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MP Lehsun Mandi Bhav किसानों को रुला रहा लहसुन, ज्यादा पैदावार बनी मुसीबत मंडी में 100 से 200 रुपये क्विंटल है दाम

लहसुन की सबसे बड़ी मंडी मंदसौर में लहसुन के दाम औंधे मुंह गिर गए हैं. जो लहसुन 150 रुपए प्रति किलो बिकता था, अब वह 50 पैसे या 1 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. ऐसे में लागत भी नहीं निकलने से नाराज किसान लहसुन को नदी नाले में फेंक रहे हैं. जिसका वीडियो भी वायरल हुआ है. किसानों की इस समस्या को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शिवराज सरकार से किसानों को लहसुन के उचित दाम दिलाने की मांग कर चुके हैं. Garlic Cultivation in MP, Bumper yield Garlic MP, Farmers Throw Garlic Rivers

Bumper yield Garlic
मंदसौर लहसुन मंडी भाव
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Published : Aug 25, 2022, 11:11 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में लहसुन की बंपर पैदावार किसानों के लिए मुसीबत बन गई है. मालवा और निमाड़ के कई जिलों में लहसुन की बंपर पैदावार हुई है, जिसकी वजह से इसके दामों पर भारी असर पड़ रहा है. मंडी में लहसुन के भाव जमीन पर आ गए हैं. हालत यह है कि मंडी में लहसुन के खरीददार नहीं मिल रहे हैं. बेहद कम दाम में बिकने से प्रदेश के कई जिलों और मंडियों में किसानों का आक्रोश देखने को मिला. न के बराबर भाव मिलने से नाराज किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. खंडवा, खरगौन, मंदसौर और नीमच में लहसुन की पैदावार ज्यादा होती है. यहां के किसान अब लहसुन को नदी और नालों में बहा रहे हैं. कई जगहों पर किसानों ने प्रदर्शन कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा भी है.(Garlic Cultivation in MP)

मंदसौर लहसुन मंडी भाव

50 पैसे बिक रहा लहसुन: मंडी में अभी 200 रुपए प्रति क्विंटल लहसुन बिक रहा है. मंडी के बाहर और खस्ताहाल है. किसानों का लहसुन 50 पैसे प्रति किलो बिक रहा है. जिसके कारण किसान उसे नालों में फेंक रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि किसानों को लग रहा था कि इस बार भी लहसुन के दाम आसमान छू लेंगे. लोगों ने गेहूं और अन्य फसलें न बोकर लहसुन की खेती की. भोपाल, इंदौर के साथ ही और भी इलाकों में किसान लहसुन लगाने लगे. जिसके कारण बंपर पैदावार हुई है, लेकिन अब भाव नहीं मिल रहे हैं. किसानों को अपनी फसल कौड़ी के भाव बेचनी पड़ रही है. इसको लेकर मंदसौर में ईटीवी भारत की टीम ने रियलिटी चेक भी किया था. यहां नाराज किसान लहसुन को नालों और सड़कों पर फेंकते दिखाई दिए थे. (Bumper yield Garlic MP)

मंदसौर लहसुन मंडी भाव

नाराज किसान कर रहे प्रदर्शन: किसानों में आक्रोश इतना है कि वे लहसुन को 50 पैसे किलो बेचने की जगह नदी और नालों में बहाना ठीक समझ रहे हैं. कहीं लहसुन पर पेट्रोल डालकर खेत में ही उसे जला रहे हैं. सीहोर जिले में पहले किसानों ने प्याज उगाई, लेकिन प्याज में भी उतार-चढ़ाव के चलते लहसुन की खेती पर ध्यान दिया, लेकिन इस बार लहसुन ने भी किसानों को मायूस कर दिया है. सीहोर के मांगीलाल पिछले कई सालों से प्याज और लहसुन की खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार लहसुन में लागत भी नहीं निकली, यदि मंडी में लहसुन ले जाते हैं तो भाड़ा भी नहीं निकल रहा, इसलिए नदी में बहा दिया. (Farmers Throw Garlic Rivers)

