नूंह: हरियाणा के नूंह में ब्रज मंडल जलाभिषेक यात्रा से दो दिन पहले सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट अपलोड करने के मामले में मोहित यादव उर्फ मोनू मानसेर को नूंह कोर्ट से जमानत मिल गई है. सोमवार को करीब डेढ़ घंटे चली बहस के बाद मोनू मानेसर के वकील ने कहा कि मोनू के पास जो हथियार बरामद हुआ वो लाइसेंसी है, उस हथियार की प्रशासन चेकिंग कर सकता है. वकील ने कहा कि मोनू मानेसर ने जितने भी बयान दिए, उनमें से कोई भी बयान ऐसा नहीं था जिससे बवाल मच सके.
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मोनू मानेसर की जमानत के लिए कोर्ट नंबर 8 जेएमआईसी अमित वर्मा की अदालत में बहस हुई. हालांकि बहस के बाद अदालत ने फैसला दोपहर बाद तक सुरक्षित रख लिया. बहस में एडवोकेट पराशर ने मोनू के पक्ष में कहा कि उन्हें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है. दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने मोनू मानेसर को जमानत दे दी. हलांकि मोनू मानेसर की अभी जेल से रिहाई नहीं हो पायेगी क्योंकि उसके ऊपर पटौदी फायरिंग केस और राजस्थान के नासिर-जुनैद हत्या का केस भी चल रहा है.
मोनू मानेसर ने पोस्ट में ऐसा कुछ नहीं लिखा था जो विशेष समुदाय को या विशेष किसी व्यक्ति को उन शब्दों से आघात पहुंचा हो. हथियार ऑन रिकॉर्ड लाइसेंस के अंदर अंकित है, लाइसेंस खारिज किया गया है या नहीं वो जांच का विषय है. धाराओं को देखते हुए मोनू मानेसर को बेल मिलने की उम्मीद थी. एल एन पाराशर, मोनू मानेसर के वकील
गौरतलब है कि मोनू मानेसर 28 अगस्त को ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा निकालने से दो दिन पहले सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने के आरोप में मोनू मानेसर को नूंह क्राइम ब्रांच ने गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था. इसके बाद मोनू मानेसर को राजस्थान जेल में रिमांड पर भेजा गया था. फिलहाल मोनू मानेसर नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोप में अजमेर जेल में बंद है.