ETV Bharat / bharat

किन्नरों के साथ हुआ 'सरकारी मज़ाक', कल्याण और पुनर्वास के लिए बजट में दी गई इतनी राशि, पढ़ें खबर - MP Budget for transgenders allocates only 1000 rupees

हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने अपने बजट में किन्नरों के लिए जो व्यवस्था की है उसे देखकर कोई भी उनकी स्थिति का अंदाजा लगा सकता है. सरकार ने किन्नरों के कल्याण और पुनर्वास के लिए बजट में सिर्फ एक हजार रुपये (MP Budget for transgenders allocates only 1000 rupees) दिए हैं.

MP Budget for transgenders allocates only 1000 rupees
एमपी किन्नर बजट
author img

By

Published : Feb 6, 2022, 12:22 PM IST

भोपाल: किन्नरों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें अपने स्तर पर भरसक प्रयास कर रही हैं, लेकिन हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने अपने बजट में किन्नरों के लिए जो व्यवस्था की है उसे देखकर कोई भी उनकी स्थिति का अंदाजा लगा सकता है. सरकार ने किन्नरों के कल्याण और पुनर्वास के लिए बजट में सिर्फ एक हजार रुपये (MP Budget for transgenders allocates only 1000 rupees ) दिए.

सिर्फ 22 किन्नरों के पहचान पत्र जारी किये गये
सामाजिक न्याय विभाग की तरफ से दावा किया गया था कि इस अधिनियम के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए ग्राम सभा में इस एजेंडा को शामिल किया गया है लेकिन ये सारे दावे हवा साबित हो रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि वार्षिक प्रतिवेदन में अब तक केवल 22 ट्रांसजेंडर को ही पहचान पत्र जारी किए गए हैं.

MP Budget for transgenders allocates only 1000 rupees
एमपी में ट्रांसजेंडर के कल्याण और पुनर्वास के लिए बजट में सिर्फ एक हजार रुपये

ट्रांसजेंडर को लेकर राज्य सरकार ने की थी ये घोषणाएं

  • ट्रांसजेंडर को सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ दिलाने, शैक्षणिक, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य योजनाओं, व्यावसायिक प्रशिक्षण और स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा की जाएगी.
  • सरकारी और निजी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, कब्रिस्तानों और दूसरे सार्वजनिक स्थानों पर ट्रांसजेंडर्स के साथ होने वाले भेदभाव को खत्म करने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
  • ट्रांसजेंडर के लिए हाॅस्पिटल्स में अलग से वार्ड और कार्यालयों में अलग से शौचालय बनाए जाएंगे. इसके लिए दो साल की समय सीमा तय की गई है.
  • ट्रांसजेंडर को एजुकेट करने, ट्रेनिंग दिलाने, उनके अधिकारों की जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे.
  • ट्रांसजेंडर के लिए चिकित्सा शिक्षा हेतु पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया जाएगा.
  • ट्रांसजेंडर के लिए काॅलेज-स्कूलों में संवेदनशीलता के लिए समानता और लैंगिक विविधता के लिए शैक्षणिक पाठ्यकम में बदलाव किया जाएगा.
  • स्कूल काॅलेज में पढ़ने वाले ट्रांसजेंडर छात्रों को प्रताड़ित न किया जा सके, इसके लिए एक समिति का गठन किया जाएगा.
    transgender certificate
    किन्नर सर्टीफिकेट

एमपी से हैं देश की पहली किन्नर विधायक
जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश, देश का ऐसा पहला राज्य है जहां विधायक के रुप में पहली बार किन्नर शबनम मौसी चुनी गईं. सन् 1998 में किन्नरों को मतदान करने का अधिकार दिया गया, जिसके 4 साल बाद ही शहडोल जिले के सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र से शबनम मौसी ने चुनाव में जीत हासिल की. इसके बाद इस समुदाय के अन्य लोगों ने राजनीति में हाथ आजमाया और सफल भी हुए.

यह भी पढ़ें- MP सप्लीमेंट्री बजट में आदिवासियों के लिए सिर्फ 400 रुपए का प्रावधान, कांग्रेस ने बताया अपमान, बीजेपी ने दी सफाई

भोपाल: किन्नरों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें अपने स्तर पर भरसक प्रयास कर रही हैं, लेकिन हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने अपने बजट में किन्नरों के लिए जो व्यवस्था की है उसे देखकर कोई भी उनकी स्थिति का अंदाजा लगा सकता है. सरकार ने किन्नरों के कल्याण और पुनर्वास के लिए बजट में सिर्फ एक हजार रुपये (MP Budget for transgenders allocates only 1000 rupees ) दिए.

सिर्फ 22 किन्नरों के पहचान पत्र जारी किये गये
सामाजिक न्याय विभाग की तरफ से दावा किया गया था कि इस अधिनियम के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए ग्राम सभा में इस एजेंडा को शामिल किया गया है लेकिन ये सारे दावे हवा साबित हो रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि वार्षिक प्रतिवेदन में अब तक केवल 22 ट्रांसजेंडर को ही पहचान पत्र जारी किए गए हैं.

MP Budget for transgenders allocates only 1000 rupees
एमपी में ट्रांसजेंडर के कल्याण और पुनर्वास के लिए बजट में सिर्फ एक हजार रुपये

ट्रांसजेंडर को लेकर राज्य सरकार ने की थी ये घोषणाएं

  • ट्रांसजेंडर को सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ दिलाने, शैक्षणिक, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य योजनाओं, व्यावसायिक प्रशिक्षण और स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा की जाएगी.
  • सरकारी और निजी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, कब्रिस्तानों और दूसरे सार्वजनिक स्थानों पर ट्रांसजेंडर्स के साथ होने वाले भेदभाव को खत्म करने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
  • ट्रांसजेंडर के लिए हाॅस्पिटल्स में अलग से वार्ड और कार्यालयों में अलग से शौचालय बनाए जाएंगे. इसके लिए दो साल की समय सीमा तय की गई है.
  • ट्रांसजेंडर को एजुकेट करने, ट्रेनिंग दिलाने, उनके अधिकारों की जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे.
  • ट्रांसजेंडर के लिए चिकित्सा शिक्षा हेतु पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया जाएगा.
  • ट्रांसजेंडर के लिए काॅलेज-स्कूलों में संवेदनशीलता के लिए समानता और लैंगिक विविधता के लिए शैक्षणिक पाठ्यकम में बदलाव किया जाएगा.
  • स्कूल काॅलेज में पढ़ने वाले ट्रांसजेंडर छात्रों को प्रताड़ित न किया जा सके, इसके लिए एक समिति का गठन किया जाएगा.
    transgender certificate
    किन्नर सर्टीफिकेट

एमपी से हैं देश की पहली किन्नर विधायक
जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश, देश का ऐसा पहला राज्य है जहां विधायक के रुप में पहली बार किन्नर शबनम मौसी चुनी गईं. सन् 1998 में किन्नरों को मतदान करने का अधिकार दिया गया, जिसके 4 साल बाद ही शहडोल जिले के सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र से शबनम मौसी ने चुनाव में जीत हासिल की. इसके बाद इस समुदाय के अन्य लोगों ने राजनीति में हाथ आजमाया और सफल भी हुए.

यह भी पढ़ें- MP सप्लीमेंट्री बजट में आदिवासियों के लिए सिर्फ 400 रुपए का प्रावधान, कांग्रेस ने बताया अपमान, बीजेपी ने दी सफाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.