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MP प्रशासन ने ध्वस्त किया मुस्लिम व्यक्ति का घर, दंपति को अदालत से मिली सुरक्षा, जानें क्या है मामला

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Published : Apr 26, 2022, 4:04 PM IST

मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले के आसिफ खान और साक्षी साहू ने 4 अप्रैल को शादी की थी. साक्षी ने परिवार के खिलाफ जाकर यह कदम उठाया था. साक्षी के भाई की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण और महिला को शादी के लिए मजबूर करने की धाराओं में आसिफ खान पर मामला दर्ज किया था. इसके बाद जिला प्रशासन ने आसिफ के घर और तीन दुकानों को ध्वस्त कर दिया था.

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दंपति को अदालत से मिली सुरक्षा

डिंडौरी : मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पुलिस ने डिंडौरी जिले के आसिफ खान के खिलाफ दर्ज अपहरण के मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकल पीठ ने 22 वर्षीय साक्षी साहू द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया. साक्षी ने अदालत को बताया था कि उसने अपनी मर्जी से आसिफ खान से शादी की थी. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि उन्होंने प्रस्तुत किया कि वे अपनी शादी को विशेष विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत कराएंगे, क्योंकि वे दोनों सात अप्रैल से साथ रह रहे हैं.

दंपति को अदालत से मिली सुरक्षा

साक्षी साहू ने बताया कि भारत के नागरिक होने के नाते, उन्हें अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का अधिकार है. मध्य प्रदेश पुलिस ने 4 अप्रैल को साहू के भाई की शिकायत के आधार पर अपहरण और महिला को शादी के लिए मजबूर करने की धाराओं में आसिफ खान पर मामला दर्ज किया था. सात अप्रैल को जिला प्रशासन ने खान के परिवार से संबंधित तीन दुकानों को यह दावा करते हुए ध्वस्त कर दिया था कि उनका निर्माण अवैध रूप से किया गया था.

  • कलेक्टर श्री रत्नाकर झा ने डिंडोरी जिले में छात्रा के अपहरण के मामले में आरोपी आसिफ खान के दुकान और मकान को जमींदोज कर दिया गया है। दो दिवस तक आरोपी आसिफ खान के दुकानों सहित उसके अवैध मकान पर कार्रवाई की गई है।#MafiaMuktMP#sashaktmp @CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/Kcf6DIGAJC

    — Collector Dindori (@dindoridm) April 8, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

साक्षी ने लगाए गंभीर आरोपः विध्वंस के कुछ घंटों बाद, पूर्व मंत्री और भाजपा के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह राजपूत द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 45 पर एक विरोध प्रदर्शन किया गया, जिन्होंने मांग की थी कि खान के घर को भी तोड़ा जाना चाहिए. कलेक्टर रत्नाकर झा और सब डिविजनल मजिस्ट्रेट बलबीर रमन सहित जिला अधिकारियों की एक टीम ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की थी. इसके बाद आठ अप्रैल को खान के घर को तोड़ दिया गया था.

तहसीलदार ने अवैध घोषित किया था मकानः प्रशासन ने दावा किया था कि स्थानीय तहसीलदार बीएस ठाकुर ने उनके घर को 'अवैध' घोषित कर दिया था. सब डिविजनल मजिस्ट्रेट बलबीर रमन ने गांव में सांप्रदायिक तनाव को विध्वंस अभियान का कारण बताया. साक्षी ने बताया कि लोग चाहते थे कि घर को तोड़ा जाए. नौ अप्रैल को साहू ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि वह अपनी इच्छा से खान के साथ घर से गई थी. मैंने अपने परिवार के विरोध के बावजूद आसिफ खान से शादी की है.

