जबलपुर। भारत में दीपावली केवल दीपों का त्योहार नहीं है बल्कि दीपावली के दिन बड़े पैमाने पर देशभर में पटाखे चलाए जाते हैं. देश के कुछ हिस्सों में प्रदूषण की वजह से इन पर बन भी लगा हुआ है. लेकिन जबलपुर में ऐसी कोई स्थिति नहीं है और जबलपुर में लोग दीपावली पर जमकर पटाखे बाजी करते हैं. पटाखों के बाजार में हर बार कोई ना कोई बम चर्चा में रहता है इस बार सबसे ज्यादा चर्चा 'मियां बीवी' बम की है.
झगड़ा करने वाले पटाखे: 'मियां बीवी' बम के बारे में जानकारी देते हुए पटाखा विक्रेता मनमोहन ने हमें बताया कि ''यह बम मियां बीवी के घर में होने वाले नोक झोंक को ध्यान में रखकर बनाया गया है. जिस तरीके से घरों में मियां और बीवी की आपस में नहीं पटती और एक इस तरफ भागता है और दूसरा दूसरे तरफ भागता है. इसी तरीके से इस बम में भी दो बमों का एक जोड़ा है. जिसमें एक मियां है और एक बीवी है और उनके बीच में एक धागा लगा हुआ है. जैसे ही इसमें आग लगाई जाती है तो एक बम दूसरे को अपनी ओर खींचता है फिर दूसरा बम दूसरी ओर भागता है.
कई वैरायटी के पटाखे बाजार में मौजूद: जब ईटीवी भारत की टीम ने इस बम को आग लगाकर देखा तो यह बच्चों के चलने वाला बम नहीं है और उसको चलाने में सतर्कता बरतनी भी जरूरी है. क्योंकि यह तेजी से इधर-उधर भगता है. ऐसी स्थिति में यह बम किसी को भी नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसा लगता है कि इसमें मियां बीवी का झगड़ा कुछ ज्यादा हो गया है. पटाखा बाजार में मन्नू बताते हैं कि ''केवल 'मियां बीवी' बम ही नहीं बल्कि कई नए पटाखे आए हैं. इनमें एक मोर बम है जिसको जलने पर वह मोर की 3D आकृति बना देता है. इसी तरीके से मेड़क बम है जिसमें आग लगो तो वह मेंढक की तरह कूदता है. इन सब के साथ परंपरागत बमों की भी कई वैरायटी बाजार में हैं.''
चाइना मेड पटाखों से दूरी: जबलपुर पटाखा व्यापारी संघ के अध्यक्ष नीरज केसरवानी बताते हैं कि ''इस बार पटाखा बाजार में किसी ने भी चाइना मेड पटाखे नहीं बुलवाए हैं और बाजार में पूरी तरह देसी उत्पादकों के बने पटाखे हैं.'' नीरज केसरवानी का कहना है कि ''जबलपुर में ज्यादातर सेवा काशी से ही पटाखे आते हैं और इस बार उन्होंने इस बात का भी ध्यान रखा है की देवी देवताओं के चित्र वाले पटाखे नहीं बुलवाए हैं.''
जबलपुर में एक दर्जन से ज्यादा पटाखा बाजार: विनय केसरवानी ने बताया कि ''महंगाई का असर इस बार पटाखा बाजार में भी देखने को मिल रहा है. पटाखो में भी दाम लगभग 20% तक बढ़ गए हैं लेकिन इसके बाद भी खरीदारी कम नहीं हुई है और लोगों ने हर साल की ही तरह पटाखे खरीदे हैं. बाजार में सभी दुकानों के पटाखे बराबर बिक रहे हैं. जबलपुर में एक दर्जन से ज्यादा पटाखा बाजार लगते हैं और दीपावली की वजह से यहां लोगों को अच्छा रोजगार मिल जाता है. हालांकि यह काम कुछ दिनों का ही होता है लेकिन कुछ दिनों में ही लोगों की अच्छी खासी कमाई हो जाती है.''
पटाखे चलाते वक्त रखें सावधानी: पटाखे सबसे ज्यादा बच्चों को आकर्षित करते हैं और लापरवाही से पटाखा चलाने में कई बार दुर्घटनाएं भी घट जाती हैं. इसलिए डॉक्टर सुनील मिश्रा का कहना है कि ''पटाखा चलाते वक्त लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए. जहां पटाखा चलाएं उसके आसपास पानी का इंतजाम जरूर रखें. यदि कोई दुर्घटना का शिकार हो भी जाता है तो उसे तुरंत प्राथमिक उपचार देना चाहिए और अस्पताल लेकर जाना चाहिए.''