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महिलाओं का शक्ति मार्च दिवंगत इंदिरा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि : जोथिमनी

इंदिरा गांधी की जयंती पर महिला शक्ति मार्च में राहुल गांधी के साथ पार्टी की महिला सांसद, महिला विधायक के अलावा महिला जनप्रतिनिधि भाग लेंगी. यह मार्च दिवंगत इंदिरा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगा. इस संबंध में ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री ने सांसद जोथिमनी एस (jothimani s) से विशेष बातचीत की. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

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Published : Nov 18, 2022, 10:01 PM IST

jothimani s
जोथिमनी एस

नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 19 नवंबर को जयंती के अवसर पर महिला शक्ति मार्च में केवल महिलाएं राहुल गांधी के साथ पदयात्रा करेंगी. इस दौरान कई महिला सांसद, विधायक और पार्टी पदाधिकारी साथ चलेंगी, इससे लोगों के बीच में एक संदेश जाएगा. इस संबंध में ईटीवी भारत ने तमिलनाडु से सांसद जोथिमनी एस (jothimani s) से विशेष बातचीत की. जोथिमनी ने कहा कि हमने अपनी सभी महिला सांसदों, विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों और देश भर की आम महिलाओं को कल यात्रा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि यहां संख्या महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इससे जाने वाला मैसेज पर हमारा फोकस है. जोथिमनी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जीवन भर लोगों से जुड़ी रहीं. वह जनात के लिए एक आशा थीं. यात्रा अब इसी तरह की भावनाओं को जगा रही है, इसलिए 19 नवंबर को महिलाओं का मार्च दिवंगत इंदिरा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

उन्होंने कहा कि एक महिला के रूप में जिस चीज ने मुझे प्रभावित किया है वह यह है कि सभी आयु वर्ग की हजारों सामान्य महिलाएं आईं और अब तक पूरे मार्ग में यात्रा का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ महिलाएं राहुल के पास तक पहुंच गईं, उनमें से कुछ रो भी पड़ीं थीं. इसकी वजह क्या थी या उनके दिल में एक पुराना घाव था जिसे ठीक करने की उम्मीद का स्पर्श मिला. आमतौर पर पुरुष राजनेताओं के साथ महिलाएं सहज महसूस नहीं करती हैं जो आमतौर पर महिलाओं को ज्यादा स्पेस नहीं देते हैं लेकिन यह यात्रा उससे अलग रही है.

लोकसभा सांसद ने कहा कि वह यात्रा का समन्वय करने वाले एक विशेष पैनल का हिस्सा हैं. वह शुरू में 120 स्थायी भारत यात्रियों का हिस्सा नहीं थीं, लेकिन पैदल मार्च के लिए जनता की प्रतिक्रिया से प्रभावित हुईं और केरल चरण के बाद समूह में शामिल होने का फैसला किया.

जोथिमनी एस ने कहा कि शुरुआत में हर दिन 25 किमी पैदल चलना बहुत मुश्किल लगता था. मैं बेहद थकान महसूस करती थी तथा मेरे तलुवों में छाले पड़ गए थे और धूल के कारण फेफड़ों में संक्रमण भी हो गया था. लेकिन फिर भी मैं चलती रही, यह शारीरिक फिटनेस के बारे में नहीं बल्कि मानसिक शक्ति के बारे में है जो आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. उन्होंने कहा कि मुझे अन्य महिला भारत यात्रियों से भी प्रेरणा मिली जो बहादुरी से काम कर रही हैं. अब मैं उन्हीं की तरह रहती हूं. उन्होंने अब तक की यात्रा को समृद्धदायक बताते हुए कहा कि इस तरह का अनुभव आध्यात्मिक रूप से भी उन्नत होता है.

तमिलनाडु के नेता के अनुसार, चल रही यात्रा प्रतिभागियों में सर्वश्रेष्ठता का संचार कर रही है. उन्होंने कहा कि खान-पान और संस्कृति की दृष्टि से हमारे देश की विविधता अद्भुत और राजनीति से परे है. फिर भी यात्रा एक तरह से राजनीतिक है क्योंकि यह लोगों से जुड़ने के बारे में है. मैं इसका हिस्सा बनकर खुश हूं. अब कोई भी ब्रेक नहीं लेना चाहता है. लोकसभा सदस्य के अनुसार, 19 नवंबर का मार्च सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक जवाब होगा क्योंकि कांग्रेस के अलावा कोई भी राजनीतिक दल महिलाओं को इस तरह की जगह नहीं देता है और उनके सशक्तिकरण के लिए काम करता है.

