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अस्पताल में अंधा-विश्वास! सर्पदंश के बाद झाड़-फूंक कराते रहे परिजन, इलाज के अभाव में लड़की की मौत - खरगोन में सर्पदंश से लड़की की मौत

मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में सांप के काटने के बाद अस्पताल के बेड पर अंध विश्वास और झाड़-फूंक के चलते नाबालिग की मौत हो गई. अस्पताल में झाड़-फूंक करने से मना भी किया गया, लेकिन परिजनों और ग्रामीणों के विरोध के चलते अंध विश्वास को अस्पताल प्रबंधन नहीं रोक पाया.

khargone family kept exorcising in hospital
खरगोन अस्पताल में झाड़ फूंक
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Published : Jun 25, 2023, 1:29 PM IST

Updated : Jun 25, 2023, 2:26 PM IST

खरगोन अस्पताल में झाड़ फूंक

खरगोन। जिले के झिरन्या के शासकीय अस्पताल में लापरवाही की बड़ी तस्वीर सामने आई है. परिजन सर्पदंश पीड़िता एक लड़की को अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन इलाज की बजाय परिजन दो घंटे तक झाड़-फूंक करते रहे, जिससे लड़की की मौत हो गई (Girl died due to Snake Bite). अस्पताल में 17 वर्षीय नाबालिग आशा खतवासे के साथ झाड़-फूंक करते हुए वीडियो सामने आया है. झाड़-फूंक में दो घंटे निकल गए, इस दौरान पीड़िता को चक्कर आने लगे. खरगोन जिला अस्पताल ले जाते समय रस्ते में उसकी मौत हो गई.

अस्पताल में झाड़-फूंक का खेल: जानकारी के अनुसार, झिरन्या के इंदिरा नगर निवासी 17 वर्षीय आशा को घर में काम करने के दौरान सांप ने काट लिया था. अंधविश्वास के चलते परिजन दो घन्टे तक अस्पताल में ओझा से झाड फूंक कराते रहे. हालात बिगड़ने पर झिरन्या से जिला अस्पताल खरगोन रैफर कर किया गया लेकिन बीच रास्ते में उसने दम तोड़ दिया. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. डॉक्टरों के होते हुए अस्पताल में कैसा झाड़-फूंक की गई.

परिजनों ने इलाज करने से डॉक्टरों को रोका: वहीं, स्वास्थ्य महकमे के लोगों का कहना है कि ''अंधविश्वास के चलते ओझा से परिजन झाड़-फूंक कराने ले आये थे.'' इधर परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल में लड़की का इलाज कराया जा रहा था. तभी परिजनों ने ओझा को बुला लिया. झाड़-फूंक करने से रोकने पर ग्रामीण और परिजनों ने डॉक्टरों का विरोध किया.

अंध विश्वास को नहीं रोक सका अस्पताल प्रबंधन: जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीसी चौहान का कहना है कि ''झिरन्या का मामला संज्ञान में आया है. सर्पदंश पीड़ित नाबालिग को झिरन्या अस्पताल पहुंचते ही उसे वहां से खरगोन अस्पताल के लिये रैफर कर दिया था. लेकिन अंधविश्वास के चलते परिजन और ग्रामीण झाड़-फूंक कराते रहे. अस्पताल में झाडफूंक करने से मना भी किया, परिजनों से खरगोन ले जाने का बोला लेकिन परिजन नहीं माने. परिजनों और ग्रामीणों के विरोध के चलते अंध विश्वास को अस्पताल प्रबंधन नहीं रोक पाया.''

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खरगोन ले जाते वक्त नाबालिग की मौत: नाबालिग की हालत बिगड़ने पर बीएमओ ने एम्बुलेंस की व्यवस्था की और उसे खरगोन रैफर किया गया, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई. डॉ. डीसी चौहान का कहना है कि ''लापरवाही नहीं बल्कि अंधविश्वास के चलते लड़की की मौत हुई है.'' सीएमएचओ ने आमजन से स्वास्थ्य के मामले में अंधविश्वास नहीं करने की अपील भी की. झिरन्या अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन और आवश्यक उपचार को लेकर सीएमएचओ डाॅ. चौहान का कहना है कि ''इंजेक्शन अस्पताल में था लेकिन मामला गंभीर होने पर खरगोन रैफर किया गया था. लेकिन परिजनों पर अंधविश्वास भारी था.''

