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कश्मीर में कक्षा 10 की द्विवार्षिक परीक्षा की टॉपर बनीं तीन बच्चों की मां

कश्मीर में कक्षा 10 की द्विवार्षिक परीक्षा में तीन बच्चों की मां ने टॉप किया है. इस सफलता से वह विवाहित महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं.

Mother of three tops class 10 biannual exam in Kashmir
कश्मीर में कक्षा 10 की द्विवार्षिक परीक्षा में टॉपर बनीं तीन बच्चों की मां
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Published : Sep 16, 2022, 10:23 AM IST

श्रीनगर: उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के बटेरगाम इलाके की तीन बच्चों की मां मंगलवार को घोषित दसवीं कक्षा की द्विवार्षिक परीक्षा में टॉप कर विवाहित महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं. महिला ने 500 में से 467 अंक प्राप्त किए हैं, जो कश्मीर घाटी में सबसे अधिक 93.4 प्रतिशत और गणित, उर्दू, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के चार विषयों में ए1 ग्रेड है.

महिला ने कहा कि 2012 में 9वीं कक्षा पास करने के बाद अगले साल उसकी शादी हो गई और वह घर के कामों में व्यस्त रही और तीन बच्चे उसकी पढ़ाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. उसने कहा कि अपने तीन नाबालिग बच्चों की देखभाल करते हुए अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करना कभी आसान नहीं था, लेकिन मैंने इस साल 10वीं की द्विवार्षिक परीक्षा में बैठने का मन बना लिया था.

ये भी पढ़ें-जम्मू-कश्मीर में निवारक कानून के तहत दो मौलाना सहित पांच लोग हिरासत में लिए गए

शुरू में जो मैं पढ़ रहा था उसे बनाए रखना आसान नहीं था लेकिन समय बीतने के साथ मैं चीजों को समझने में सक्षम हो गया. सबरीना बेगम ने कहा कि मेरे स्कूल के दिनों में मैं अपनी कक्षा में सबसे होशियार छात्र हुआ करता था जिसने मुझे अच्छे ग्रेड प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया. मैं पहले स्थान को हासिल करने के बारे में निश्चित नहीं थी, मुझे टॉपर्स होने काे एहसास था. महिला की दो बेटियां और एक बेटा है. उनकी सबसे बड़ी बेटी आठ साल की है और कक्षा दो में पढ़ती है.

श्रीनगर: उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के बटेरगाम इलाके की तीन बच्चों की मां मंगलवार को घोषित दसवीं कक्षा की द्विवार्षिक परीक्षा में टॉप कर विवाहित महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं. महिला ने 500 में से 467 अंक प्राप्त किए हैं, जो कश्मीर घाटी में सबसे अधिक 93.4 प्रतिशत और गणित, उर्दू, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के चार विषयों में ए1 ग्रेड है.

महिला ने कहा कि 2012 में 9वीं कक्षा पास करने के बाद अगले साल उसकी शादी हो गई और वह घर के कामों में व्यस्त रही और तीन बच्चे उसकी पढ़ाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. उसने कहा कि अपने तीन नाबालिग बच्चों की देखभाल करते हुए अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करना कभी आसान नहीं था, लेकिन मैंने इस साल 10वीं की द्विवार्षिक परीक्षा में बैठने का मन बना लिया था.

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शुरू में जो मैं पढ़ रहा था उसे बनाए रखना आसान नहीं था लेकिन समय बीतने के साथ मैं चीजों को समझने में सक्षम हो गया. सबरीना बेगम ने कहा कि मेरे स्कूल के दिनों में मैं अपनी कक्षा में सबसे होशियार छात्र हुआ करता था जिसने मुझे अच्छे ग्रेड प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया. मैं पहले स्थान को हासिल करने के बारे में निश्चित नहीं थी, मुझे टॉपर्स होने काे एहसास था. महिला की दो बेटियां और एक बेटा है. उनकी सबसे बड़ी बेटी आठ साल की है और कक्षा दो में पढ़ती है.

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