नई दिल्ली : पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस पार्टी की स्टार प्रचारकों की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, भूपेश बघेल और अशोक गहलोत समेत 30 नाम शामिल हैं.
इस सूची में पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व पीसीसी प्रमुख सुनील जाखड़ के नाम भी शामिल किए गए हैं. पंजाब के सिर्फ तीन सांसदों को इस लिस्ट में जगह मिली है, वो हैं अंबिका सोनी, प्रताप सिंह बाजवा और रवनीत बिट्टू, लेकिन स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी होते ही विवाद भी शुरू हो गया है. इस लिस्ट में पंजाब के कई बड़े नेता और सांसदों का नाम गायब हैं. स्टार प्रचारकों की लिस्ट में न तो राज्य सभा सदस्य मनीष तिवारी का नाम है और न ही राज्य सभा में नेता विपक्ष रहे और जी-23 गुट के नेता गुलाम नवी आजाद का.
यह कदम पंजाब कांग्रेस के भीतर की खाई को चौड़ा कर सकता है क्योंकि पार्टी के कई नेता स्टार प्रचारकों की लिस्ट में वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा और कई नेताओं को प्राथमिकता देने के फैसले से नाराज हैं. अखिल भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा (Netta D'Souza), युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी और यहां तक कि दिल्ली महिला कांग्रेस प्रमुख अमृता धवन भी पंजाब के लिए पार्टी के स्टार प्रचारकों में शामिल हैं.
पार्टी के कुछ नेताओं ने आरोप लगाया है कि वरिष्ठ सदस्यों को दरकिनार करने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को अंधेरे में रखा गया, कनिष्ठों को चुनने की सलाह दी जा रही है. साथ ही, हरियाणा के 4 नेताओं को भी इस तथ्य के बावजूद चुना गया है कि पंजाब का राज्य के साथ जल विवाद चल रहा है.
सीएम उम्मीदवार के लिए चल रही खींचतान
पंजाब कांग्रेस में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुनने के फैसले को लेकर पहले से ही खींचतान चल रही है. अंतिम घोषणा पार्टी टेली-सर्वे के आधार पर करेगी. चन्नी और सिद्धू दोनों ही इस पद के लिए खुद को 'योग्य' साबित करने के लिए सामने आए हैं.
हालांकि, इससे पहले आज सिद्धू ने फिर से एक विवादास्पद टिप्पणी करते हुए दावा किया कि 'शीर्ष पर लोग' कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं जो उनकी धुन पर नाच सके. यह बयान ऐसी रिपोर्ट्स आने के बाद आई है कि चन्नी सीएम पद के लिए कांग्रेस के टेली-सर्वेक्षण में सबसे आगे चल रहे हैं.
इस बीच, सुनील जाखड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक और विवाद खड़ा हो गया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाहर होने के बाद, 42 विधायकों ने पंजाब के सीएम के रूप में नियुक्त होने के लिए उनके पक्ष में मतदान किया था. बाद में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शीर्ष पर कुछ नेताओं ने पार्टी आलाकमान को सुझाव दिया कि पंजाब में हिंदू सीएम न बनाएं.
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