नई दिल्ली: देश में कोयले की पर्याप्त उपलब्धता होने की बात दोहराते हुए कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को कहा कि भारत में वर्ष 2022-23 में अब तक का सबसे अधिक कोयला उत्पादन हुआ है. वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में कोयला उत्पादन क्रमशः 716.08 मिलियन टन (एमटी), 778.21 एमटी और 893.19 एमटी था. देश में कोयले की अधिकांश आवश्यकता स्वदेशी उत्पादन और आपूर्ति से पूरी होती है. सरकार का ध्यान कोयले का घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर है. प्रह्लाद जोशी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी.
उन्होंने कहा कि देश को कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा, 'कोयला ब्लॉकों के विकास में तेजी लाने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा नियमित समीक्षा की जाती है.' जोशी ने बताया कि खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2021 को कैप्टिव खान मालिकों (परमाणु खनिजों के अलावा) को बैठक के बाद अपने वार्षिक खनिज (कोयला सहित) उत्पादन का 50 प्रतिशत तक खुले बाजार में बेचने में सक्षम बनाने के लिए अधिनियमित किया गया है. ऐसी अतिरिक्त राशि के भुगतान पर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित तरीके से खदान से जुड़े अंतिम उपयोग संयंत्र की आवश्यकता.
उन्होंने कहा, 'कोयला खदानों के परिचालन में तेजी लाने के लिए कोयला क्षेत्र के लिए एक सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल है. कोयला खदानों के शीघ्र परिचालन के लिए विभिन्न अनुमोदन और मंजूरी प्राप्त करने के लिए कोयला ब्लॉक आवंटियों की सहायता के लिए परियोजना निगरानी इकाई है.' जोशी ने बताया कि खदानों में निकाले गए कोयले के लिए पर्याप्त भंडारण सुविधाएं उपलब्ध है और आवश्यकता पड़ने पर नए कोयला भंडारण स्थान बनाए जाते हैं.
कोयला ब्लॉकों की नीलामी का जिक्र करते हुए जोशी ने कहा कि उनका मंत्रालय जून, 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वाणिज्यिक नीलामी योजना शुरू करने के बाद से कोयला ब्लॉकों की वाणिज्यिक नीलामी कर रहा है. उन्होंने कहा, 'अब तक वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के तहत 86 कोयला खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है.'