नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र का तीसरा दिन सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने विपक्षी दलों से सदन के सुचारू कामकाज के लिए चर्चा में भाग लेने का आग्रह किया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह मणिपुर मुद्दे पर संसद में हंगामा कर रहे विपक्षी दलों की रणनीति को नहीं समझते हैं, जबकि केंद्र सरकार इस पर चर्चा के लिए सहमत हो गई है.
उन्होंने कहा, 'हम विपक्ष से संसद में रचनात्मक चर्चा में भाग लेने का अनुरोध करते हैं. वे चर्चा से क्यों भाग रहे हैं? कोई भी उनकी रणनीति को समझ नहीं पा रहा है.' इस बीच, विपक्षी दलों के नवनिर्मित गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) ने लोकसभा और राज्यसभा में मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करते हुए आज संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.
जेडीयू के ललन सिंह, आप के संजय सिंह और कांग्रेस के गौरव गोगोई सहित विपक्ष के कई सांसदों को दोनों सदनों में पीएम के बयान की मांग को लेकर लिखे बैनर पकड़े देखा गया और उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ नारे भी लगाए. विपक्षी सांसदों ने संसद में प्रधानमंत्री से मणिपुर पर चुप्पी तोड़ने की मांग करते हुए तख्तियां भी लहराईं. कुछ दिन पहले मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने की घटना का वीडियो सामने आने के बाद विपक्षी दलों का केंद्र पर हमला तेज हो गया.
विपक्षी दलों के हमले के जवाब में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी राजस्थान और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ अन्य राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को लेकर संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा, विपक्षी सांसद 'मणिपुर के लिए भारत' और 'मणिपुर पर भारत की ओर से प्रधानमंत्री के बयान की मांग' लिखी तख्तियां लेकर भी लोकसभा पहुंचे. इस बीच उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
दूसरी ओर, केंद्र सरकार मानसून सत्र की शुरुआत से ही इस बात पर जोर दे रही है कि वे संसद के अंदर मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं. संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले संबोधित करते हुए, 20 जुलाई को पीएम मोदी ने कहा था कि (वायरल वीडियो के संबंध में) किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा.पीएम मोदी ने कहा, 'मैं दर्द से भर गया हूं और यह घटना किसी भी नागरिक समाज के लिए शर्मनाक है.'
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उन्होंने कहा कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा और जो लोग इसके पीछे हैं उन्हें हम कभी माफ नहीं करेंगे. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी से बाहर नहीं बल्कि सदन के अंदर चुप्पी तोड़ने की मांग करते हुए कहा, 'अगर 140 करोड़ लोगों के नेता संसद के बाहर बयान देते हैं तो उन्हें संसद में जहां जन प्रतिनिधि बैठते हैं वहां बयान देना चाहिए.'
(एएनआई)