यह भी पढ़ें- 'मामा के बुलडोजर' ने तोड़े तीन होटल और दो बेकरी, एक दर्जन से ज्यादा युवक गिरफ्तार

साक्षी ने कहा कि मेरे पति के परिवार को झूठा फंसाया जा रहा है. मैंने उससे अपनी मर्जी से शादी की, लेकिन मेरा परिवार तथ्यों का गलत इस्तेमाल कर रहा है और आसिफ के परिवार पर झूठे मामले थोप रहा है. उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. उनके घर और दुकानों को तोड़ दिया गया है. मैं मुख्यमंत्री से मेरी मदद करने का आग्रह करता हूं, नहीं तो मैं और मेरे पति दोनों आत्महत्या कर लेंगे.

डिंडौरी : मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पुलिस ने डिंडौरी जिले के आसिफ खान के खिलाफ दर्ज अपहरण के मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकल पीठ ने 22 वर्षीय साक्षी साहू द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया. साक्षी ने अदालत को बताया था कि उसने अपनी मर्जी से आसिफ खान से शादी की थी. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि उन्होंने प्रस्तुत किया कि वे अपनी शादी को विशेष विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत कराएंगे, क्योंकि वे दोनों सात अप्रैल से साथ रह रहे हैं.

दंपति को अदालत से मिली सुरक्षा

साक्षी साहू ने बताया कि भारत के नागरिक होने के नाते, उन्हें अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का अधिकार है. मध्य प्रदेश पुलिस ने 4 अप्रैल को साहू के भाई की शिकायत के आधार पर अपहरण और महिला को शादी के लिए मजबूर करने की धाराओं में आसिफ खान पर मामला दर्ज किया था. सात अप्रैल को जिला प्रशासन ने खान के परिवार से संबंधित तीन दुकानों को यह दावा करते हुए ध्वस्त कर दिया था कि उनका निर्माण अवैध रूप से किया गया था.

  • कलेक्टर श्री रत्नाकर झा ने डिंडोरी जिले में छात्रा के अपहरण के मामले में आरोपी आसिफ खान के दुकान और मकान को जमींदोज कर दिया गया है। दो दिवस तक आरोपी आसिफ खान के दुकानों सहित उसके अवैध मकान पर कार्रवाई की गई है।#MafiaMuktMP#sashaktmp @CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/Kcf6DIGAJC

    — Collector Dindori (@dindoridm) April 8, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

साक्षी ने लगाए गंभीर आरोपः विध्वंस के कुछ घंटों बाद, पूर्व मंत्री और भाजपा के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह राजपूत द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 45 पर एक विरोध प्रदर्शन किया गया, जिन्होंने मांग की थी कि खान के घर को भी तोड़ा जाना चाहिए. कलेक्टर रत्नाकर झा और सब डिविजनल मजिस्ट्रेट बलबीर रमन सहित जिला अधिकारियों की एक टीम ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की थी. इसके बाद आठ अप्रैल को खान के घर को तोड़ दिया गया था.

तहसीलदार ने अवैध घोषित किया था मकानः प्रशासन ने दावा किया था कि स्थानीय तहसीलदार बीएस ठाकुर ने उनके घर को 'अवैध' घोषित कर दिया था. सब डिविजनल मजिस्ट्रेट बलबीर रमन ने गांव में सांप्रदायिक तनाव को विध्वंस अभियान का कारण बताया. साक्षी ने बताया कि लोग चाहते थे कि घर को तोड़ा जाए. नौ अप्रैल को साहू ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि वह अपनी इच्छा से खान के साथ घर से गई थी. मैंने अपने परिवार के विरोध के बावजूद आसिफ खान से शादी की है.

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साक्षी ने कहा कि मेरे पति के परिवार को झूठा फंसाया जा रहा है. मैंने उससे अपनी मर्जी से शादी की, लेकिन मेरा परिवार तथ्यों का गलत इस्तेमाल कर रहा है और आसिफ के परिवार पर झूठे मामले थोप रहा है. उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. उनके घर और दुकानों को तोड़ दिया गया है. मैं मुख्यमंत्री से मेरी मदद करने का आग्रह करता हूं, नहीं तो मैं और मेरे पति दोनों आत्महत्या कर लेंगे.

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