मुंबई: मुंबई के मलाड चर्च में मदर मैरी ग्रोटो में तोड़फोड़ करने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया गया है. जांच में पता चला कि एक साल के अंदर ही मां और बड़े भाई की मौत के बाद वह डिप्रेशन में आ गया था. युवक ने मदर मैरी की मूर्ति पर पत्थर फेंका था, क्योंकि उसने ईश्वर में अपना विश्वास खो दिया था. मदर मैरी ग्रोटो बर्बरता मामले में पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी दो साल पहले फिल्म उद्योग में काम करने के इरादे से मुंबई आया था.
इसके अलावा पुलिस सूत्रों ने बताया कि नौकरी नहीं मिलने पर उसने मलाड में एक स्टॉल पर काम करना शुरू कर दिया. पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि वह मदर मैरी की बहुत पूजा करता था. एक साल के भीतर अपने भाई और मां की मौत से वह टूट गया. उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब होने के कारण वे उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो सका. मलाड थाने के अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज को स्कैन करने और जानकारी जुटाने के बाद, पुलिस अधिकारियों ने उसे ट्रैक किया.
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सीसीटीवी फुटेज में पुलिस ने देखा कि पिछले गुरुवार को एक अज्ञात हमलावर ने मलाड वेस्ट के ओरलेम चर्च इलाके में मदर मैरी की प्रतिमा पर पथराव किया और शीशा तोड़ दिया. इस संबंध में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मलाड थाने में मामला दर्ज किया गया था. एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि डीसीपी अजय कुमार बंसल के मार्गदर्शन में वरिष्ठ निरीक्षक रवींद्र अधाने अपनी जांच टीम के साथ जांच कर रहे हैं. पीएसआई शिवाजी शिंदे और एपीआई सचिन कापसे ने सीसीटीवी फुटेज से आरोपी की पहचान की.