भोपाल। इस बार के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक के बाद एक सरप्राइज दे रही है. जहां 17 अगस्त को अचानक बीजेपी ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सभी को चौंकाया था, तो वहीं 25 सितंबर को पार्टी ने दूसरी सूची जारी कर फिर सभी को अंचभित कर दिया. हालांकि दूसरी सूची में अचंभित करने वाली प्रत्याशियों के नाम थे. वहीं एक दिन बाद ही यानि की 26 सितंबर को पार्टी ने तीसरी लिस्ट जारी की. जिसमें महज एक प्रत्याशी को टिकट दिया. बीजेपी ने मोनिका शाह बट्टी को छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा से टिकट देकर फिर सबको हतप्रभ कर दिया. जानिए एक प्रत्याशी की लिस्ट जारी करने के पीछे क्या है वजह.
मोनिका बट्टी को क्यों मिला टिकट: दरअसल इसके पीछे की वजह कमलनाथ का गढ़ है. जी हां बीजेपी हर हाल में कमलनाथ के गढ़ को जीतना चाहती है. वो किसी भी चांस को गंवाना नहीं चाहती है. आपको बता दें कि हफ्ते भर पहले ही मोनिका शाह को सीएम निवास बुलाकर उनको बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई. मोनिका को टिकट उनके पिता की वजह से मिला है. मोनिका ने तो विदेश में पढ़ाई की है, लेकिन बाद में पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए वे सियासी मैदान में कूद गईं. मोनिका के पिता का वर्चस्व उनके इलाके में बहुत था. उमा की लहर के वक्त भी बीजेपी मनमोहन शाह से गढ़ नहीं छीन पाई थी.
बीजेपी के सर्वे में भी ये आया था कि मोनिका बट्टी यदि बीजेपी में शामिल हो जाती हैं, तो यहां अमरवाड़ा में वे बीजेपी को जिता सकती हैं. मोनिका भी गोंड समाज से हैं और भारतीय गोंडवाना पार्टी में रहते मैदानी पकड़ बनाई है.
सनातन मुद्दे पर मोनिका बट्टी को घेर रही कांग्रेस: मोनिका बट्टी को कांग्रेस सनातन मुद्दे पर फिर घेर रही है. उनके पिता का टिकिट भी बीजेपी ने इसी वजह से काटा था कि उनको भी सनातनी विरोधी बताया गया था. बीजेपी के नेताओं ने ही उनका विरोध किया था. कांग्रेस ने एक वीडियो जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि "बीजेपी खुद को सनातनी बता रही है, लेकिन बीजेपी ने सनतान विरोधी मोनिका बट्टी को टिकिट दिया है."
भारतीय गोंडवाना का वर्चस्व: बीजेपी की इस बार कोशिश है कि हर हाल में वो कमलनाथ के गढ़ में सेंध मारे और कांग्रेस को वहां पटखनी दे. यही वजह है कि बीजेपी ने यहां से मोनिका बट्टी को उतारा है. मोनिका गोंडवाना पार्टी में रही हैं और यहां पर भारतीय गोंडवाना का वचर्सव खासा है, लेकिन अब भारतीय गोंडवाना से मोनिका अलग हो गई हैं. इन समीकरणों से बीजेपी को लगता है कि वो इस बार अमरवाड़ा विधानसभा जीत लेंगी. वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि "बीजेपी ने इस बार कांग्रेस के गढ़ को भेदने की मजूबत रणनीति बनाई है. इस बार बीजेपी कांग्रेस के किलों को पूरी तरह ढहा देगी."
सात विधानसभा ही कांग्रेस के पक्ष में: कांग्रेस ने 2018 के चुनाव में सातों विधानसभा सीटें जीती थी. बीजेपी की तमाम कोशिशों के बावजूद भी सात सीटों में से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. वरिष्ठ पत्रकार संजय सक्सेना का कहना है कि "इस बार अमित शाह का टारगेट कमलनाथ हैं. अमित शाह की रणनीति के तहत ही यहां पर बीजेपी ने टिकिट बांटे हैं. ऐसे समीकरण जमाए हैं कि कांग्रेस को कड़ी टक्कर मिलने वाली है."