सांसद जोथिमनी एस ने भाजपा एक पितृसत्तात्मक पार्टी है. वे महिलाओं के प्रति कम सम्मान दिखाते हैं, उनका मानना ​​है कि महिलाएं केवल बच्चे पैदा करने के लिए होती हैं. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में महिलाओं के खिलाफ बहुत अधिक हिंसा हो रही है. यह एक सामाजिक मुद्दा है और इसका कभी भी राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन यह पहली बार था कि हमने किसी राजनीतिक दल को बिलकिस बानो के बलात्कारियों का समर्थन करते देखा.

हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के छह हत्यारों की रिहाई पर, जिसमें एक महिला नलिनी भी शामिल है, लोकसभा सांसद ने कहा कि हालांकि उन्होंने कानून की प्रक्रिया का सम्मान किया. अदालत को इस बात पर ध्यान देना चाहिए था कि वे केवल पूर्व प्रधानमंत्री ही नहीं थे जो मानव आत्मघाती बम हमले में मारे गए. उन्होंने कहा कि हम कानूनी कार्यवाही का सम्मान करते हैं लेकिन हत्यारों का जश्न नहीं मनाया जाना चाहिए. वे राजीव गांधी के हत्यारे हैं लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री के साथ 10 और लोग मारे गए. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दया दी हो लेकिन उन्हें अपराध से दोषमुक्त नहीं किया गया है.

कांग्रेस नेता के मुताबिक, मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र द्वारा अब पुनर्विचार याचिका दायर करना देर से अहसास का उदाहरण है और यह जनता के दबाव में किया गया है. उन्होंने इसके बारे में पहले क्यों नहीं सोचा? उन्हें पहले ही कोर्ट में ऐसा स्टैंड लेना चाहिए था. उन्होंने यू टर्न ले लिया है. उन्होंने कहा कि जनता के दबाव में एक समीक्षा याचिका दायर की है क्योंकि लोग तमिलनाडु में आदेश के खिलाफ बाहर आए थे. हाल ही में एक भाजपा नेता द्वारा यात्रा को रोक देने की धमकी पर कांग्रेस नेता ने कहा, 'वर्षों से भाजपा द्वारा उनके खिलाफ अभियान चलाए जाने के बावजूद यात्रा ने असली राहुल गांधी को उजागर कर दिया है. उन्हें डर है कि यात्रा समाप्त होने तक कोई बड़ा सच सामने आ सकता है. लेकिन उस आदमी को कोई नहीं रोक सकता, वह उनकी तरह कायर नहीं हैं और उनमें काफी प्रतिबद्धता और साहस है.

ये भी पढ़ें - भारत जोड़ो यात्रा में राहुल के साथ शामिल हुए तुषार गांधी; कांग्रेस ने बताया ऐतिहासिक

नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 19 नवंबर को जयंती के अवसर पर महिला शक्ति मार्च में केवल महिलाएं राहुल गांधी के साथ पदयात्रा करेंगी. इस दौरान कई महिला सांसद, विधायक और पार्टी पदाधिकारी साथ चलेंगी, इससे लोगों के बीच में एक संदेश जाएगा. इस संबंध में ईटीवी भारत ने तमिलनाडु से सांसद जोथिमनी एस (jothimani s) से विशेष बातचीत की. जोथिमनी ने कहा कि हमने अपनी सभी महिला सांसदों, विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों और देश भर की आम महिलाओं को कल यात्रा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि यहां संख्या महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इससे जाने वाला मैसेज पर हमारा फोकस है. जोथिमनी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जीवन भर लोगों से जुड़ी रहीं. वह जनात के लिए एक आशा थीं. यात्रा अब इसी तरह की भावनाओं को जगा रही है, इसलिए 19 नवंबर को महिलाओं का मार्च दिवंगत इंदिरा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

उन्होंने कहा कि एक महिला के रूप में जिस चीज ने मुझे प्रभावित किया है वह यह है कि सभी आयु वर्ग की हजारों सामान्य महिलाएं आईं और अब तक पूरे मार्ग में यात्रा का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ महिलाएं राहुल के पास तक पहुंच गईं, उनमें से कुछ रो भी पड़ीं थीं. इसकी वजह क्या थी या उनके दिल में एक पुराना घाव था जिसे ठीक करने की उम्मीद का स्पर्श मिला. आमतौर पर पुरुष राजनेताओं के साथ महिलाएं सहज महसूस नहीं करती हैं जो आमतौर पर महिलाओं को ज्यादा स्पेस नहीं देते हैं लेकिन यह यात्रा उससे अलग रही है.

