नई दिल्ली/श्योपुर : प्रधानमंत्री के ड्रीम चीता प्रोजेक्ट को लेकर दुखद खबर सामने आई है (Death of female cheetah in Kuno). देश में चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया से प्रदेश के कूनो में लाए गए एक चीता साशा की मौत हो गई है. पिछले करीब 3 माह से यह चीता बीमार चल रही थी. चीता की मौत की वजह किडनी में संक्रमण बताया जा रहा है. वन विभाग के आला अधिकारियों के मुताबिक कूनो लाए जाने के बाद जनवरी माह में साशा में बीमारी के लक्षण दिखाई दिए थे, इसके बाद उसे बड़े बाडे से छोटे बाड़े में शिफ्ट किया गया था. हालांकि चीते की मौत को लेकर वन्य जीव विशेषज्ञ सवाल खड़े कर रहे हैं.
-
A female Cheetah 'Shasha' brought from Namibia to MP's Kuno National Park on December 22, has died. It was found that cheetah Shasha was suffering from a kidney infection before she was brought to India. pic.twitter.com/2VtAvchrNL
— ANI (@ANI) March 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">A female Cheetah 'Shasha' brought from Namibia to MP's Kuno National Park on December 22, has died. It was found that cheetah Shasha was suffering from a kidney infection before she was brought to India. pic.twitter.com/2VtAvchrNL
— ANI (@ANI) March 27, 2023A female Cheetah 'Shasha' brought from Namibia to MP's Kuno National Park on December 22, has died. It was found that cheetah Shasha was suffering from a kidney infection before she was brought to India. pic.twitter.com/2VtAvchrNL
— ANI (@ANI) March 27, 2023
अधिकारी बोले-पहले से थी बीमार: उधर वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ जेएस चौहान ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि ''साशा पिछले करीब 3 माह से बीमार चल रही थी. इसका गाइडलाइन के हिसाब से इलाज चल रहा था, लेकिन इसकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई और सोमवार को इसने दम तोड़ दिया''. ईटीवी भारत ने जब उनसे सवाल किया कि भारत आने के बाद अचानक किडनी इंफेक्शन कैसे हो गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि 17 सितंबर को भारत लाए जाने के पहले 15 अगस्त को इसका ब्लड सेंपल लिया गया था. इसकी रिपोर्ट में ब्लड में इंफेक्शन मिला था. उन्होंने कहा कि ''चीतों को लाने में हमारा कोई दखल नहीं था, उनकी क्या मेडिकल हिस्ट्री थी हमें नहीं पता था. कंप्रोमाइज एनीमल क्यों लिया गया, इस बारे में कुछ नहीं कह सकते''.
वन्य जीव विशेषज्ञ ने उठाए सवाल: उधर चीते की मौत को लेकर वाइल्ड एनीमल एक्सपर्ट अजय दुबे ने सवाल उठाया है कि ''जब चीता बीमार थी तो फिर उसे नामीबिया से लाया ही क्यों गया. चीता प्रोजेक्ट के तहत मध्यप्रदेश के अधिकारी लाखों रुपए खर्च कर प्रशिक्षण के लिए गए थे. वन मंत्री भी दौरे पर गए थे, इसके बाद भी आखिर बीमार चीते को लेकर क्यों आए. आखिर बीमार एनिमल को लाने की क्या मजबूरी थी. वन विभाग के अधिकारी सच को छुपा रहे हैं. प्रदेश में कूनो की व्यवस्थाएं कमजोर थीं, इसकी जिम्मेदारी तय कर संबंधित पर कार्रवाई की जानी चाहिए''.
पीएम मोदी के जन्मदिन पर भारत आए थे चीते: गौरतलब है कि चीता प्रोजेक्ट के तहत अफ्रीका से चीतों के दो जत्थे भारत आए हैं. पहले जत्थे में 8 चीतों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को लाया गया था. इसके बाद 12 चीतों को लाया गया था. पहली बार में चीतों को टेरा एविया की एक विशेष उड़ान में लाया गया था. लेकिन एक चीते की मौत ने सबको हैरान कर दिया है और कूनो नेशनल पार्क की व्यवस्थाओं को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं.