भोपाल: मध्य प्रदेश की विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कांग्रेस के हंगामे और विरोध के बीच वर्ष 2022-23 का बजट (बजट (MP Budget 2022) के बाद पेश किया. इस बजट में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने का संदेश देने के साथ कोई नया कर नहीं लगाया गया है. वित्त मंत्री देवड़ा के बजट पेश करने के साथ ही कांग्रेस के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी, मगर वे नहीं रुके. इस बजट में सरकार ने जहां रोजगार पर खास जोर दिया है तो वहीं गांव, गरीब और विकास उसकी प्राथमिकता में नजर आ रहा है.
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मध्यप्रदेश 19.7% की विकास दर हासिल करने में सफल रहा है। यह प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
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यह #AtmaNirbharMP के निर्माण का बजट है। यह बजट केवल अर्थशास्त्रियों और अधिकारियों ने नहीं बनाया, बल्कि जनता के सुझाव के आधार पर भी बनाया गया है। #MPBudget2022 #AatmaNirbharMPkaBudget
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यह #AtmaNirbharMP के निर्माण का बजट है। यह बजट केवल अर्थशास्त्रियों और अधिकारियों ने नहीं बनाया, बल्कि जनता के सुझाव के आधार पर भी बनाया गया है। #MPBudget2022 #AatmaNirbharMPkaBudgetमध्यप्रदेश 19.7% की विकास दर हासिल करने में सफल रहा है। यह प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
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यह #AtmaNirbharMP के निर्माण का बजट है। यह बजट केवल अर्थशास्त्रियों और अधिकारियों ने नहीं बनाया, बल्कि जनता के सुझाव के आधार पर भी बनाया गया है। #MPBudget2022 #AatmaNirbharMPkaBudget
बजट के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वित्तमंत्री को बधाई देते हुए अपने संदेश में कहा कि मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री श्री @JagdishDevdaBJP जी को बहुत अच्छा बजट प्रस्तुत करने के लिए मैं बधाई देता हूं. प्रसन्नता की बात यह है कि विपरीत परिस्थितियों में मध्यप्रदेश की विकास दर देश में सबसे ज्यादा रही है. मध्यप्रदेश 19.7% की विकास दर हासिल करने में सफल रहा है. यह प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. यह #AtmaNirbharMP के निर्माण का बजट है. यह बजट केवल अर्थशास्त्रियों और अधिकारियों ने नहीं बनाया, बल्कि जनता के सुझाव के आधार पर भी बनाया गया है.
पढ़ेंः छत्तीसगढ़ बजट 2022-23: सरकारी कर्मचारियों को तोहफा, पुरानी पेंशन योजना फिर से बहाल
गौरतलब है कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मुताबिक, 2 मार्च साल 2021 तक मिजोरम 14.07% की उच्चतम विकास दर के साथ टॉप पर था. इसके बाद बिहार 10.47% विकास दर के साथ दूसरे नंबर पर था. तब मध्यप्रदेश की विकास दर 7.5% थी. 2012-19 की अवधि के दौरान, मिजोरम की औसत वृद्धि दर 12.56% रही इसके बाद त्रिपुरा (9.94%) और गुजरात (9.83%) का था. वित्तीय वर्ष 2013 और 2019 के बीच छह राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रति वर्ष औसतन 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई थी जिसमें मध्यप्रदेश शामिल नहीं था. हालांकि तब भी मध्यप्रदेश की विकास दर भारत के औसत विकास दर 6.95 प्रतिशत की तुलना में तेज थी. कोरोना से प्रभावित वित्तीय वर्ष 2020-21 में जहां राष्ट्रीय स्तर पर सकल घरेलू उत्पाद घटकर (-) 7.5 फीसदी हो गई. वहीं, बिहार में अर्थव्यवस्था की विकास दर 2.5 फीसदी तो गुजरात की 1.6% और राजस्थान की एक प्रतिशत रही. ऐसे में मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का 19.7% की विकास दर हासिल करने का दावा चौंकाने वाला है.
देवड़ा ने दो लाख 79 हजार 237 करोड़ का बजट पेष करते हुए प्रदेश में कोई नया कर नहीं लगाया. प्रदेश में इस साल 13 हजार शिक्षकों की भर्तियां होंगी. एमबीबीएस और नर्सिंग की सीटें बढ़ेंगी. प्रदेश में 217 इलेक्ट्रानिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनेंगे जिनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर शामिल हैं. उन्होंने आगे कहा कि भोपाल के बगरोदा और बैरसिया में उद्योग पार्क बनेंगे. स्पोर्ट्स साइंस सेंटर की स्थापना की जाएगी.
