भोपाल। मध्यप्रदेश के सर्किट हाउस में अब खास के लिए आम वयक्ति के लिए भी मौजूद हो सकेंगे. प्रदेश का लोक निर्माण विभाग राजस्थान पैटर्न अपनाएगा. यदि आपको गेस्ट हाउस बुक करना है तो ऑनलाइन बुकिंग के जरिए आप ये कर सकते हैं. अभी तक रसूखदार गेस्ट हाउसों में डेरा डालकर मनचाहे दिनों तक ठहरे रहते हैं. इससे सरकार को आर्थिक नुकसान होता है. पीडब्ल्यूडी विभाग ने राज्य शासन को संबंध प्रस्ताव भेजा है. राजस्थान ने अपने राज्य के सभी गेस्ट और सर्किट हाउस में ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम तैयार किया है. जिसके बाद एमपी भी यही करने जा रहा है.
विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बड़े अधिकारी जब स्थानांतरित होकर आते हैं तो महीनों इनका सर्किट या गेस्ट हाउस में डेरा रहता है. मंत्री भी खुद महीनों तक अप्रत्यक्ष कब्जा करके नजदीकियों को ठहराते हैं. शुरुआती दौर से पंजी में मैनुअल एंट्री होती आ रही है. लगातार यह देखने को मिल रहा है कि व्यक्ति कई दिनों तक ठहरा है, लेकिन उसकी एंट्री नहीं हुई. इसका आर्थिक नुकसान विभाग को उठाना पड़ा और अपने खजाने से राशि का भुगतान करना पड़ा. दरअसल राजस्थान ने अपने राज्य के सभी गेस्ट और सर्किट हाउस में ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम तैयार किया है. ठीक उसी प्रकार की व्यवस्था एमपी में होने जा रही है.
100 गेस्ट हाउस बनेंगे आधुनिक, प्रदेश में 478 सर्किट और रेस्ट हाउस: विभाग के मुताबिक राज्य में कुल 478 सर्किट एवं रेस्ट हाउस हैं. इनसे 34 सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस पर्यटन विभाग को हस्तांतरित किए गए हैं. शुरुआती तौर में 100 सर्किट और गेस्ट हाउस को अत्याधुनिक रुप दिया जा रहा है. यह वे हाउस हैं, जो जिला स्तर और तहसील स्तर पर संचालित हो रहे हैं. जहां पर लोगों का ज्यादा आना-जाना है. कहा जा रहा है कि इनकी बेहतर मरम्मत कर सभी सुविधाएं जुटाई जाएंगी. इससे लोग इनमें ठहर सकें और विभाग को आमदनी भी हो सके. सर्किट एवं गेस्ट हाउस की ऑनलाइन बुकिंग के लिए मैप आईटी ने साफ्ट वेयर तैयार किया है. प्रतिष्ठानों में कमरों में आवश्यक मरम्मत कार्य कर अपग्रेड किया जाएगा. आवश्यक फर्नीचर एवं क्राकरी की उचित व्यवस्था की जाएगी. हाउस में रूकने के लिए प्रचलित नियम 2001 में संशोधन कर नाश्ता, भोजन एवं ठहरने के लिए नवीन दरों का निर्धारण किया जाएगा.
बजट के लिए सांसद विधायक निधि का उपयोग: अफसरों का कहना है कि सर्किट एवं गेस्ट हाउस का रिजुविनेशन विधायक और सांसद निधि से होगा. इसके लिए आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है. जिला स्तर पर सर्किट व रेस्ट हाउस का प्रबंधन एवं संचालन कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग व जिला स्तर पर मैनेजर अनुविभागीय अधिकारी और तहसील स्तर पर उपयंत्री कार्य संभालेगा. प्रबंधन हेतु अलग से बैंक एकाउंट उपयोग किया जाएगा. जिसमें से प्राप्त आय जमा होगी. इसके लिए अलग से बैंक एकाउंट खोला जाएगा.
वीआईपी का भुगतान कलेक्टर करेंगे: सर्किट एवं रेस्ट हाउस में सभी श्रेणी के लोगों को कक्ष किराया जमा करना होगा. शासकीय दौरे पर अधिकारियों को किराए की राशि में रिम्बर्समेंट की पात्रता होगी. हर हाउस में दो कक्ष वीआईपी के लिए आरक्षित रखे जाएंगे. जिनका आरक्षण प्रोटोकॉल अधिकारी द्वारा किया जाएगा. भारत सरकार द्वारा 26 जुलाई 2019 में जारी आदेश के अनुसार इनका किराया जिला कलेक्टर द्वारा सत्कार निधि से भरा जाएगा.
|
पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव बोले: लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि अभी विभाग ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है. यह मामला अभी शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है. हमारा प्रयास है कि जिस प्रकार राजस्थान में ऑनलाइन सिस्टम शुरु किया गया है. ठीक उसी तरह की व्यवस्था एमपी में हो.