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MP News: गौ-संवर्धन बोर्ड ने केंद्र सरकार को दी सलाह, हेलीपैड नुमा गौठान बनाकर बचाई जा सकती है गौवंश की जान

सड़कों पर वाहनों को शिकार होकर मर रहे गौवंश को लेकर एमपी गौ संवर्धन बोर्ड ने सरकार को नसीहत दी है. बोर्ड ने हैलीपेड नुमा गौठान बनाकर गौवंशों की जान बचाने की बात कही है.

MP News
रोड में गौवंश
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 8, 2023, 10:12 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एमपी गौ-संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ने केंद्र सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को एक पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने नेशनल हाईवे पर एक्सीडेंट की वजह से मरने वाले गौवंश पर चिंता जताई थी, इसके समाधान के लिए मध्य प्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष ने गौठान बनाने का एक प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा है. उन्होंने गौठान का नक्शा भी केंद्र सरकार को दिया है.

गौ हत्या रोकने के बाद खड़ी हुई समस्या: गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष अखिलेशआनंद गिरी महाराज का कहना है कि "यदि इस तरह के गौठान बनाए जाते हैं, तो सड़क पर मरने वाले बेकसूर जानवरों को बचाया जा सकता है. दरअसल मध्य प्रदेश में बीते कुछ सालों में 2 बड़े परिवर्तन हुए. पहला परिवर्तन गौ हत्या पर प्रतिबंध और दूसरा चौड़ी लंबी तेज रफ्तार वाली सड़कें. इन दोनों की वजह से एक नई समस्या खड़ी हुई. जिसकी वजह से सड़कों पर जानवर मारे जा रहे हैं. दरअसल, गौ हत्या पर प्रतिबंध लगने के गौवंश की खरीद बिक्री पर बड़ा असर पड़ा और पहले जो अनुपयोगी जानवर बाजार में बिक जाते थे. अब उन्हें कोई भी बेचता नहीं है. इसलिए लोगों ने इन्हें सड़कों पर छोड़ना शुरू कर दिया.

पक्के फर्श पर बैठना पसंद करती है गाय: इन आवारा जानवरों को लोग अपने खेतों में नहीं घुसने देते. वहां से उन्हें खदेड़ दिया जाता है. ऐसी स्थिति में यह जानवर सड़कों पर बैठ जाते हैं. खासतौर पर बरसात के मौसम में इन जानवरों के पास सड़क पर बैठने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता, क्योंकि गीली मिट्टी में बैठने में गाय को परेशानी होती है. सड़क पर बैठे हुए जानवर तेज रफ्तार सड़कों पर बड़े वाहनों की चपेट में आते हैं.

इन जानवरों की कोई गिनती नहीं: राज्य और केंद्र के पास इस बात का कोई आंकड़ा नहीं है कि तेज रफ्तार सड़कों पर कितने जानवर मारे जा रहे हैं, लेकिन इसका अनुभव सभी को है, सड़क पर गुजरते हुए आपने अक्सर सड़क पर मरे हुए जानवर देखे होंगे. जो किसी बड़े वाहन की टक्कर से मारे गए हैं. वहीं सड़क पर बैठे हुए इन जानवरों की वजह से छोटी कारों के भी एक्सीडेंट होते हैं. इसकी वजह से न केवल जानवर मारे जाते हैं, बल्कि कार में बैठे हुए सवारों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. इस समस्या का मध्यप्रदेश के सड़क परिवहन विभाग के पास कोई विकल्प नहीं है.

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गौठान बनाने का प्रस्ताव: ज्यादातर लोग सड़क पर मरे हुए जानवरों के बारे में मध्य प्रदेश के गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष अखिलेश्वर आनंद गिरि महाराज से शिकायत करते हैं, लेकिन उनके पास भी इस समस्या का कोई स्थाई निदान नहीं है. गौ संवर्धन बोर्ड का कहना है कि "जिन गांव के पास से हाईवे गुजर रहे हैं उनमें बहुत से गांव में गौशाला में बना दी गई है. लोगों से यह अपील की जाती है कि वह आवारा पशुओं को उन गौशालाओं तक पहुंचा दें. वहीं दूसरी ओर जहां गौशाला नहीं है. वहां अखिलेश्वर आनंद गिरि महाराज ने एक प्रस्ताव दिया है. जिसमें गौठान बनाने की बात कही गई है. महाराज के अनुसार यह गौठान हेलीपैड नुमा एक संरचना होगी, जो गोलाकार होगी और सड़क पर बैठे हुए जानवरों को एक पक्का आंगन मिल जाएगा. इससे वे सड़कों पर नहीं जाएंगे. अखिलेश्वर आनंद ने यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. हालांकि इस पर अभी केंद्र सरकार की ओर से सहमति नहीं मिली है, लेकिन यदि इस तरह की कोशिश की जाती है, तो इससे बेकसूर जानवरों की रक्षा की जा सकेगी.

