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Mount Kailash: अब उत्तराखंड के लिपुलेख से होंगे कैलाश पर्वत के दर्शन, पहाड़ी से साफ दिख रहा बाबा भोले का 'घर'

यात्रियों को कैलाश मानसरोवर जाने के लिए अब पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब उत्तराखंड से भी कैलाश पर्वत के दर्शन हो पाएंगे. धारचूला तहसील के लिपुलेख के नाभीढांग से व्यू पॉइंट मिलने से लोगों में खुशी की लहर है.

kailash mansarovar yatra uttarakhand
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Published : Jun 30, 2023, 4:15 PM IST

Updated : Jun 30, 2023, 6:01 PM IST

उत्तराखंड से भी कैलाश पर्वत के होंगे दर्शन, जानकारी देते अधिकारी.

देहरादून (उत्तराखंड): अब पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन उत्तराखंड से भी हो पाएंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है. कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए लोगों को चीन-तिब्बत से होकर जाना पड़ता है. लेकिन अब श्रद्धालुओं को पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए चीन, तिब्बत जाने की जरूरत नहीं होगी. श्रद्धालु अब उत्तराखंड के लिपुलेख के नाभीढांग से कैलाश मानसरोवर के दर्शन कर सकेंगे.

नाभीढांग से कैलाश पर्वत के दर्शन: कैलाश मानसरोवर पर्वत के दर्शन उत्तराखंड के नाभीढांग इलाके से हो सकेंगे. स्थानीय लोगों द्वारा खोजी गई इस जगह से आने वाले समय में भारत सरकार कैलाश मानसरोवर यात्रा दर्शन का एक पूरा प्लान तैयार कर रही है. ताकि लोगों को कम समय में और कम खर्च में कैलाश पर्वत के दर्शन करवा सके. बताया जा रहा है कि यह बात प्रशासन और सरकार को अब तक मालूम नहीं थी कि उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के दर्शन होते हैं. दरअसल, यह बात तब सामने आई जब स्थानीय लोगों ने इस पहाड़ी का भ्रमण किया और यह पाया कि एक विशालकाय पहाड़ी से कैलाश के दर्शन हो रहे थे. लेकिन उन्हीं लोगों में से किसी ने इस बात को सुनिश्चित किया कि यह पर्वत कोई आम पर्वत नहीं बल्कि कैलाश मानसरोवर का पर्वत है.
पढ़ें- कैलाश मानसरोवर यात्रा रद्द रहने से मायूस न हों भक्त, कैलाश पर्वत दर्शन के लिए हो रही वैकल्पिक मार्ग की तलाश

लोगों और प्रशासन में खुशी की लहर: इसके बाद प्रशासन की कुछ टीमों ने भी इस जगह का भ्रमण किया और यह साफ हो गया कि उत्तराखंड के लिपुपास से कैलाश पर्वत के दर्शन हो रहे हैं. इसके बाद स्थानीय लोगों के साथ ही पिथौरागढ़ प्रशासन में खुशी का माहौल है. लिहाजा इस पूरी कवायद को राज्य सरकार तक भेजा गया और राज्य सरकार ने उत्तराखंड से कैलाश मानसरोवर के दर्शन करवाने का एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. गौर हो कि बीते 4 सालों से किसी ना किसी वजह से कैलाश मानसरोवर यात्रा स्थगित हो रही है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार इस बात को जानती है कि पिथौरागढ़ के इस इलाके से कैलाश मानसरोवर के दर्शन होने से पर्यटन गतिविधियों के साथ ही श्रद्धालुओं को सहूलियत होगी. जिससे यात्रा के लिए चीन पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
पढ़ें- आसान हुई 'अद्भुत' ओम पर्वत की राह

ब्लूप्रिंट किया जा रहा तैयार: राज्य सरकार ने बाकायदा धारचूला एसडीएम देवेश शासनी को इस पूरे ट्रैक के लिए एक रिपोर्ट बनाने के लिए कहा है. दरअसल, इस इलाके में पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर लंबी चढ़ाई तय करनी होती है. रास्ते में क्या कुछ कठिनाइयां आएंगी, कैसे इस पूरे क्षेत्र को विकसित किया जा सकेगा, कैसे बिना तिब्बत और चीन में प्रवेश के बिना आने वाले समय में उत्तराखंड से ही कैलाश मानसरोवर के दर्शन हो सकेंगे, इसके लिए एक पूरा ब्लूप्रिंट तैयार करके केंद्र को भेजा जा रहा है. हालांकि शुरुआती चरण में भेजे गए प्रस्ताव में केंद्र सरकार ने भी अपनी हरी झंडी दिखा दी है. जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा किया है.
ये भी पढ़ें- आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर लैंडस्लाइड, धुएं के गुबार में 'गुम' हुई पहाड़

उत्तराखंड से भी कैलाश पर्वत के होंगे दर्शन, जानकारी देते अधिकारी.

