नई दिल्ली/लखनऊ : दिल्ली की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद के इमाम सैय्यद अहमद बुखारी ने सोमवार को मगरिब की नमाज के बाद एलान किया कि सोमवार को रमजान का चांद नजर नहीं आया है. लिहाजा पहला रोज बुधवार को होगा.
पिछले साल कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से सभी धार्मिक स्थलों को बंद रखा गया था. इसकी वजह से आम मुसलमानों ने अपने घरों में रह कर रमजान की इबादतें की थीं. लेकिन आज जामा मस्जिद से एलान किया गया कि जामा मस्जिद के मुसल्ले पर तरावीह की नमाज होगी लेकिन कोविड19 के गाइडलाइन के अनुसार.
वहीं जामा मस्जिद के सहन में हर वर्ष हजारों लोग रोजा इफ्तार किया करते थे. लेकिन इस साल इसको लेकर सस्पेंस बना हुआ है कि रोजा इफ्तार होगा या नहीं. दिल्ली में नाइट कर्फ्यू की वजह से मुसलमानों को फजर की नमाज भी घरों में अदा करनी पड़ेगी क्योंकि नाइट कर्फ्यू का समय सुबह पांच बजे तक है. जामा मस्जिद सहित किसी भी मस्जिद में लोगों के लिए नमाज अदा करना मुमकिन नहीं होगा.
उधर, लखनऊ में शिया-सुन्नी मरकजी चांद कमेटियों ने रमजान की तारीख का एलान कर दिया है. मरकजी चांद कमेटी फिरंगी महल के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली और शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने 14 अप्रैल को रमजान की पहली तारीख का एलान किया है.
कोविड गाइडलाइन का सख्ती से करें पालन
मुसलमानों का पवित्र महीना रमजान बुधवार यानि 14 अप्रैल से शुरू होगा. इसका एलान मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली और मौलाना सैफ अब्बास ने किया. हालांकि सोमवार को कहीं से भी देश में चांद देखे जाने की तस्दीक नहीं हो सकी है इसलिए, शिया-सुन्नी चांद कमेटियों ने 14 अप्रैल को पहली रमजान होने का एलान किया है.
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इस दौरान मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मुसलमानों से अपील की कि रमजान के दौरान सख्ती से मुसलमानों को कोविड गाइडलाइन का पालन करना चाहिए और देश-दुनिया से कोरोना महामारी से निजात के लिए दुआ करना चाहिए.