नई दिल्ली : केंद्र सरकार बुधवार को लोकसभा में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया. केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022 पर चर्चा के बाद लोकसभा द्वारा बिल पारित किया गया. ये बिल केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में संशोधन करता है, जो विभिन्न राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान करता है. इस बीच, लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण गुरुवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई.
इससे पहले सुबह सदन सुबह 11 बजे से शुरू होने के 15 मिनट बाद ही हंगामे के कारण कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी. लेकिन दोपहर 12 बजे से कार्यवाही जैसे शुरू हुई, एक बार फिर से हंगामा होने के सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. वहीं, राज्यसभा की भी कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई थी. बार-बार स्थगन के बाद अब दोबारा लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है, लेकिन विपक्ष का हंगामा भी जारी है. इस बीच विपक्षी सांसद 'रघुपति राघव राजा राम' और 'सारे जहां से अच्छा गाने लगे'. इतना ही नहीं, सरकार के खिलाफ नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक स्थगित कर दी गई थी.
संसद में बेहद अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने साल 2019 में लाए गए व्यक्तिगत डेटा सुरक्षित बिल को वापस ले लिया है. भारत सरकार ने साल 2019 में लोकसभा में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019 पेश किया था.
गतिशक्ति विश्वविद्यालय से संबंधी विधेयक पारित
शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि देश में आधारभूत ढांचे के विकास एवं वैश्विक स्तर पर बहुविध ज्ञान तंत्र बनाने की जरूरत को देखते हुए परिवहन के क्षेत्र में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है. प्रधान ने कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर शराबे के बीच लोकसभा में 'केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2022' को चर्चा एवं पारित करने के लिए रखा जिसमें राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान को गतिशक्ति विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने का प्रावधान है. इस विधेयक पर चर्चा के बाद लोकसभा द्वारा इसे पारित कर दिया गया है.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि देश में जिस प्रकार से अवसंरचना का विकास हो रहा है तथा बहुविध अधारभूत ढांचे की रूपरेखा बन रही है, उसके लिए उपयुक्त मानव संसाधन की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने वैश्विक स्तर का बहुविध ज्ञान तंत्र बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जिसके तहत एक केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की योजना है.
प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गतिशक्ति की परिकल्पना के तहत इसमें परिवहन के सारे विभाग रेलवे, सड़क, जलमार्ग, विमानन और पत्तन के साथ सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार को एक मंच पर लाने की योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान के रूप में एक डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालय चल रहा है, जिसे रेलवे की अगुवाई में वैश्विक स्तर के गतिशक्ति विश्वविद्यालय का रूप प्रदान किया जाएगा. इस दौरान कांग्रेस और विपक्ष के सदस्य विभिन्न मांगों को लेकर शोर-शराबा कर रहे थे. हंगामे के बीच ही विधेयक पर चर्चा शुरू हुई। तृणमूल कांग्रेस ने चर्चा के दौरान सदन से वाकआउट किया.
चर्चा की शुरुआत करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद रंजनाबेन भट्ट ने कहा कि रेलवे की जटिल प्रणाली के कुशल संचालन के लिए तकनीकी रूप से शिक्षित और कुशल युवाओं की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि समय की जरूरत है कि ये युवा पाठ्यक्रम पूरा करने के साथ ही ट्रेन संचालन की बारीकियों को जान जाएं और तत्काल काम पर लग जाएं. रंजनाबेन ने कहा कि दुनियाभर में अमेरिका, जापान, रूस, ब्रिटेन और चीन जैसे अनेक देशों ने ऐसे विश्वविद्यालय स्थापित किये हैं जिनमें अनुसंधान और अध्ययन होता है. उन्होंने कहा कि गतिशक्ति विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने से वड़ोदरा स्थित राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान का स्तर बढ़ेगा और पूरे देश के युवाओं को इसका लाभ मिलेगा.