खरगोन अस्पताल में झाड़ फूंक

खरगोन। जिले के झिरन्या के शासकीय अस्पताल में लापरवाही की बड़ी तस्वीर सामने आई है. परिजन सर्पदंश पीड़िता एक लड़की को अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन इलाज की बजाय परिजन दो घंटे तक झाड़-फूंक करते रहे, जिससे लड़की की मौत हो गई (Girl died due to Snake Bite). अस्पताल में 17 वर्षीय नाबालिग आशा खतवासे के साथ झाड़-फूंक करते हुए वीडियो सामने आया है. झाड़-फूंक में दो घंटे निकल गए, इस दौरान पीड़िता को चक्कर आने लगे. खरगोन जिला अस्पताल ले जाते समय रस्ते में उसकी मौत हो गई.

अस्पताल में झाड़-फूंक का खेल: जानकारी के अनुसार, झिरन्या के इंदिरा नगर निवासी 17 वर्षीय आशा को घर में काम करने के दौरान सांप ने काट लिया था. अंधविश्वास के चलते परिजन दो घन्टे तक अस्पताल में ओझा से झाड फूंक कराते रहे. हालात बिगड़ने पर झिरन्या से जिला अस्पताल खरगोन रैफर कर किया गया लेकिन बीच रास्ते में उसने दम तोड़ दिया. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. डॉक्टरों के होते हुए अस्पताल में कैसा झाड़-फूंक की गई.

परिजनों ने इलाज करने से डॉक्टरों को रोका: वहीं, स्वास्थ्य महकमे के लोगों का कहना है कि ''अंधविश्वास के चलते ओझा से परिजन झाड़-फूंक कराने ले आये थे.'' इधर परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल में लड़की का इलाज कराया जा रहा था. तभी परिजनों ने ओझा को बुला लिया. झाड़-फूंक करने से रोकने पर ग्रामीण और परिजनों ने डॉक्टरों का विरोध किया.

अंध विश्वास को नहीं रोक सका अस्पताल प्रबंधन: जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीसी चौहान का कहना है कि ''झिरन्या का मामला संज्ञान में आया है. सर्पदंश पीड़ित नाबालिग को झिरन्या अस्पताल पहुंचते ही उसे वहां से खरगोन अस्पताल के लिये रैफर कर दिया था. लेकिन अंधविश्वास के चलते परिजन और ग्रामीण झाड़-फूंक कराते रहे. अस्पताल में झाडफूंक करने से मना भी किया, परिजनों से खरगोन ले जाने का बोला लेकिन परिजन नहीं माने. परिजनों और ग्रामीणों के विरोध के चलते अंध विश्वास को अस्पताल प्रबंधन नहीं रोक पाया.''

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खरगोन ले जाते वक्त नाबालिग की मौत: नाबालिग की हालत बिगड़ने पर बीएमओ ने एम्बुलेंस की व्यवस्था की और उसे खरगोन रैफर किया गया, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई. डॉ. डीसी चौहान का कहना है कि ''लापरवाही नहीं बल्कि अंधविश्वास के चलते लड़की की मौत हुई है.'' सीएमएचओ ने आमजन से स्वास्थ्य के मामले में अंधविश्वास नहीं करने की अपील भी की. झिरन्या अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन और आवश्यक उपचार को लेकर सीएमएचओ डाॅ. चौहान का कहना है कि ''इंजेक्शन अस्पताल में था लेकिन मामला गंभीर होने पर खरगोन रैफर किया गया था. लेकिन परिजनों पर अंधविश्वास भारी था.''

Last Updated : Jun 25, 2023, 2:26 PM IST
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