लखनऊ: राजधानी में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान आयोजित परेड कार्यक्रम के दौरान एक ऐसी हरकत एक पूर्व मंत्री मोहसिन रजा ने की, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
वीडियो में दिख रहा है कि विधान भवन के मुख्य द्वार पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. ध्वजारोहण के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बृजेश पाठक के साथ आगे बढ़ते हैं और अपने सोफे पर आकर बैठते हैं. इस दौरान बृजेश पाठक के साथ-साथ आ रहे हज कमेटी के चेयरमैन मोहसिन रजा मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण दानिश रजा को हटाकर उनकी कुर्सी पर बैठ जाते हैं. वीडियो में यह साफ साफ दिखाई दे रहा है कि हज कमेटी के चेयरमैन मोहसिन रजा पूरे फोटो फ्रेम में आने के लिए किस प्रकार से न सिर्फ बचकानी हरकत कर रहे हैं. बल्कि प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी कर रहे हैं. इस दौरान राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी उनसे कहते हैं कि यहां पर उनके बैठने की व्यवस्था की गई है. लेकिन मोहसिन उन्हें हाथ से पीछे की ओर ढकेलते हुए नजर आ रहे हैं और बृजेश पाठक के ठीक बगल में बैठ जाते हैं.
इसके बाद दानिश अंसारी समझदारी का परिचय देते हुए बगल में पड़े सोफे पर बैठ जाते हैं, जिससे कार्यक्रम में कोई व्यवधान न पड़े. यह वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं कि एक हज कमेटी के चेयरमैन जो राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त हैं और दूसरे मंत्री के साथ इस प्रकार का व्यवहार कर रहे हैं. इससे पहले भी कई बार फोटो फ्रेम में आने के चक्कर में मोहसिन रजा गलत व्यवहार कर चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उन्हें कई बार सार्वजनिक मंचों पर टोंक भी चुके हैं.
राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर रविकांत कहते हैं कि मोहसिन रजा फोटो फ्रेम में आने के आदी हो चुके हैं और इसके चलते वह कई बार प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए नजर भी आ चुके हैं. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी पसमांदा मुसलमानों को अपने और करीब लाने की तमाम तरह की कोशिश कर रही है. इसके लिए बीजेपी तमाम तरह के सम्मेलन कर रही है लेकिन हज कमेटी के चेयरमैन मोहसिन रजा पसमांदा समाज से ही आने वाले राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी के साथ सार्वजनिक मंच पर इस प्रकार का दुर्व्यवहार करते हैं. यह अच्छी राजनीत नहीं है और मर्यादा के खिलाफ मानी जाती है, इस विषय को मुख्यमंत्री को देखना चाहिए.