वहीं, जनता दल (यूनाइटेड) के कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि यह विश्वविद्यालय रेलवे के साथ ही जलमार्गों एवं अन्य परिवहन के लिए भी सहायक सिद्ध होगा. उन्होंने बिहार में मानित विश्वविद्यालय नव नालंदा महाविहार तथा पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिये जाने की मांग सरकार से की. चर्चा में हिस्सा लेते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की संगीता आजाद ने कहा कि डिप्लोमा और इंजीनियरिंग की पढ़ायी करने वाले अभ्यर्थियों को इस तरह के संस्थानों के माध्यम से विशेष पाठयक्रम उपलब्ध कराकर रोजगार के अवसर मुहैया कराये जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में परिवहन के अलावा कौशल विकास और इलेक्ट्रॉनिकी समेत अनेक क्षेत्रों में ऐसे विश्वविद्यालयों की आवश्यकता है. आजाद ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की नियुक्ति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के नियमों का पालन नहीं होने का आरोप लगाते हुए सरकार से इस ओर भी ध्यान देने की मांग की.
गौरतलब है कि विधेयक के माध्यम से केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया था. विश्वविद्यालय का नाम सरकार के 100 लाख करोड़ रुपये के महत्वाकांक्षी पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के नाम पर किया जाना है. इस मास्टर प्लान के तहत अवसंरचना संपर्क परियोजनाओं की एकीकृत योजना तथा उनके समन्वित क्रियान्वयन के लिए सड़क परिवहन और रेलवे समेत 16 मंत्रालयों को एक मंच पर लाना है.
नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर सदन दोपहर दो बजे तक स्थगित
नेशनल हेराल्ड अखबार के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी, महंगाई और जीएसटी समेत कई मुद्दों पर कांग्रेस और विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गई. एक बार के स्थगन के बाद जब सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे आरंभ हुई तो विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे. कई सदस्य आसन के निकट पहुंच गए. पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने शोर-शराबे के बीच ही आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए. ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने हंगामे के बीच ही सदन में 'ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022' पेश किया.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने 'नेशनल हेराल्ड' के परिसरों पर ईडी की छापेमारी का विषय सदन में उठाने की कोशिश की, हालांकि आसन से उन्हें अनुमति नहीं मिली. अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और शून्यकाल चलने देने की अपील की. हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने दोपहर करीब 12 बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
हंगामे के चलते लोकसभा दोपहर 12 बजे तक स्थगित
प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी, महंगाई और जीएसटी समेत विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस और विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को लोकसभा की बैठक शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. कार्यवाही आरंभ हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कराया. इस बीच कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्य विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी और शोर शराबा करने लगे.
कुछ सदस्य आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी तथा मुद्रास्फीति के मुद्दे पर सरकार के जवाब पर असंतोष प्रकट कर रहे थे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सदन में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी से कुछ बात करते देखा गया. कांग्रेस सदस्यों और द्रमुक नेता टी आर बालू ने इस बीच लोकसभा अध्यक्ष से चौधरी को बोलने देने की अनुमति मांगी हालांकि उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली. कांग्रेस सदस्य आसन के पास आकर नारेबाजी कर रहे थे, वहीं द्रमुक सदस्य अपने स्थानों पर खड़े थे. शोर-शराबे के बीच ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने कुछ सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिये. हंगामा नहीं थमने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी.
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भारत जलवायु परिवर्तन से निबटने में सबसे आगे खड़ा है और 2005 के स्तरों के मुकाबले 2030 में उत्सर्जन की तीव्रता को 33-35 प्रतिशत तक कम करने के लिए एक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के लिए प्रतिबद्ध है. इसके अलावा प्रवासी भारतीयों के कल्याण : नीतियों, योजनाओं के विषय पर विदेश मामलों की स्थायी समिति की सरकारी व्यावसायिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी. वित्त और आवास और शहरी मामलों की स्थायी समिति की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी.