रांचीः मंगलवार को झारखंड और यूके गवर्नमेंट के बीच एमओयू (MoU between Jharkhand and UK) हुआ है. इसके तहत मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप कार्यक्रम के तहत यूके में उच्च शिक्षा लेने का मौका मिलेगा. झारखंड मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और एलेक्स एलिस ब्रिटिश हाई कमिश्नर ऑफ इंडिया की उपस्थिति में यह करार हुआ है. इस मौके पर झारखंड सरकार एवं फॉरेन एंड कॉमनवेल्थ डेवेलपमेंट ऑफिस यानी एफसीडीओ यूके गवर्नमेंट के बीच एमओयू साइन किया गया.
इसके साथ ही Chevening Marang Gomke Jaipal Singh Munda Overseas Scholarship 2023 योजना लॉन्च किया गया. इस स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत झारखंड के 25 छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा लेने की व्यवस्था है. जिसमें 5 छात्रों को ब्रिटिश गवर्नमेंट और झारखंड सरकार के द्वारा संयुक्त रुप से सुविधा मुहैया कराई जाएगी. यह करार तीन वर्षों के लिए किया गया है. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एलेक्स एलिस ब्रिटिश हाई कमिश्नर ऑफ इंडिया के अलावा कल्याण मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री हफीजूल अंसारी, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह सहित कई मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान क्लाइमेट आधारित JHAR-CRISP ऐप को लांच किया गया.
झारखंड बहुत सुंदर गार्डेन हैः ब्रिटिश हाईकमिश्नर एलेक्स एलिस ने अपना संबोधन जोहार से शुरू करते हुए झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की. ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने झारखंड सरकार के इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यहां की धरती प्रतिभासंपन्न है. शिक्षा के अलावे यहां खेल के क्षेत्र में लोगों ने देश दुनिया में नाम रोशन किया है. झारखंड के हॉकी खिलाड़ियों की प्रतिभा की सराहना करते हुए ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने कहा कि पुरुष महिला हॉकी में एक से एक प्लेयर को इस धरती ने जन्म दिया है. ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने अपना संबोधन हिंदी में धन्यवाद कहते हुए राज्य सरकार के कार्यों की सराहना की.
आज का दिन है ऐतिहासिकः आज झारखंड के लिए ऐतिहासिक दिन है. नई पीढ़ी को हमलोग एक नई राह दे रहे हैं. कहा जाता है कि शिक्षा मां का वो दूध है जो बच्चा जितना दूध पीयेगा वो उतना दहाड़ेगा. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ब्रिटिश हाई कमिश्नर एलिक्स एलिस का स्वागत करते हुए एमओयू के लिए धन्यवाद दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार जब यहां से बच्चों को यूके भेजा गया था तो केवल ट्रायबल बच्चे ही थे. मगर बहुत कम समय में ही भारत सरकार और यूनाइटेड किंगडम से झारखंड को सहयोग मिला. राज्य में आर्थिक कमी के कारण यहां के छात्र विदेश में पढ़ाई नहीं कर पाते थे. इसी के तहत यहां से छात्रों को विदेशों में आर्थिक सहयोग देकर पढ़ने के लिए भेजा जाता है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मरांग गोमके को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ना केवल झारखंड बल्कि विदेशों में नाम रोशन किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार अन्य क्षेत्रों में भी यूके गवर्नमेंट के साथ करार कर काम करेगी.