कमलनाथ भी उठा चुके हैं लहसुन की समस्या: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने किसानों द्वारा लहसुन की फसल को नदी में फेंके जाने का वीडियो अपने ट्वीटर अकाउंट पर डालते हुए लिखा कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में यह है किसानों की स्थिति और किसानों की आय दोगुनी करने के दावे का सच. उन्होंने आरोप लगाया कि लहसुन एक रुपए किलो से भी कम में बिक रहा है. घाटे के कारण किसान इसे कभी आग के हवाले कर रहे हैं तो कभी नदी में बहा रहे हैं. किसान को उसकी उपज का दाम नहीं मिल पा रहा और वह निरंतर कर्ज के दलदल में फंसता जा रहा है. इसके साथ ही एक और ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि, मैं सरकार से मांग करता हूं कि तत्काल आवश्यक निर्णय लेकर किसानों को राहत प्रदान की जाए. (Mandsaur Agricultural Produce Market)

  • मैं सरकार से माँग करता हूँ कि तत्काल आवश्यक निर्णय लेकर किसानो को राहत प्रदान की जावे।

    — Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

किसानों को हुआ लाखों का नुकसान: किसानों ने कहा 3 एकड़ में लहसुन लगाया था. 7 से 8000 प्रति किलो का बीज खरीदा, 1 एकड़ पर लागत आई, 32 से 35 हजार, साथ ही कीटनाशक भी डालना पड़ता है. सरकार भी न्यूनतम मूल्य पर लहसुन नहीं खरीद रही .है लिहाजा हमारे ही गांव में कई लोग डीजल चलाकर लहसुन में आग लगा रहे हैं. जानकारों के मुताबिक लहसुन उत्पादन करने वाले किसानों ने अपना माल नहीं बेचा था. उनको लग रहा था की दाम बढ़ेंगे, लेकिन दाम बढ़े नहीं और नौबत ये आ गई कि उनका लहसुन खराब होने लगा. बाजार में जो किसान लहसुन लेकर आ रहा है वह खराब आ रहा है. इसकी वजह से व्यापारी लहसुन का दाम नहीं दे पा रहे हैं. हालांकि मंदसौर मंडी में लहसुन एक्सपोर्ट करने वाले व्यापारी राकेश बॉम्ब मंडी में एक्सपोर्ट क्वालिटी का लहसुन 12 हजार क्विंटल तक लिया जा रहा है. जाहिर सी बात है व्यापारी को तो एक्सपोर्ट के लिए अच्छे दाम मिल रहे हैं. लेकिन लहसुन किसानों के लिए मुसीबत बन गया है और उन्हें आंसू रुला रहा है. (MP Farmers Throw Garlic in Rivers)

भोपाल। मध्यप्रदेश में लहसुन की बंपर पैदावार किसानों के लिए मुसीबत बन गई है. मालवा और निमाड़ के कई जिलों में लहसुन की बंपर पैदावार हुई है, जिसकी वजह से इसके दामों पर भारी असर पड़ रहा है. मंडी में लहसुन के भाव जमीन पर आ गए हैं. हालत यह है कि मंडी में लहसुन के खरीददार नहीं मिल रहे हैं. बेहद कम दाम में बिकने से प्रदेश के कई जिलों और मंडियों में किसानों का आक्रोश देखने को मिला. न के बराबर भाव मिलने से नाराज किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. खंडवा, खरगौन, मंदसौर और नीमच में लहसुन की पैदावार ज्यादा होती है. यहां के किसान अब लहसुन को नदी और नालों में बहा रहे हैं. कई जगहों पर किसानों ने प्रदर्शन कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा भी है.(Garlic Cultivation in MP)

मंदसौर लहसुन मंडी भाव

50 पैसे बिक रहा लहसुन: मंडी में अभी 200 रुपए प्रति क्विंटल लहसुन बिक रहा है. मंडी के बाहर और खस्ताहाल है. किसानों का लहसुन 50 पैसे प्रति किलो बिक रहा है. जिसके कारण किसान उसे नालों में फेंक रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि किसानों को लग रहा था कि इस बार भी लहसुन के दाम आसमान छू लेंगे. लोगों ने गेहूं और अन्य फसलें न बोकर लहसुन की खेती की. भोपाल, इंदौर के साथ ही और भी इलाकों में किसान लहसुन लगाने लगे. जिसके कारण बंपर पैदावार हुई है, लेकिन अब भाव नहीं मिल रहे हैं. किसानों को अपनी फसल कौड़ी के भाव बेचनी पड़ रही है. इसको लेकर मंदसौर में ईटीवी भारत की टीम ने रियलिटी चेक भी किया था. यहां नाराज किसान लहसुन को नालों और सड़कों पर फेंकते दिखाई दिए थे. (Bumper yield Garlic MP)

