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MP Local Body Election 2022: नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव, गलती सुधारने के लिए जल्द अध्यादेश लाएगी सरकार, नगरीय प्रशासन मंत्री का ऐलान

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Published : Jun 23, 2022, 9:31 PM IST

एमपी नगरीय निकाय चुनाव (MP Local Body Election 2022) का बिगुल बज चुका है. ऐसे में कई ऐसे भी हैं जिनकी उम्र 21 और 22 साल है, ये उम्मीदवार यदि पार्षद का चुनाव जीत भी गए तब भी अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी नहीं कर सकेंगे. क्योंकि शिवराज सरकार नगरीय निकाय चुनाव के नियमों में एक बड़ा बदलाव करना भूल गई. फिलहाल इसे लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार जल्द ही अध्यादेश ला कर इस गलती को सुधारेगी.

MP Local Body Election
शिवराज सरकार से बड़ी चूक

सागर। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव (MP Local Body Election 2022) में सरकार की एक बड़ी चूक सामने आई है. दरअसल सरकार चुनाव के नियम में बदलाव करना भूल गई, जिसमें मौजूदा चुनाव में 21 वर्ष का व्यक्ति पार्षद तो बन सकता है लेकिन नगर पालिका-नगर परिषद का अध्यक्ष नहीं बन सकता क्योंकि अध्यक्ष पद के लिए 25 साल की आयु निर्धारित की गई है. अध्यक्ष का चुनाव इस बार पार्षदों के माध्यम से होना है, ऐसी स्थिति में कई युवा पार्षद चुनकर तो आ जाएगें, अगर उसकी आयु 25 वर्ष नहीं है तो अध्यक्ष पद की दावेदारी नहीं कर सकेगा. इसे लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि "सरकार जल्द ही अध्यादेश ला कर इस गलती को सुधारेगी और अब 21 वर्ष की आयु का व्यक्ति भी नगर परिषद और नगर पालिका का अध्यक्ष बन सकेगा."

शिवराज सरकार से बड़ी चूक

चाहकर भी अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे नेताजी: प्रदेश में 76 नगर पालिका और 255 नगर परिषदों में चुनाव हो रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में युवा अपनी राजनीतिक किस्मत आजमाने चुनाव मैदान में उतरे हैं. ऐसे में यदि ये पार्षद का चुनाव जीतकर आ भी जाएं, तब भी 25 साल की उम्र का बंधन होने से नगर पालिका या नगर परिषद अध्यक्ष के लिए दावेदारी नहीं कर सकेंगे. हालांकि, मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 25 जुलाई से शुरू होने जा रहा है, लेकिन इसके एक हफ्ते पहले यानी 18 जुलाई तक सभी निकायों के चुनाव परिणाम आ जाएंगे और अधिकांश स्थानों पर अध्यक्ष पद पर चुनाव भी हो जाएगा.

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नियमों में बदलाव के लिए नया अध्यादेश लाएगी सरकार: नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि "पहले नगर परिषद और नगर पालिका के अध्यक्ष का चुनाव भी सीधे जनता के द्वारा होता था, तब अध्यक्ष पद की आयु 25 वर्ष और पार्षद पद की आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई थी. इस बार नगर पालिका नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के माध्यम से होना है, ऐसी स्थिति में कोई भी पार्षद अध्यक्ष पद की दावेदारी कर सकता है और उसका अधिकार भी बनता है. इसलिए अब नियमों में बदलाव के लिए सरकार अध्यादेश लाएगी और अध्यक्ष पद की आयु 21 वर्ष निर्धारित की जाएगी."

कब आएगा नया अध्यादेश: वर्तमान में प्रदेश में 76 नगरपालिका और 255 नगर परिषदों के चुनाव हो रहे हैं, चुनाव की नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रचार प्रसार जोर पकड़ चुका है. अगले महीने नगर पालिका और नगर परिषदों का गठन भी कर लिया जाएगा, इसलिए सरकार ने तय किया है कि जल्द ही इस मामले में अध्यादेश लाकर नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद की आई 21 वर्ष की जाएगी.

