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ओडिशा: मनीऑर्डर को 100 किमी पहुंचने में लगे 4 साल

ओडिशा के राउरकेला में डाक विभाग की लापरवाही का सामला सामने आया है. एक मनीऑर्डर को 100 किमी दूर गंतव्य तक पहुंचने में 4 साल लग गए.

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ओडिशा: मनीऑर्डर को 100 किमी पहुंचने में लगे 4 साल
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Published : Dec 2, 2022, 10:17 AM IST

राउरकेला: ओडिशा में 100 किमी दूर बहन को भेजे गए एक मनीऑर्डर को पहुंचने में 4 साल लग गए. पिछले महीने 26 नवंबर को भाइयों के परिवार को रसीद की कॉपी मिलने के बाद मामला सामने आया. सुंदरगढ़ जिले के कोएडा प्रखंड के तेनसा क्षेत्र की एक महिला को हाल ही में 500 रुपये का मनीऑर्डर मिला जो उसके भाई ने 2018 में सावित्री व्रत के लिए भेजा था.

राउरकेला की रहने वाली सुमित्रा बिस्वाल के भाई ने 9 मई, 2018 को सेक्टर-19 पोस्ट ऑफिस में शहर से महज 100 किमी दूर रहने वाली अपनी बहन को 500 रुपये का मनीऑर्डर भेजा था. सुमित्रा को 26 नवंबर, 2022 को 500 रुपये का मनीऑर्डर मिला. फिर उसने अपने भाई से पैसे के बारे में पूछा. यह जानकर सुमित्रा का भाई भी चौंक गया और उसे याद आया कि उसने 2018 में मनीऑर्डर भेजा था.

ये भी पढ़ें-ओडिशा के भुवनेश्वर में तलवार से काटा जन्मदिन का केक, पांच गिरफ्तार

इस गलती के बारे में पूछे जाने पर राउरकेला के सब-पोस्टमास्टर सर्बेश्वर चौधरी ने कहा, 'उनके संज्ञान में आने के बाद मामले की विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं. प्रमोद प्रधान की पत्नी प्रणति प्रधान ने कहा, 'मेरे पति ने 2018 में पैसा भेजा था. हम 2022 में चार साल बाद पैसे पहुंचने की खबर पाकर हैरान हैं. मनीऑर्डर को 100 किमी की दूरी तक पहुंचने में चार साल लग गए. इस तरह की उपेक्षा फिर से नहीं होनी चाहिए.'

राउरकेला: ओडिशा में 100 किमी दूर बहन को भेजे गए एक मनीऑर्डर को पहुंचने में 4 साल लग गए. पिछले महीने 26 नवंबर को भाइयों के परिवार को रसीद की कॉपी मिलने के बाद मामला सामने आया. सुंदरगढ़ जिले के कोएडा प्रखंड के तेनसा क्षेत्र की एक महिला को हाल ही में 500 रुपये का मनीऑर्डर मिला जो उसके भाई ने 2018 में सावित्री व्रत के लिए भेजा था.

राउरकेला की रहने वाली सुमित्रा बिस्वाल के भाई ने 9 मई, 2018 को सेक्टर-19 पोस्ट ऑफिस में शहर से महज 100 किमी दूर रहने वाली अपनी बहन को 500 रुपये का मनीऑर्डर भेजा था. सुमित्रा को 26 नवंबर, 2022 को 500 रुपये का मनीऑर्डर मिला. फिर उसने अपने भाई से पैसे के बारे में पूछा. यह जानकर सुमित्रा का भाई भी चौंक गया और उसे याद आया कि उसने 2018 में मनीऑर्डर भेजा था.

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इस गलती के बारे में पूछे जाने पर राउरकेला के सब-पोस्टमास्टर सर्बेश्वर चौधरी ने कहा, 'उनके संज्ञान में आने के बाद मामले की विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं. प्रमोद प्रधान की पत्नी प्रणति प्रधान ने कहा, 'मेरे पति ने 2018 में पैसा भेजा था. हम 2022 में चार साल बाद पैसे पहुंचने की खबर पाकर हैरान हैं. मनीऑर्डर को 100 किमी की दूरी तक पहुंचने में चार साल लग गए. इस तरह की उपेक्षा फिर से नहीं होनी चाहिए.'

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