मंदसौर लहसुन मंडी भाव

नाराज किसान कर रहे प्रदर्शन: किसानों में आक्रोश इतना है कि वे लहसुन को 50 पैसे किलो बेचने की जगह नदी और नालों में बहाना ठीक समझ रहे हैं. कहीं लहसुन पर पेट्रोल डालकर खेत में ही उसे जला रहे हैं. सीहोर जिले में पहले किसानों ने प्याज उगाई, लेकिन प्याज में भी उतार-चढ़ाव के चलते लहसुन की खेती पर ध्यान दिया, लेकिन इस बार लहसुन ने भी किसानों को मायूस कर दिया है. सीहोर के मांगीलाल पिछले कई सालों से प्याज और लहसुन की खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार लहसुन में लागत भी नहीं निकली, यदि मंडी में लहसुन ले जाते हैं तो भाड़ा भी नहीं निकल रहा, इसलिए नदी में बहा दिया. (Farmers Throw Garlic Rivers)

कमलनाथ भी उठा चुके हैं लहसुन की समस्या: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने किसानों द्वारा लहसुन की फसल को नदी में फेंके जाने का वीडियो अपने ट्वीटर अकाउंट पर डालते हुए लिखा कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में यह है किसानों की स्थिति और किसानों की आय दोगुनी करने के दावे का सच. उन्होंने आरोप लगाया कि लहसुन एक रुपए किलो से भी कम में बिक रहा है. घाटे के कारण किसान इसे कभी आग के हवाले कर रहे हैं तो कभी नदी में बहा रहे हैं. किसान को उसकी उपज का दाम नहीं मिल पा रहा और वह निरंतर कर्ज के दलदल में फंसता जा रहा है. इसके साथ ही एक और ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि, मैं सरकार से मांग करता हूं कि तत्काल आवश्यक निर्णय लेकर किसानों को राहत प्रदान की जाए. (Mandsaur Agricultural Produce Market)

  • मैं सरकार से माँग करता हूँ कि तत्काल आवश्यक निर्णय लेकर किसानो को राहत प्रदान की जावे।

    — Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

किसानों को हुआ लाखों का नुकसान: किसानों ने कहा 3 एकड़ में लहसुन लगाया था. 7 से 8000 प्रति किलो का बीज खरीदा, 1 एकड़ पर लागत आई, 32 से 35 हजार, साथ ही कीटनाशक भी डालना पड़ता है. सरकार भी न्यूनतम मूल्य पर लहसुन नहीं खरीद रही .है लिहाजा हमारे ही गांव में कई लोग डीजल चलाकर लहसुन में आग लगा रहे हैं. जानकारों के मुताबिक लहसुन उत्पादन करने वाले किसानों ने अपना माल नहीं बेचा था. उनको लग रहा था की दाम बढ़ेंगे, लेकिन दाम बढ़े नहीं और नौबत ये आ गई कि उनका लहसुन खराब होने लगा. बाजार में जो किसान लहसुन लेकर आ रहा है वह खराब आ रहा है. इसकी वजह से व्यापारी लहसुन का दाम नहीं दे पा रहे हैं. हालांकि मंदसौर मंडी में लहसुन एक्सपोर्ट करने वाले व्यापारी राकेश बॉम्ब मंडी में एक्सपोर्ट क्वालिटी का लहसुन 12 हजार क्विंटल तक लिया जा रहा है. जाहिर सी बात है व्यापारी को तो एक्सपोर्ट के लिए अच्छे दाम मिल रहे हैं. लेकिन लहसुन किसानों के लिए मुसीबत बन गया है और उन्हें आंसू रुला रहा है. (MP Farmers Throw Garlic in Rivers)

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