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Peacock: सुरेंद्रनगर में गर्मी से 30 से ज्यादा राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत

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Published : May 21, 2023, 8:38 PM IST

गुजरात के सुरेंद्रनगर के पाटडी तालुका में भीषण गर्मी के कारण 30 से ज्यादा मोरों की मौत हो गई है. सुरेन्द्रनगर जिले के अन्य तालुकों की तुलना में पाटड़ी तालुका रेगिस्तान से सटा है. वहां का पारा 43 से 44 डिग्री के बीच पहुंच गया है.

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सुरेन्द्रनगर: सुरेंद्रनगर के पाटडी तालुका में भीषण गर्मी में ओरेन्ज अलर्ट के बीच 30 से ज्यादा राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत हो गई. कहा जा रहा है कि अगर यही स्थिति रही तो मोरों के लिए मशहूर सावलास गांव में एक भी मोर नहीं बचेगा.

सुरेन्द्रनगर जिले के अन्य तालुकों की तुलना में पाटड़ी तालुका रेगिस्तान से सटा है. यहां तापमान सुरेंद्रनगर से दो डिग्री अधिक रहता है. पाटड़ी के झालावाड़ इलाके में ऑरेंज अलर्ट के बीच पारा 43 से 44 डिग्री के बीच पहुंच गया है. भीषण गर्मी में लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है. आसमान से बरस रहे आग के गोले से चिलचिलाती गर्मी में लोगों के साथ पशु-पक्षीयों का हाल बेहद दयनीय है.

मिली जानकारी के अनुसार चार दिनों में 30 से अधिक मोरों की मौत से पूरे संभाग में हड़कंप मच गया है. एक के बाद एक मोर के मौत से तंत्र भी अलर्ट हो चूका है. रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर एस.एस. सरला के निर्देश पर अभ्यारण्य विभाग की रेस्क्यू टीम तुरंत सावलास गांव पहुंची और घायल मोरों को तत्काल इलाज के लिए बाजाना केयर सेंटर ले आई. सावलास गांव में भीषण गर्मी में घायल करीब 15 मोरों को बाजना अभ्यारण्य विभाग इलाज के लिए भेजा गया है.

ग्रामीणों ने मोर की मौत की जांच की मांग की है. वन विभाग द्वारा मृत मोर का पोस्टमार्टम करने के साथ ही किसानों व ग्रामीणों के अनुरोध पर झील के पानी के सैंपल लेकर जांच शुरू कर दी गई है. जब सुरेंद्रनगर के जिलाधिकारी के.सी. संपत ने इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लेते हुए वन विभाग को राष्ट्रीय पक्षी माने जाने वाले मोर को बचाने के निर्देश दिए है.

"पिछले चार-पाँच दिनों में करीब 8 से 10 घायल मोरों को बाजना अभ्यारण्य विभाग के अमले ने वाहन से इलाज के लिए पहुंचाया है. आज पांच और मोर घायल हुए हैं और अभयारण्य विभाग को सूचित कर दिया गया है. कभी मोर पालने के लिए मशहूर रहे सावलास गांव में अगर यही हाल रहा तो गांव से राष्ट्रीय पक्षी मोर के गायब होने की आशंका जताई जा रही है. - धर्मेशभाई फत्तेपारा, सावलास

यह भी पढ़ें: Gujarat News : बस संचालक ने 2000 के नोटों से चुकाया 4 लाख रुपए का टैक्स

सुरेन्द्रनगर: सुरेंद्रनगर के पाटडी तालुका में भीषण गर्मी में ओरेन्ज अलर्ट के बीच 30 से ज्यादा राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत हो गई. कहा जा रहा है कि अगर यही स्थिति रही तो मोरों के लिए मशहूर सावलास गांव में एक भी मोर नहीं बचेगा.

सुरेन्द्रनगर जिले के अन्य तालुकों की तुलना में पाटड़ी तालुका रेगिस्तान से सटा है. यहां तापमान सुरेंद्रनगर से दो डिग्री अधिक रहता है. पाटड़ी के झालावाड़ इलाके में ऑरेंज अलर्ट के बीच पारा 43 से 44 डिग्री के बीच पहुंच गया है. भीषण गर्मी में लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है. आसमान से बरस रहे आग के गोले से चिलचिलाती गर्मी में लोगों के साथ पशु-पक्षीयों का हाल बेहद दयनीय है.

मिली जानकारी के अनुसार चार दिनों में 30 से अधिक मोरों की मौत से पूरे संभाग में हड़कंप मच गया है. एक के बाद एक मोर के मौत से तंत्र भी अलर्ट हो चूका है. रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर एस.एस. सरला के निर्देश पर अभ्यारण्य विभाग की रेस्क्यू टीम तुरंत सावलास गांव पहुंची और घायल मोरों को तत्काल इलाज के लिए बाजाना केयर सेंटर ले आई. सावलास गांव में भीषण गर्मी में घायल करीब 15 मोरों को बाजना अभ्यारण्य विभाग इलाज के लिए भेजा गया है.

ग्रामीणों ने मोर की मौत की जांच की मांग की है. वन विभाग द्वारा मृत मोर का पोस्टमार्टम करने के साथ ही किसानों व ग्रामीणों के अनुरोध पर झील के पानी के सैंपल लेकर जांच शुरू कर दी गई है. जब सुरेंद्रनगर के जिलाधिकारी के.सी. संपत ने इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लेते हुए वन विभाग को राष्ट्रीय पक्षी माने जाने वाले मोर को बचाने के निर्देश दिए है.

"पिछले चार-पाँच दिनों में करीब 8 से 10 घायल मोरों को बाजना अभ्यारण्य विभाग के अमले ने वाहन से इलाज के लिए पहुंचाया है. आज पांच और मोर घायल हुए हैं और अभयारण्य विभाग को सूचित कर दिया गया है. कभी मोर पालने के लिए मशहूर रहे सावलास गांव में अगर यही हाल रहा तो गांव से राष्ट्रीय पक्षी मोर के गायब होने की आशंका जताई जा रही है. - धर्मेशभाई फत्तेपारा, सावलास

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