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महापौर के प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर अध्यादेश लाई थी सरकार: बता दें कि प्रदेश सरकार निकाय चुनाव में महापौर के प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर 25 मई को अध्यादेश लेकर आई थी. इसमें प्रावधान किया गया कि महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा, जबकि नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव अप्रत्यक्षण प्रणाली से कराए जाएंगे. यानी नगर पालिका और नगर परिषद में जो उम्मीदवार चुनकर आएंगे, वह अध्यक्ष का चुनाव कराएंगे. जबकि पूर्व में महापौर की तरह नगर पालिका अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्ष के चुनाव में डायरेक्ट होते थे, लेकिन इस बाद जब इसमें बदलाव किया गया तो उम्मीदवार की उम्र को नहीं बदला गया.

सागर। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव (MP Local Body Election 2022) में सरकार की एक बड़ी चूक सामने आई है. दरअसल सरकार चुनाव के नियम में बदलाव करना भूल गई, जिसमें मौजूदा चुनाव में 21 वर्ष का व्यक्ति पार्षद तो बन सकता है लेकिन नगर पालिका-नगर परिषद का अध्यक्ष नहीं बन सकता क्योंकि अध्यक्ष पद के लिए 25 साल की आयु निर्धारित की गई है. अध्यक्ष का चुनाव इस बार पार्षदों के माध्यम से होना है, ऐसी स्थिति में कई युवा पार्षद चुनकर तो आ जाएगें, अगर उसकी आयु 25 वर्ष नहीं है तो अध्यक्ष पद की दावेदारी नहीं कर सकेगा. इसे लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि "सरकार जल्द ही अध्यादेश ला कर इस गलती को सुधारेगी और अब 21 वर्ष की आयु का व्यक्ति भी नगर परिषद और नगर पालिका का अध्यक्ष बन सकेगा."

शिवराज सरकार से बड़ी चूक

चाहकर भी अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे नेताजी: प्रदेश में 76 नगर पालिका और 255 नगर परिषदों में चुनाव हो रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में युवा अपनी राजनीतिक किस्मत आजमाने चुनाव मैदान में उतरे हैं. ऐसे में यदि ये पार्षद का चुनाव जीतकर आ भी जाएं, तब भी 25 साल की उम्र का बंधन होने से नगर पालिका या नगर परिषद अध्यक्ष के लिए दावेदारी नहीं कर सकेंगे. हालांकि, मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 25 जुलाई से शुरू होने जा रहा है, लेकिन इसके एक हफ्ते पहले यानी 18 जुलाई तक सभी निकायों के चुनाव परिणाम आ जाएंगे और अधिकांश स्थानों पर अध्यक्ष पद पर चुनाव भी हो जाएगा.

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नियमों में बदलाव के लिए नया अध्यादेश लाएगी सरकार: नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि "पहले नगर परिषद और नगर पालिका के अध्यक्ष का चुनाव भी सीधे जनता के द्वारा होता था, तब अध्यक्ष पद की आयु 25 वर्ष और पार्षद पद की आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई थी. इस बार नगर पालिका नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के माध्यम से होना है, ऐसी स्थिति में कोई भी पार्षद अध्यक्ष पद की दावेदारी कर सकता है और उसका अधिकार भी बनता है. इसलिए अब नियमों में बदलाव के लिए सरकार अध्यादेश लाएगी और अध्यक्ष पद की आयु 21 वर्ष निर्धारित की जाएगी."

कब आएगा नया अध्यादेश: वर्तमान में प्रदेश में 76 नगरपालिका और 255 नगर परिषदों के चुनाव हो रहे हैं, चुनाव की नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रचार प्रसार जोर पकड़ चुका है. अगले महीने नगर पालिका और नगर परिषदों का गठन भी कर लिया जाएगा, इसलिए सरकार ने तय किया है कि जल्द ही इस मामले में अध्यादेश लाकर नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद की आई 21 वर्ष की जाएगी.

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महापौर के प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर अध्यादेश लाई थी सरकार: बता दें कि प्रदेश सरकार निकाय चुनाव में महापौर के प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर 25 मई को अध्यादेश लेकर आई थी. इसमें प्रावधान किया गया कि महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा, जबकि नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव अप्रत्यक्षण प्रणाली से कराए जाएंगे. यानी नगर पालिका और नगर परिषद में जो उम्मीदवार चुनकर आएंगे, वह अध्यक्ष का चुनाव कराएंगे. जबकि पूर्व में महापौर की तरह नगर पालिका अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्ष के चुनाव में डायरेक्ट होते थे, लेकिन इस बाद जब इसमें बदलाव किया गया तो उम्मीदवार की उम्र को नहीं बदला गया.

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