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एमपी गौ-संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ने केंद्र सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को एक पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने नेशनल हाईवे पर एक्सीडेंट की वजह से मरने वाले गौवंश पर चिंता जताई थी, इसके समाधान के लिए मध्य प्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष ने गौठान बनाने का एक प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा है. उन्होंने गौठान का नक्शा भी केंद्र सरकार को दिया है.

गौ हत्या रोकने के बाद खड़ी हुई समस्या: गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष अखिलेशआनंद गिरी महाराज का कहना है कि "यदि इस तरह के गौठान बनाए जाते हैं, तो सड़क पर मरने वाले बेकसूर जानवरों को बचाया जा सकता है. दरअसल मध्य प्रदेश में बीते कुछ सालों में 2 बड़े परिवर्तन हुए. पहला परिवर्तन गौ हत्या पर प्रतिबंध और दूसरा चौड़ी लंबी तेज रफ्तार वाली सड़कें. इन दोनों की वजह से एक नई समस्या खड़ी हुई. जिसकी वजह से सड़कों पर जानवर मारे जा रहे हैं. दरअसल, गौ हत्या पर प्रतिबंध लगने के गौवंश की खरीद बिक्री पर बड़ा असर पड़ा और पहले जो अनुपयोगी जानवर बाजार में बिक जाते थे. अब उन्हें कोई भी बेचता नहीं है. इसलिए लोगों ने इन्हें सड़कों पर छोड़ना शुरू कर दिया.

पक्के फर्श पर बैठना पसंद करती है गाय: इन आवारा जानवरों को लोग अपने खेतों में नहीं घुसने देते. वहां से उन्हें खदेड़ दिया जाता है. ऐसी स्थिति में यह जानवर सड़कों पर बैठ जाते हैं. खासतौर पर बरसात के मौसम में इन जानवरों के पास सड़क पर बैठने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता, क्योंकि गीली मिट्टी में बैठने में गाय को परेशानी होती है. सड़क पर बैठे हुए जानवर तेज रफ्तार सड़कों पर बड़े वाहनों की चपेट में आते हैं.

इन जानवरों की कोई गिनती नहीं: राज्य और केंद्र के पास इस बात का कोई आंकड़ा नहीं है कि तेज रफ्तार सड़कों पर कितने जानवर मारे जा रहे हैं, लेकिन इसका अनुभव सभी को है, सड़क पर गुजरते हुए आपने अक्सर सड़क पर मरे हुए जानवर देखे होंगे. जो किसी बड़े वाहन की टक्कर से मारे गए हैं. वहीं सड़क पर बैठे हुए इन जानवरों की वजह से छोटी कारों के भी एक्सीडेंट होते हैं. इसकी वजह से न केवल जानवर मारे जाते हैं, बल्कि कार में बैठे हुए सवारों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. इस समस्या का मध्यप्रदेश के सड़क परिवहन विभाग के पास कोई विकल्प नहीं है.

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गौठान बनाने का प्रस्ताव: ज्यादातर लोग सड़क पर मरे हुए जानवरों के बारे में मध्य प्रदेश के गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष अखिलेश्वर आनंद गिरि महाराज से शिकायत करते हैं, लेकिन उनके पास भी इस समस्या का कोई स्थाई निदान नहीं है. गौ संवर्धन बोर्ड का कहना है कि "जिन गांव के पास से हाईवे गुजर रहे हैं उनमें बहुत से गांव में गौशाला में बना दी गई है. लोगों से यह अपील की जाती है कि वह आवारा पशुओं को उन गौशालाओं तक पहुंचा दें. वहीं दूसरी ओर जहां गौशाला नहीं है. वहां अखिलेश्वर आनंद गिरि महाराज ने एक प्रस्ताव दिया है. जिसमें गौठान बनाने की बात कही गई है. महाराज के अनुसार यह गौठान हेलीपैड नुमा एक संरचना होगी, जो गोलाकार होगी और सड़क पर बैठे हुए जानवरों को एक पक्का आंगन मिल जाएगा. इससे वे सड़कों पर नहीं जाएंगे. अखिलेश्वर आनंद ने यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. हालांकि इस पर अभी केंद्र सरकार की ओर से सहमति नहीं मिली है, लेकिन यदि इस तरह की कोशिश की जाती है, तो इससे बेकसूर जानवरों की रक्षा की जा सकेगी.

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