लोकसभा सांसद ने कहा कि वह यात्रा का समन्वय करने वाले एक विशेष पैनल का हिस्सा हैं. वह शुरू में 120 स्थायी भारत यात्रियों का हिस्सा नहीं थीं, लेकिन पैदल मार्च के लिए जनता की प्रतिक्रिया से प्रभावित हुईं और केरल चरण के बाद समूह में शामिल होने का फैसला किया.

जोथिमनी एस ने कहा कि शुरुआत में हर दिन 25 किमी पैदल चलना बहुत मुश्किल लगता था. मैं बेहद थकान महसूस करती थी तथा मेरे तलुवों में छाले पड़ गए थे और धूल के कारण फेफड़ों में संक्रमण भी हो गया था. लेकिन फिर भी मैं चलती रही, यह शारीरिक फिटनेस के बारे में नहीं बल्कि मानसिक शक्ति के बारे में है जो आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. उन्होंने कहा कि मुझे अन्य महिला भारत यात्रियों से भी प्रेरणा मिली जो बहादुरी से काम कर रही हैं. अब मैं उन्हीं की तरह रहती हूं. उन्होंने अब तक की यात्रा को समृद्धदायक बताते हुए कहा कि इस तरह का अनुभव आध्यात्मिक रूप से भी उन्नत होता है.

तमिलनाडु के नेता के अनुसार, चल रही यात्रा प्रतिभागियों में सर्वश्रेष्ठता का संचार कर रही है. उन्होंने कहा कि खान-पान और संस्कृति की दृष्टि से हमारे देश की विविधता अद्भुत और राजनीति से परे है. फिर भी यात्रा एक तरह से राजनीतिक है क्योंकि यह लोगों से जुड़ने के बारे में है. मैं इसका हिस्सा बनकर खुश हूं. अब कोई भी ब्रेक नहीं लेना चाहता है. लोकसभा सदस्य के अनुसार, 19 नवंबर का मार्च सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक जवाब होगा क्योंकि कांग्रेस के अलावा कोई भी राजनीतिक दल महिलाओं को इस तरह की जगह नहीं देता है और उनके सशक्तिकरण के लिए काम करता है.

सांसद जोथिमनी एस ने भाजपा एक पितृसत्तात्मक पार्टी है. वे महिलाओं के प्रति कम सम्मान दिखाते हैं, उनका मानना ​​है कि महिलाएं केवल बच्चे पैदा करने के लिए होती हैं. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में महिलाओं के खिलाफ बहुत अधिक हिंसा हो रही है. यह एक सामाजिक मुद्दा है और इसका कभी भी राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन यह पहली बार था कि हमने किसी राजनीतिक दल को बिलकिस बानो के बलात्कारियों का समर्थन करते देखा.

हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के छह हत्यारों की रिहाई पर, जिसमें एक महिला नलिनी भी शामिल है, लोकसभा सांसद ने कहा कि हालांकि उन्होंने कानून की प्रक्रिया का सम्मान किया. अदालत को इस बात पर ध्यान देना चाहिए था कि वे केवल पूर्व प्रधानमंत्री ही नहीं थे जो मानव आत्मघाती बम हमले में मारे गए. उन्होंने कहा कि हम कानूनी कार्यवाही का सम्मान करते हैं लेकिन हत्यारों का जश्न नहीं मनाया जाना चाहिए. वे राजीव गांधी के हत्यारे हैं लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री के साथ 10 और लोग मारे गए. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दया दी हो लेकिन उन्हें अपराध से दोषमुक्त नहीं किया गया है.

कांग्रेस नेता के मुताबिक, मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र द्वारा अब पुनर्विचार याचिका दायर करना देर से अहसास का उदाहरण है और यह जनता के दबाव में किया गया है. उन्होंने इसके बारे में पहले क्यों नहीं सोचा? उन्हें पहले ही कोर्ट में ऐसा स्टैंड लेना चाहिए था. उन्होंने यू टर्न ले लिया है. उन्होंने कहा कि जनता के दबाव में एक समीक्षा याचिका दायर की है क्योंकि लोग तमिलनाडु में आदेश के खिलाफ बाहर आए थे. हाल ही में एक भाजपा नेता द्वारा यात्रा को रोक देने की धमकी पर कांग्रेस नेता ने कहा, 'वर्षों से भाजपा द्वारा उनके खिलाफ अभियान चलाए जाने के बावजूद यात्रा ने असली राहुल गांधी को उजागर कर दिया है. उन्हें डर है कि यात्रा समाप्त होने तक कोई बड़ा सच सामने आ सकता है. लेकिन उस आदमी को कोई नहीं रोक सकता, वह उनकी तरह कायर नहीं हैं और उनमें काफी प्रतिबद्धता और साहस है.

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