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गुजरात: मोदी आइसोलेशन सेंटर में मरीज ने घर जाने से किया मना, जानिए क्यों - mother daughter relationship between doctor and patient

स्वस्थ्य होने के बाद जब वह डिस्चार्ज हो रही थीं तब सेंटर का माहौल काफी भावुक हो गया. लता अपने घर जाने को कतई तैयार नहीं थी.

modi isolation center in surat
मोदी आइसोलेशन सेंटर से मरीज ने किया घर जाने से मना
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Published : May 17, 2021, 4:37 AM IST

Updated : May 17, 2021, 5:26 PM IST

सूरत: कोरोना काल में जहां सगे-संबंधी पराए हो गए, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनों से बढ़कर हो गए. संकट के समय ने सही गलत का अहसास करा दिया है. कुछ ऐसा ही मामला गुजरात के सूरत शहर से आया है. जो सबको एक सबक देने वाला है.

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मोदी आइसोलेशन सेंटर से मरीज ने किया घर जाने से मना

बता दें, सूरत की रहने वाली लताबेन को कोरोना संक्रमण हो गया था. उनकी हालत को देखते हुए उनके परिजनों ने जीससे पर्वत पाटिया क्षेत्र में बने मोदी आइसोलेशन सेंटर में भर्ती करा दिया. जानकारी के मुताबिक उनकी हालत काफी गंभीर थी. इस वजह से लगातार उनका ऑक्सीजन लेवल ऊपर नीचे हो रहा था. उनको डॉक्टरों की टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही थी.

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मोदी आइसोलेशन सेंटर से मरीज ने किया घर जाने से मना

आइसोलेशन सेंटर के डॉक्टरों की कड़ी मेहनत से लताबेन की हालत में सुधार होता गया. स्वस्थ्य होने के बाद जब वह डिस्चार्ज हो रही थीं तब सेंटर का माहौल काफी भावुक हो गया. लता अपने घर जाने को कतई तैयार नहीं थी. उनका कहना है कि मोदी आइसोलेशन सेंटर में डॉक्टरों से इतना लगाव हो गया है कि उन्हें छोड़कर जाने का मन नहीं कर रहा है.

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मोदी आइसोलेशन सेंटर से मरीज ने किया घर जाने से मना

भावुक होकर लताबेन ने डॉक्टरों से कहा कि मैं यहीं रहना चाहती हूं, मैं वापस घर नहीं जाना चाहती. उन्होंने कहा कि बीमारी के दौरान आप लोगों ने मेरी काफी सेवा की. मुझे यहां घर जैसा लगने लगा है. इतना कहकर वह फफक पड़ीं. वहां मौजूद डॉक्टर समेत सेंटर के सभी स्टॉफ भी अपने आंसू नहीं रोक पाये, लेकिन मजबूरी को देखते हुए सेंटर की एक डॉक्टर पूजा साहनी ने उन्हें समझाया और तुलसी का एक पौधा देकर खुशी-खुशी उन्हें वापस घर भेजा.

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मोदी आइसोलेशन सेंटर से मरीज ने किया घर जाने से मना

पढ़ें: इंसानियत की मिसाल : महामारी के बीच शवों का अंतिम संस्कार कर रहे कॉन्स्टेबल ज्ञानदेव प्रभाकर

महिला चिकित्सक डॉ. पूजा साहनी मोदी आइसोलेशन सेंटर में आने वाले कोरोना संक्रमितों का इलाज करती हैं. उन्होंने कहा कि यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों के चेहरे पर खुशी लाने की हम भरपूर कोशिश करते हैं और उन्हें यह अहसास कराते हे की उन्हें कोरोना नहीं है. यहां भर्ती सभी मरीज अपने परिवार से जब चाहे बात कर सकते हैं. वहीं, परिजन भी अपने मरीजों से जब जी चाहें बात कर सकते हैं.

सूरत: कोरोना काल में जहां सगे-संबंधी पराए हो गए, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनों से बढ़कर हो गए. संकट के समय ने सही गलत का अहसास करा दिया है. कुछ ऐसा ही मामला गुजरात के सूरत शहर से आया है. जो सबको एक सबक देने वाला है.

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मोदी आइसोलेशन सेंटर से मरीज ने किया घर जाने से मना

बता दें, सूरत की रहने वाली लताबेन को कोरोना संक्रमण हो गया था. उनकी हालत को देखते हुए उनके परिजनों ने जीससे पर्वत पाटिया क्षेत्र में बने मोदी आइसोलेशन सेंटर में भर्ती करा दिया. जानकारी के मुताबिक उनकी हालत काफी गंभीर थी. इस वजह से लगातार उनका ऑक्सीजन लेवल ऊपर नीचे हो रहा था. उनको डॉक्टरों की टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही थी.

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मोदी आइसोलेशन सेंटर से मरीज ने किया घर जाने से मना

आइसोलेशन सेंटर के डॉक्टरों की कड़ी मेहनत से लताबेन की हालत में सुधार होता गया. स्वस्थ्य होने के बाद जब वह डिस्चार्ज हो रही थीं तब सेंटर का माहौल काफी भावुक हो गया. लता अपने घर जाने को कतई तैयार नहीं थी. उनका कहना है कि मोदी आइसोलेशन सेंटर में डॉक्टरों से इतना लगाव हो गया है कि उन्हें छोड़कर जाने का मन नहीं कर रहा है.

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मोदी आइसोलेशन सेंटर से मरीज ने किया घर जाने से मना

भावुक होकर लताबेन ने डॉक्टरों से कहा कि मैं यहीं रहना चाहती हूं, मैं वापस घर नहीं जाना चाहती. उन्होंने कहा कि बीमारी के दौरान आप लोगों ने मेरी काफी सेवा की. मुझे यहां घर जैसा लगने लगा है. इतना कहकर वह फफक पड़ीं. वहां मौजूद डॉक्टर समेत सेंटर के सभी स्टॉफ भी अपने आंसू नहीं रोक पाये, लेकिन मजबूरी को देखते हुए सेंटर की एक डॉक्टर पूजा साहनी ने उन्हें समझाया और तुलसी का एक पौधा देकर खुशी-खुशी उन्हें वापस घर भेजा.

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मोदी आइसोलेशन सेंटर से मरीज ने किया घर जाने से मना

पढ़ें: इंसानियत की मिसाल : महामारी के बीच शवों का अंतिम संस्कार कर रहे कॉन्स्टेबल ज्ञानदेव प्रभाकर

महिला चिकित्सक डॉ. पूजा साहनी मोदी आइसोलेशन सेंटर में आने वाले कोरोना संक्रमितों का इलाज करती हैं. उन्होंने कहा कि यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों के चेहरे पर खुशी लाने की हम भरपूर कोशिश करते हैं और उन्हें यह अहसास कराते हे की उन्हें कोरोना नहीं है. यहां भर्ती सभी मरीज अपने परिवार से जब चाहे बात कर सकते हैं. वहीं, परिजन भी अपने मरीजों से जब जी चाहें बात कर सकते हैं.

Last Updated : May 17, 2021, 5:26 PM IST
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