देहरादून (उत्तराखंड): अब पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन उत्तराखंड से भी हो पाएंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है. कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए लोगों को चीन-तिब्बत से होकर जाना पड़ता है. लेकिन अब श्रद्धालुओं को पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए चीन, तिब्बत जाने की जरूरत नहीं होगी. श्रद्धालु अब उत्तराखंड के लिपुलेख के नाभीढांग से कैलाश मानसरोवर के दर्शन कर सकेंगे.

नाभीढांग से कैलाश पर्वत के दर्शन: कैलाश मानसरोवर पर्वत के दर्शन उत्तराखंड के नाभीढांग इलाके से हो सकेंगे. स्थानीय लोगों द्वारा खोजी गई इस जगह से आने वाले समय में भारत सरकार कैलाश मानसरोवर यात्रा दर्शन का एक पूरा प्लान तैयार कर रही है. ताकि लोगों को कम समय में और कम खर्च में कैलाश पर्वत के दर्शन करवा सके. बताया जा रहा है कि यह बात प्रशासन और सरकार को अब तक मालूम नहीं थी कि उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के दर्शन होते हैं. दरअसल, यह बात तब सामने आई जब स्थानीय लोगों ने इस पहाड़ी का भ्रमण किया और यह पाया कि एक विशालकाय पहाड़ी से कैलाश के दर्शन हो रहे थे. लेकिन उन्हीं लोगों में से किसी ने इस बात को सुनिश्चित किया कि यह पर्वत कोई आम पर्वत नहीं बल्कि कैलाश मानसरोवर का पर्वत है.
पढ़ें- कैलाश मानसरोवर यात्रा रद्द रहने से मायूस न हों भक्त, कैलाश पर्वत दर्शन के लिए हो रही वैकल्पिक मार्ग की तलाश

लोगों और प्रशासन में खुशी की लहर: इसके बाद प्रशासन की कुछ टीमों ने भी इस जगह का भ्रमण किया और यह साफ हो गया कि उत्तराखंड के लिपुपास से कैलाश पर्वत के दर्शन हो रहे हैं. इसके बाद स्थानीय लोगों के साथ ही पिथौरागढ़ प्रशासन में खुशी का माहौल है. लिहाजा इस पूरी कवायद को राज्य सरकार तक भेजा गया और राज्य सरकार ने उत्तराखंड से कैलाश मानसरोवर के दर्शन करवाने का एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. गौर हो कि बीते 4 सालों से किसी ना किसी वजह से कैलाश मानसरोवर यात्रा स्थगित हो रही है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार इस बात को जानती है कि पिथौरागढ़ के इस इलाके से कैलाश मानसरोवर के दर्शन होने से पर्यटन गतिविधियों के साथ ही श्रद्धालुओं को सहूलियत होगी. जिससे यात्रा के लिए चीन पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
पढ़ें- आसान हुई 'अद्भुत' ओम पर्वत की राह

ब्लूप्रिंट किया जा रहा तैयार: राज्य सरकार ने बाकायदा धारचूला एसडीएम देवेश शासनी को इस पूरे ट्रैक के लिए एक रिपोर्ट बनाने के लिए कहा है. दरअसल, इस इलाके में पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर लंबी चढ़ाई तय करनी होती है. रास्ते में क्या कुछ कठिनाइयां आएंगी, कैसे इस पूरे क्षेत्र को विकसित किया जा सकेगा, कैसे बिना तिब्बत और चीन में प्रवेश के बिना आने वाले समय में उत्तराखंड से ही कैलाश मानसरोवर के दर्शन हो सकेंगे, इसके लिए एक पूरा ब्लूप्रिंट तैयार करके केंद्र को भेजा जा रहा है. हालांकि शुरुआती चरण में भेजे गए प्रस्ताव में केंद्र सरकार ने भी अपनी हरी झंडी दिखा दी है. जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा किया है.
ये भी पढ़ें- आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर लैंडस्लाइड, धुएं के गुबार में 'गुम' हुई पहाड़

Last Updated : Jun 30, 2023, 6:01 PM IST
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