राज्य में गायों केा लेकर सरकार ने नई योजना बनाई है. इसका ब्यौरा देते हुए देवड़ा ने बताया, गायों की सेवा के लिए नई योजना शुरू की जाएगी, यह योजना जनजाति विकास निगम बनेगा. इसके अलावा दुग्ध उत्पादक योजना भी शुरू की जा रही है. राज्य में नए सोलर संयंत्र भी स्थापित किए जाने है. इसका जिक्र करते हुए देवड़ा ने बताया सागर, शाजापुर, उज्जैन में सोलर प्लांट लगेंगे. वहीं 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे. देवड़ा द्वारा पेश के गए बजट में चाइल्ड बजट भी अलग से लाया गया. यह राज्य सरकार का नवाचार है.
मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने आज विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया. इस बजट की क्या मुख्य बातें पढ़िए:
मध्य प्रदेश बजट 2022- 23
- 2,79,237 करोड़ का कुल बजट
- 55,511 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित
- ये सकल घरेलू उत्पाद का 4.56% अनुमानित है
- मध्यप्रदेश में इस बार कोई नवीन कर या किसी भी कर की दर बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं
- 31 बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी , 60 हज़ार लोगों को रोजगार
- स्व रोजगार योजना के तहत 2.5 लाख लोगों को रोजगार देगी सरकार
- 2 हज़ार करोड़ की राशि महिला स्व सहायता समूह को देगी
- लाडली लक्ष्मी योजना को रीलंच करेगी सरकार
सरकारी कर्मचारियों को सौगात
- सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा
- 7.5 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा
- भोपाल, इंदौर, जबलपुर में PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनेंगे
किसानों के लिए
- किसान कल्याण के लिए 1 लाख 72 हज़ार करोड़ की सहायता राशि दी गयी
- चावल को GI टैग दिलाने की प्रक्रिया चल रही है
- जैविक खेती के लिये प्रयोजन और किसानों की बेहतरी के लिए 1,001 करोड़ रुपये बैंक निवेश होगा
- 4 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य
- बिजली में 21 हजार करोड़ की सब्सिडी दी गई
- लाडली लक्ष्मी योजना को रीलंच करेगी सरकार
स्कूल शिक्षा
- स्कूल शिक्षा के लिए 13 हज़ार शिक्षकों की भर्ती होगी
- स्कूल शिक्षा विभाग का बजट 25,953 करोड़ से बढ़ाकर 27,792 करोड़ किया गया
स्वास्थ्य व स्वास्थ्य शिक्षा
- प्रदेश सरकार मध्यप्रदेश में खोलेगी 22 नए चिकित्सा महाविद्यालय
- श्योपुर, राजगढ़, मंडला, सिंगरौली, सिवनी, नीमच, मंदसौर, दमोह, छतरपुर, जिलों में खोले जाएंगे.
- प्रदेश में MBBS की सीट 2035 से बढ़कर 3,250 होंगी, यानी 1215 सीटें बढ़ेंगी
- एमएससी में नर्सिंग 50 सीटों से बढ़ाकर 320 की गई
- स्वास्थ्य क्षेत्र में 13 हजार 642 करोड़ का बजट प्रस्तावित
- सरकार ने की स्वास्थ्य के बजट में दो हजार करोड़ से ज्यादा की बढ़ोतरी की है
- सीएम राइजिंग
- प्रथम चरण में 360 सीएम राइजिंग स्कूल खोलने का लक्ष्य रखा गया है
- इसके लिए 1 हजार 557 करोड़ का किया गया है प्रावधान
चाइल्ड बजट के लिए अलग से किया गया प्रावधान
- 57 हज़ार 803 करोड़ का चाइल्ड बजट बजट
- 17 विभागों में चलाई जा रही बच्चों से जुड़ी योजनाओं को चाइल्ड बजट में लिया गया
- चाइल्ड बजट में 220 योजनाओं को शामिल किया गया
बजट के अन्य बड़े प्रावधान
- मध्य प्रदेश सरकार ने 2021-22 के बजट में 10 लाख नए हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किए जाने का लक्ष्य रखा
- राज्य सरकार ने इसके लिए बजट में 4 गुना की बढ़ोतरी की है
- केंद्र और राज्य अंश मिलाकर कुल 10,000 करोड़ का बजट प्रस्ताव रखा गया
- प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता रखने वाले 31 लाख हितग्राहियों को अगले 3 साल में आवास प्लस सूची अनुसार योजना का लाभ दिलाया जाएगा
- राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य के अंदर से विस्थापित होने वाले लोगों को विस्थापित पैकेज राशि के रूप में सरकार प्रति परिवार अब 15 लाख रुपए देगी. पहले यह राशि 10 लाख रुपए थी
- अनुसूचित जनजाति के लिये विशेष योजना पर 8 करोड़ की योजना प्रस्तावित
- मत्स्य उत्पादन बढ़ाने के लिए योजना को लेकर 50 करोड़ रुपये प्रस्तावित
- वन समितियों को आय का 20% दिया जायेगा