ग्वालियर (मध्य प्रदेश): अहमदाबाद में विश्व के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम मोटेरा (Motera Stadium) का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखे जाने के खिलाफ दायर याचिका को मध्यप्रदेश हाइकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने खारिज कर दिया है. साथ ही जनहित याचिका दायर करने वाले वकील पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
याचिका में क्या कहा गया था
याचिकाकर्ता अधिवक्ता उमेश बोहरे का कहना है कि पूर्व में इस स्टेडियम को लौह पुरुष और देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल (Vallabhbhai Patel) के नाम से जाना जाता था. बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर स्टेडियम का नाम रख दिया गया. उन्होंने कहा कि देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. उनके नाम पर बने स्टेडियम का नाम नहीं बदला जाना चाहिए.
कोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट ने स्टेडियम का नाम बदलने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह याचिक सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए लगाई गई है, जबकि यह जनहित का मुद्दा नहीं है. कोर्ट के मुताबिक ये पॉलिसी मैटर है. कोर्ट ने जनहित याचिका को खारिज करने के साथ ही अधिवक्ता उमेश बोहरे पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
अहमदाबाद का सरदार पटेल स्टेडियम हुआ नरेंद्र मोदी स्टेडियम
अधिवक्ता का यह भी कहना है कि वे हाईकोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं. यह याचिका उन्होंने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए नहीं लगाई थी. हजारों लाखों लोगों के प्रेरणा स्रोत सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्मृति को चिर स्थाई करने के लिए लगाई गई थी. उन्होंने कहा कि वह हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे और अपनी बात रखेंगे. गौरतलब है कि अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा गया था. ये दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है.
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