देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2022 (Chardham Yatra 2022) इस बार श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर नया रिकॉर्ड बना रही है. तीन मई को गंगोत्री (Gangotri Dham) और यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा 2022 की विधिवत शुरुआत हो गई (devotees reached Chardham Yatra 2022) थी. इसके बाद 6 मई को केदारनाथ धाम और 8 मई को बदरीनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट खुले थे. इन आठ दिनों में चारों धामों की बात करें तो 10 मई तक कुल 2,61,113 पहुंचे हैं.
गंगोत्री धाम: उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने जो आंकड़ा जारी किया है उसके हिसाब से गंगोत्री धाम में तीन से लेकर 10 मई तक 60,630 तीर्थयात्री मां गंगा के दर्शन कर चुके हैं. पहले दिन तीन मई को 5,127 तीर्थयात्री गंगोत्री धाम पहुंचे थे. इसके बाद से ही ये आंकड़ा रोज बढ़ता जा रहा है. 10 मई को 11,145 तीर्थयात्रियों ने मां गंगा के दर्शन किए.
यमुनोत्री धाम: गंगोत्री धाम के कपाट भी यमुनोत्री धाम के साथ तीन मई को ही खुले थे. यमुनोत्री धाम में पहले दिन 4,171 श्रद्धालु पहुंचे थे. यहां10 मई तक 52,959 यात्री यमुनोत्री धाम पहुंचे हैं. यमुनोत्री धाम में अभीतक सबसे ज्यादा चार मई को 7,871 तीर्थयात्री पहुंचे थे.
केदारनाथ धाम: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद 6 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुले थे. केदारनाथ धाम में पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर पर पहुंचे थे. यहां पहले दिन 23,512 तीर्थयात्री पहुंचे थे और सबसे कम 8 मई को 17,749 यात्री पहुंचे. केदारनाथ धाम में पांच दिनों के अंदर कुल 96,543 यात्री पहुंचे, जो चारधाम में अभीतक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
बदरीनाथ धाम: गंगोत्री-यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद 8 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए थे. बदरीनाथ धाम में पहले दिन 24,273 तीर्थयात्री पहुंचे थे. बदरीनाथ धाम में तीन दिनों के अंदर 51,001 श्रद्धालु पहुंचे.
1000 श्रद्धालुओं का इजाफा: वहीं, हर दिन लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने हर दिन दर्शनार्थियों की संख्या में इजाफा किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में हर दिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में हजार लोगों की बढ़ोतरी की है. अबतक उत्तराखंड के इन चारों धामों पर प्रत्येक दिन दर्शन के लिए समय और यात्रियों की संख्या निर्धारित थी. केदारनाथ धाम में हर दिन रात 9 बजे तक 12 हजार यात्रियों के दर्शन की अनुमति थी, बदरीनाथ में 15 हजार, गंगोत्री में 7 हजार तो यमुनोत्री में 4 हजार यात्रियों को प्रतिदिन दर्शन की अनुमति थी.
अब हर धाम में 1000 यात्रियों की संख्या बढ़ाए जाने के बाद केदारनाथ में प्रत्येक दिन 13 हजार, बदरीनाथ में 16 हजार, गंगोत्री में प्रत्येक दिन 8000 और यमुनोत्री में प्रत्येक दिन 5000 तीर्थयात्री भगवान के दर्शन कर पाएंगे. इसके साथ ही केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं के दर्शन करने के समय में पांच घंटे की बढ़ोतरी की गई है. सुबह 4 से दोपहर 3 बजे और फिर शाम 4 बजे से रात साढ़े 10 बजे तक भक्तगण बाबा के दर्शन कर सकेंगे.
रजिस्ट्रेशन अनिवार्य: इसके साथ ही सरकार ने साफ कहा है कि श्रद्धालुओं को पंजीकरण कराना अनिवार्य है. बिना पंजीकरण कोई यात्री चारधाम यात्रा पर नहीं आ पाएगा. सत्यापन के लिए सभी पुलिस चौकियों पर इसकी कड़ाई से और नियमित रूप से जांच के निर्देश दिए गए हैं. उत्तराखंड के लोगों को भी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वो यहां आने से पहले अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करवाएं, साथ ही यहां रुकने व दर्शन की व्यवस्था भी पहले से करें. रजिस्ट्रेशन की जांच जगह-जगह यात्रा मार्ग और पुलिस चौकियों पर की जाएगी. https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ पर जाकर पंजीकरण करवाएं. वर्तमान में चारधाम यात्रा मार्ग के 18 स्थानों पर ऑफलाइन व ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है.
व्यवस्थाएं मुकम्मल नहीं: चारधाम यात्रा से जितनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, उस हिसाब से सरकार व्यवस्थाएं मुकम्मल नहीं कर पा रही है. यही कारण है कि चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौत हो रही है. अभीतक चारधाम में 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से एक मौत सिर्फ केदारनाथ में पैर फिसल कर खाई में गिरने के कारण हुई है, बाकि सभी मौतें बीमारियों के कारण हुई हैं. इसलिए चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अब उत्तराखंड सरकार की तरफ एडवाइजरी जारी की गई है, ताकि उन्हें चारधाम यात्रा के दौरान किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
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सरकार की तरफ से जारी हेल्थ एडवाइजरी-
- स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही यात्रा के लिए प्रस्थान करें.
- पहले से बीमार व्यक्ति अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का संपर्क नम्बर अवश्य साथ रखें.
- अति बुजुर्ग एवं बीमार व्यक्तियों एवं पूर्व में कोविड से ग्रसित व्यक्तियों के लिए यात्रा पर न जाना या कुछ समय के लिए स्थगित करना उचित होगा.
- गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में अवश्य रखें.
- हृदय रोग, श्वसन रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरते. इन बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में दवाईयां साथ रखें एवं चिकित्सक द्वारा लिखी गयी दवाइयों एवं परामर्श पर्ची यात्रा के दौरान अपने साथ रखें.
- लक्षण जैसे- सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट का होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सांस फूलना,खांसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे एवं 104 हेल्पलाइन नम्बर पर सम्पर्क करें.
- धूम्रपान व अन्य मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करें.
- सनस्क्रीन एसपीएफ 50 का उपयोग अपनी त्वचा को तेज धूप से बचाने के लिए करें.