जबलपुर : मध्यप्रदेश की एक अदालत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan ) और दो अन्य को नोटिस जारी किया है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा (Vivek Tankha) ने उनके खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि केस दायर किया था.
तन्खा के वकील वाजिद हैदर ने बताया कि 8वें अतिरिक्त जिला न्यायाधीश विवेक पटेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य भाजपा प्रमुख वीडी शर्मा और राज्य के शहरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को नोटिस जारी कर 25 फरवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा.
वकील ने कहा कि प्रतिवादियों ने सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण मामले के संबंध में तन्खा के खिलाफ कुछ छवि खराब करने वाले बयान दिए जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा.
उन्होंने कहा कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने शीर्ष अदालत में ओबीसी कोटा मामले की कार्यवाही के बारे में गलत तथ्यों का प्रचार करके कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य को बदनाम किया.
हैदर ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान ओबीसी कोटा त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली में पेश किया गया था. शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश में पंचायत चुनावों में ओबीसी कोटा पर रोक लगा दी थी. कांग्रेस नेता मनमोहन नागर, जो भोपाल जिला पंचायत के अध्यक्ष हैं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार ने आरक्षण रोटेशन और परिसीमन पर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है. तन्खा नागर के वकील थे.
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राज्य में भाजपा नेताओं ने तब आरोप लगाया था कि कांग्रेस ओबीसी के खिलाफ थी. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दावा किया कि स्थगन इसलिए आया क्योंकि विपक्षी दल ने इस मुद्दे को अदालत में घसीटा.