भोपाल। उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्यप्रदेश के स्कलों में भी वीर सावरकर को पढ़ाया जाएगा. मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने ये ऐलान किया है. स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि वीर सावरकार का देश की आजादी में अभूतपूर्व योगदार रहा है, इसलिए उनको हर जगह सम्मान मिलता चाहिए. कांग्रेस ने देश के महान क्रांतिकारियों को इतिहास के पन्नों में जगह नहीं दी. हम स्कूली पाठ्यक्रमों में गीता का संदेश के अलावा परशुराम, सुखदेव, राजगुरू जैसे क्रांतिकारियों को शामिल करेंगे. वीर सावरकर का जीवन दर्शन भी बच्चों को पढ़ाया जाएगा. उधर कांग्रेस ने कहा कि वीर सावरकर को पढ़ाएं, लेकिन यह भी पढ़ाएं कि कैसे उन्होंने अंग्रेजों की मदद की. प्रदेश सरकार के इस ऐलान को ने शर्मनाक बताया है. साथ ही पूछा है कि सावरकर का स्वतंत्रता संग्राम में क्या योगदान रहा, पहले यह भाजपा क्लियर करे.
यह बोले प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री: मध्यप्रदेश में इन दिनों महापुरुषों के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े लोगों की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. बीजेपी की सरकार एक और गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने की अगुवाई करती है, तो वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के स्कूलों में अब विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर को भी पढ़ाया जाएगा. इसकी जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी की जा रही है. स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने इस पर मुहर भी लगा दी है. प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि वीर सावरकर उन महान क्रांतिकारियों में से एक हैं, जिन्हें एक जन्म में दो-दो आजन्म कारावास की सजा हुई थी. 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में वे पहले लेखक थे, जिन्होंने 1857 के आंदोलन को स्वतंत्रता आंदोलन कहा था. देश की आजादी में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है, इसलिए उन्हें हर जगह सम्मान मिलना चाहिए.
कांग्रेस ने विदेश मानसिकता को बढ़ावा दिया: मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस की सरकार जबसे थी, उन्होंने भारत के क्रांतिकारियों के इतिहास में जगह ही नहीं दी. उन्हें इतिहास के पन्नों से दूर रखा. कांग्रेस की सरकारों ने उन्हें महान बना दिया था जो विदेशी मानसिकता रखते थे. अब हम पाठ्यक्रम में भारत के क्रांतिकारियों को शामिल कर रहे हैं और उन्हें पढ़ाने का काम करेंगे. ऐसे में पाठ्यक्रम में वीर सावरकर की जीवनी को भी जोड़े जाने की तैयारी की जा रही है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत केन्द्रित शिक्षा पर काम कर रही है, इसमें देश के लिए काम करने वाले देश के हीरो होंगे. हम पाठ्यक्रमों को महापुरूषों की जीवनी को जोड़ेंगे. हम जो नया सेटअप बना रहे हैं, उस पाठ्यक्रम में हम सावरकर को शामिल करेंगे.
कांग्रेस ने बोली सावरकार का पूरा सच पढ़ाएं: उधर इसको लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि सरकार इस पर फैसला ले और वीर सावरकार का पूरा इतिहार पढ़ाए. ताकि एमपी के बच्चे इतिहास को लेकर गुमराह न रहें. बच्चों को बताएं कि उन्होंने किस बात को लेकर माफी मांगी थी. जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने देश की आजादी के आंदोलन में भाग नहीं लिया. उन्होंने अंग्रेजों की सेना में शामिल करने के लिए कैंप लगाए. छात्रों को इतिहास का पूरा सच दिखाया जाना चाहिए. आधा सच दिखाकर उन्हें सरकार भ्रमित न करे. आजादी का आंदोलन 100 साल चला है. इस 100 साल के आंदोलन में सावरकर की क्या भूमिका है, यह भी पढ़ाया जाए. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश बोर्ड ने भी अपने पाठ्यक्रमों में 50 महापुरुषों को शामिल किया है, इसमें वीर सावरकर भी शामिल हैं.
यहां पढ़ें... |
आरिफ मसूद ने पूछा सावरकर योगदान बताए बीजेपी: वहीं कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि लगातार इस तरह के पाठ्यक्रम को बीजेपी सरकार स्कूलों में शामिल कर रही है. जिससे धार्मिक भावनाएं आहत है, एक और जहां गीता को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया, वहीं दूसरी ओर अब वीर सावरकर को भी पाठ्यक्रम में पढ़ाने की बात कही जा रही है. मसूद ने सवाल किया कि वीर सावरकर ने स्वतंत्रता संग्राम में क्या योगदान दिया और उनकी क्या भूमिका थी. इसको लेकर भी बीजेपी को सारी बातें कहनी चाहिए. यह बेहद शर्मनाक है की अन्य क्रांतिकारी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, जिन्होंने अपने प्राण तक इस देश के लिए न्योछावर कर दिए, उनको भूलकर बीजेपी सावरकर को शामिल कर रही है जो अन्य क्रांतिकारियों का अपमान है.
यूपी में हुई थी घोषणा: फिलहाल तो यह मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आपको बता दें कि इसके पहले अभी 23 जून को ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने घोषणा करते हुए यूपी बोर्ड के सिलेबस में सावरकर को शामिल करने की बात कही थी. जिसमें सावरकर की जीवनी को सिलेबस में शामिल किया जा रहा है. वहां यूपी बोर्ड में 9th से 12th तक के छात्र सावरकर की जीवनी को पड़ेंगे.