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MP: वकीलों की हड़ताल पर HC सख्त, तुरंत पैरवी करने अदालतों में लौटें वकील, नहीं तो होगी अवमानना की कार्रवाई

मध्यप्रदेश में 93000 अधिवक्ता हड़ताल पर चल रहे हैं. लेकिन अब इस मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सख्ती दिखाते हुए आज शुक्रवार को एक आदेश जारी किया है. जिसमें उन्होंने अधिवक्ताओं से हड़ताल को तुरंत खत्म करके काम पर लौटने का आदेश दिया है, अदालत में पैरवी न करने वाले वकीलों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी.

Madhya Pradesh High Court strict on lawyers strike
वकीलों की हड़ताल पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट सख्त
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Published : Mar 24, 2023, 9:25 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने 'सुओ मोटो पिटीशन' पर सुनवाई करते हुए वकीलों की हड़ताल पर सख्त आदेश सुनाया है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डबल बेंच ने एक 'सुओ मोटो पिटीशन' की सुनवाई की. इसमें मध्य प्रदेश बार काउंसिल हाई कोर्ट, बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन के सदस्यों को पार्टी बनाया गया था. इस याचिका की सुनवाई के बाद 10 पेज के अपने आदेश में चीफ जस्टिस ने बड़े ही सख्त लहजे में वकीलों को तुरंत पैरवी पर लौटने का आदेश दिया है.

Madhya Pradesh High Court strict on lawyers strike
मुख्य न्यायाधीश ने जारी किया आदेश
Madhya Pradesh High Court strict on lawyers strike
मुख्य न्यायाधीश ने जारी किया आदेश

रोकने वालों के खिलाफ कार्रवाई: अपने आदेश में चीफ जस्टिस ने लिखा है कि ''यदि वकील मुकदमे में हाजिर नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई की जाएगी''. वहीं, यदि कोई दूसरा वकील या संगठन किसी को अदालत में आने से रोकेगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही चीफ जस्टिस के इस आदेश में न्यायिक अधिकारियों के लिए लिखा है कि यदि जानबूझकर वकील किसी मामले में पैरवी करने के लिए नहीं आते हैं तो वह इस बात की जानकारी हाईकोर्ट को देंगे.

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25 पुराने मामलों को निपटाने का आदेश: दरअसल यह समस्या चीफ जस्टिस के उस आदेश के बाद खड़ी हुई, जिसमें उन्होंने 25 पुराने मामलों को वरीयता के साथ निपटाने का आदेश दिया है और इस शर्त पर वकील राजी नहीं है. वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश बार काउंसिल के सदस्यों ने एक चिट्ठी जारी कर अपनी अगली रणनीति के बारे में बताया है कि वह चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हो रहे हैं और उनसे इस मामले में दखल की अपील करेंगे.

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने 'सुओ मोटो पिटीशन' पर सुनवाई करते हुए वकीलों की हड़ताल पर सख्त आदेश सुनाया है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डबल बेंच ने एक 'सुओ मोटो पिटीशन' की सुनवाई की. इसमें मध्य प्रदेश बार काउंसिल हाई कोर्ट, बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन के सदस्यों को पार्टी बनाया गया था. इस याचिका की सुनवाई के बाद 10 पेज के अपने आदेश में चीफ जस्टिस ने बड़े ही सख्त लहजे में वकीलों को तुरंत पैरवी पर लौटने का आदेश दिया है.

Madhya Pradesh High Court strict on lawyers strike
मुख्य न्यायाधीश ने जारी किया आदेश
Madhya Pradesh High Court strict on lawyers strike
मुख्य न्यायाधीश ने जारी किया आदेश

रोकने वालों के खिलाफ कार्रवाई: अपने आदेश में चीफ जस्टिस ने लिखा है कि ''यदि वकील मुकदमे में हाजिर नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई की जाएगी''. वहीं, यदि कोई दूसरा वकील या संगठन किसी को अदालत में आने से रोकेगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही चीफ जस्टिस के इस आदेश में न्यायिक अधिकारियों के लिए लिखा है कि यदि जानबूझकर वकील किसी मामले में पैरवी करने के लिए नहीं आते हैं तो वह इस बात की जानकारी हाईकोर्ट को देंगे.

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25 पुराने मामलों को निपटाने का आदेश: दरअसल यह समस्या चीफ जस्टिस के उस आदेश के बाद खड़ी हुई, जिसमें उन्होंने 25 पुराने मामलों को वरीयता के साथ निपटाने का आदेश दिया है और इस शर्त पर वकील राजी नहीं है. वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश बार काउंसिल के सदस्यों ने एक चिट्ठी जारी कर अपनी अगली रणनीति के बारे में बताया है कि वह चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हो रहे हैं और उनसे इस मामले में दखल की अपील करेंगे.

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