आपके बड़े दिल ने कांग्रेस का खुलकर समर्थन किया और हमारे
जन सेवकों को आशीर्वाद दिया, आप अद्भुत हैं ।
हम 2023 में फिर एक साथ मध्यप्रदेश की नई पहचान और जन–जन के उत्थान की लड़ाई मिलकर लड़ेंगे।
">धन्यवाद मध्यप्रदेश...
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 15, 2022
मैं गांव–गांव के मेरे भाइयों और बहनों का मन से आभारी हूं !
आपके बड़े दिल ने कांग्रेस का खुलकर समर्थन किया और हमारे
जन सेवकों को आशीर्वाद दिया, आप अद्भुत हैं ।
हम 2023 में फिर एक साथ मध्यप्रदेश की नई पहचान और जन–जन के उत्थान की लड़ाई मिलकर लड़ेंगे।धन्यवाद मध्यप्रदेश...
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 15, 2022
मैं गांव–गांव के मेरे भाइयों और बहनों का मन से आभारी हूं !
आपके बड़े दिल ने कांग्रेस का खुलकर समर्थन किया और हमारे
जन सेवकों को आशीर्वाद दिया, आप अद्भुत हैं ।
हम 2023 में फिर एक साथ मध्यप्रदेश की नई पहचान और जन–जन के उत्थान की लड़ाई मिलकर लड़ेंगे।
कहां-कहां बीजेपी को उठाना पड़ सकता है नुकसान: विंध्य में राजेंद्र शुक्ल के साथ विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी इसी इलाके से हैं. इसके बाद भी बीजेपी को नहीं जिता पाए. सतना, सिंगरौली, रीवा नगर निगम में बीजेपी सिर्फ एक ही जीत पाई है. यहां विधानसभा सीट-18 है कांग्रेस को 4 बीजेपी 14 सीटों में जीत मिली है. महाकौशल यानी की जबलपुर के साथ साथ छिंदवाड़ा में बीजेपी अपना मेयर नहीं बना पाई है. यहां पर राकेश सिंह, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड़्डा की ससुराल है, लेकिन नगर निगम नहीं जीत पाए. यहां विधानसभा की 19 सीटे हैं कांग्रेस को 12 पर जीत बीजेपी को 7 सीट पर जीत मिली है. ग्वालियर चंबल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर सहित बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त मंत्री भी यहां पर जनता का दिल नहीं जीत सके. 28 सीटों पर उप चुनाव हुए थे. इसमें बीजेपी को 19 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 16 सीटों में 7 सीट ही कांग्रेस के खाते में पहुंची थी.विधानसभा की 28 सीटों में अब बीजेपी 19, कांग्रेस 9 में जीत हासिल की है.
बीजेपी का दिग्गजों के साथ हार पर मंथन: बीजेपी ने नगरीय निकाय चुनावों के परिणाम आने के बाद देर रात पूरे विधायक, सांसद औऱ मंत्रियो को वर्चुअल कांफ्रेस से जोड़ा. प्रदेश प्रभारी शिवप्रकाश ने निकाय चुनाव में हार की समीक्षा की. हार की समीक्षा में पाया गया कि, निचले स्तर पर त्रिदेव और बूथ मैनेजमैंट का आपसी समन्वय न होना एक प्रमुख वजह मानी गई है और बागियों ने बीजेपी के गणित को बिगाड़ा इस पर भी चिंतन मंथन किया गया. आगे बागियों से किस तरह से निपटना है .इसकी भी चर्चा हुई
हार के बाद बीजेपी प्रदेश प्रभारी शिवप्रकाश को हटाया गया: नगर निगमों में हार को बीजेपी पचा नहीं पाई और ईफैक्ट दिखना शुरु हो गया. हाईकमान की तरफ से हार की ठीकरा संगठन पर फोड़ दिया गया है. नेताओं का आपसी कोआर्डीनेशन ना होना सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश को चुनावी नतीजों के बाद उनकी मप्र से विदाई कर दी गई है. शिवप्रकाश के पास म.प्र के अलावा 6 और राज्यों का प्रभार है.