भोपाल। मध्यप्रदेश में मतदान को आसान बनाने के लिए चुनाव आयोग आम मतदाताओं के लिए क्यूलेस ऐप की सुविधा उप्लब्ध कराने जा रहा है. इस ऐप के जरिए मतदाता किसी टॉकीज या ट्रेन की तरह अपने मतदान के लिए टाइम रिजर्व कर सकता है. फिलहाल इसकी शुरूआत 10 संभागीय मुख्यालय वाले जिलों के शहरी क्षेत्रों में ही इसे लागू किया जाएगा. यह ऐप मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा डेवलप किया गया है. इस चुनाव में यह सुविधा इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सागर जिले में ही यह सुविधा दी जाएगी.
निशक्त बुजुर्ग और शारीरिक रूप से अक्षम मतदाता इस मोबाइल ऐप का प्रयोग विशेष तौर से कर सकेंगे. इन मतदाताओं को मतदान के लिए लाइन में लगने से बचने के लिए इस ऐप पर 10 दिन पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
क्यूलेस ऐप की सुविधा: मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को वोट डाले जाने हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में औसत मतदान 75.63 फीसदी हुआ था. प्रदेश के बड़े शहरों के मुकाबले छोटे जिलों और ग्रामीण इलाकों में मतदान का प्रतिशत ज्यादा रहा. माना जाता है कि मतदान के लिए लगने वाली लंबी-लंबी लाइनों से कई मतदाता कतराते हैं और मतदान करने ही नहीं जाते. इसको देखते हुए चुनाव आयोग क्यूलेस ऐप की सुविधा आम मतदाताओं के लिए उप्लब्ध कराने की तैयारी कर रहा है.
इस एप का उपयोग करते हुए मतदाता अपने बूथ पर ऑनलाइन स्लॉट बुक कर सकेगा और मतदान के लिए भीड़ से बच सकेगा. बताया जा रहा है स्लॉट बुकिंग की सुविधा सुबह 9 बजे के पहले और शाम 4 बजे के बाद की उपलब्ध नहीं कराई जाएगी.
19 जिलों में कम हुआ था मतदान: 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश के ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल, इंदौर, सागर, दमोह, सतना, पन्ना, कटनी, भिंड, अलीराजपुर, रीवा, छतरपुर, मुरैना में लोग मतदान के लिए कम निकले थे. इन जिलों में राज्य के औसत से कम मतदान हुआ था. इसी तरह भोपाल की 7 विधानसभा सीटों में से 6 में मतदान की प्रतिशत कम रहा था. इंदौर में भी 9 सीटों में से 6 पर मतदान का प्रतिशत कम था. कमोवेश जबलपुर, ग्वालियर में भी यही स्थिति रही थी.
ग्वालियर में सभी 6 सीटों पर और जबलपुर में 8 में से 5 सीटों पर मतदान कर रहा था. संयुक्त उप निर्वाचन पदाधिकारी प्रमोद शुक्ला बताते हैं कि मध्य प्रदेश में 13 लाख से ज्यादा निशक्त 80 साल की उम्र से ज्यादा बुजुर्ग मतदाता हैं. ऐसे मतदाताओं को घर से मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, लेकिन इनमें से करीब 87 हजार बुजुर्ग और निशक्त मतदाताओं ने ही घर से मतदान के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. बाकी मतदाता बूथ पर जाकर ही वोट करेंगे. बुजुर्ग निशक्त और शारीरिक रूप से अक्षम मतदाता क्यूलेस ऐप पर 10 दिन पहले तक रजिस्ट्रेशन करा कर मतदान केदो में लाइन में लगने से बच सकते हैं.
यह मोबाइल ऐप भी बड़े काम के: चुनाव आयोग इसके पहले कई और मोबाइल ऐप लॉच कर चुका है, जिसकी मदद से मतदाता आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों से लेकर मतदाता सूची में अपना नाम और मतदान केन्द्र का नाम आसानी से पता लगा सकता है.
वोटर हेल्पलाइन ऐप: प्रदेश में मतदाता सूची में नए जुड़ने वाले कई मतदाताओं के वोटर कार्ड अभी तक मिल नहीं सके हैं. ऐसे में मतदाता वोटर हेल्पलाइन ऐप की मदद से मतदाता सूची में अपना नाम खोज सकेगा और इसके जरिए आयोग द्वारा निर्धारित पहचान पत्र की मदद से अपना वोट कर सकेगा. इस हेल्पलाइन ऐप के जरिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के बारे में भी मतदाता जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
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सी-विजिल ऐप: चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें मतदाता सीधे चुनाव आयोग को कर सकेगा. इस ऐप में सुविधा दी गई है कि शिकायतकर्ता अपनी पहचान भी गुप्त रख सकता है. शिकायत के साथ फोटोग्राफ, वीडियो और ऑडियो क्लिप को भी अपलोड करने की सुविधा उपलब्ध है.
वोटर टर्नआउट ऐप: इस ऐप के जरिए कोई भी व्यक्ति मतदान प्रतिशत की जानकारी प्राप्त कर सकता है. इस ऐप पर विधानसभा वार मतदान के आंकड़े हर घंटे अपडेट किए जाएंगे. मतदाता पता कर सकेंगे कि उनकी विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया है.
केवाईसी: इस ऐप के जरिए मतदाता अपने उम्मीवार के संबंध में सभी जानकारी प्राप्त कर सकता है. इस ऐप का मतलब है नो योर कैंडीडेट.... इस ऐप पर चुनाव मैदान में खड़े हुए उम्मीदवार की संपत्ति, उस पर दर्ज आपराधिक मामलों, शैक्षणिक स्थिति की जानकारी ले सकेंगे.