पटना : कोरोना महामारी ने खून के रिश्तों को भी तार-तार कर दिया है. जान के भय के कारण अपने अपनों को मरता देख कर भाग रहे हैं. वहीं, दरभंगा में एक मां की ममता इस खौफ पर भारी पड़ी है. अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना पॉजिटिव अपने 5 माह के बच्चे को भूख से बिलखता देख मां का कलेजा फट पड़ा. वह हर डर-भय को पीछे छोड़ आइसोलेशन वार्ड में घुस गई और अपने बच्चे को दूध पिलाने लगी.
पांच माह का बच्चा संक्रमित
दरअसल, कोरोना आइसोलेशन वार्ड में एक गांव का 5 माह का कोरोना संक्रमित बच्चा भर्ती है. बच्चे के मां-बाप कोरोना निगेटिव हैं. पहले दो दिनों तक बच्चा कोरोना आइसोलेशन वार्ड में अकेला ही भर्ती रहा. मां को अपने पास न पाकर बच्चा रोता-बिलखता रहा. जब उसे भूख लगती तो वह और तेज चिल्लाने लगता. इधर, वार्ड के बाहर एक शेड में बैठी उसकी मां उसे बिलखता हुआ देखती तो कलेजे पर पत्थर रख लेती.
तीसरे दिन धैर्य ना दिखा सकी मां
आखिरकार तीसरे दिन उसके धैर्य की सीमा टूट गई. वह जान जोखिम में डाल कर आइसोलेशन वार्ड में घुस गई. उसे नर्स और स्वास्थ्य कर्मी रोकते रहे, लेकिन वह नहीं मानी. अपने बच्चे के पास पहुंच कर उसे दूध पिलाने लगी. तब जाकर बच्चा चुप हुआ. इस बीच वहीं तैनात कर्मियों ने उसे बच्चे को लेकर होम आइसोलेशन में जाने की सलाह दी. लेकिन मां नहीं मानी.
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बच्चे की मां ने कहा कि वह बेटे को लेकर घर नहीं जाएगी. अगर बेटे को लेकर घर गई तो उसका इलाज कैसे होगा. उसने कहा कि अस्पताल से उसका घर काफी दूर है. वहां कोई डॉक्टर इलाज करने नहीं जाएगा. इसलिए जबतक बेटे का कोरोना ठीक नहीं हो जाता है, तबतक वह बच्चे के साथ कोरोना आइसोलेशन वार्ड में ही रहेगी. उसने कहा कि उसे अपनी जान जोखिम में डालकर साथ आइसोलेशन वार्ड में रहना मंजूर है. दो दिनों से बेटा उससे दूर था, तो वह चैन की सांस नहीं ले पा रही थी. अब बेटे को नजर के सामने देखकर उसे संतोष है.