भोपाल। आर्थिक परेशानी से जूझ रही मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की मुसीबत पीएम मोदी के एक बयान से और बढ़ गई है. 27 जून को मध्यप्रदेश के दौरे पर आए पीएम मोदी ने पेट्रोल के दामों को लेकर मध्यप्रदेश की सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है. अब कांग्रेस शिवराज सरकार पर महंगाई को लेकर निशाना साध रही है. कांग्रेस मोदी के बयान के बहाने शिवराज सरकार पर निशाना साध रही है. उधर राज्य सरकार चुनाव के पहले पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने पर विचार कर रही है. हालांकि मौजूदा आर्थिक स्थिति के चलते सरकार के लिए इसे कम करना मुश्किल कदम होगा.
यह कहा था पीएम मोदी ने: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के दौरे पर कहा था कि पेट्रोल पर हाय-हाय करते हैं, लेकिन केन्द्र ने दो साल में दो बार एक्साइज ड्यूटी कम की है, लेकिन ज्यादातर राज्यों में जहां बीजेपी नहीं है, वहां राजनीतिक दलों ने इस कटौती का लाभ जनता को नहीं दिया. इन राज्यों ने अपने राज्य का वैट बढ़ाकर जनता से वसूली का अभियान चालू रखा है. उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, उत्तराखंड जहां बीजेपी की सरकार हैं, वहां पेट्रोल की कीमतें सौ रुपए से कम है. जबकि बिहार में 107, राजस्थान में 108, तेलंगाना में 109, केरला में 110 है.
कांग्रेस बोली पीएम से बुलवाया झूठ: पीएम मोदी के बयान के बाद कांग्रेस नेता सरकार पर निशाना साध रही है, क्योंकि मध्यप्रदेश में पेट्रोल 108 से ज्यादा कीमत प्रति लीटर पर बिक रहा है. कांग्रेस मीडिया प्रवक्ता केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने पेट्रोल की कीमतों को लेकिन अपने भाषण में या तो जानबूझकर विश्वासघाती शब्द उपयोग कर शिवराज को विश्वासघाती बताया है, या फिर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से झूठ बुलवाया है कि यहां पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर से कम पर बिक रहा है. कांग्रेस सवाल उठा रही है कि क्या पीएम मोदी को प्रदेश के नेता अंधेरे में रखे हुए हैं. आखिर अब महंगाई के मुद्दे पर बीजेपी के नेता क्यों विरोध नहीं करते, जबकि कांग्रेस सरकार के समय यह साइकिल चलाकर विरोध जताते थे.
हर दिन पेट्रोल से 23.49 करोड़ कमाती है सरकार: देखा जाए तो केन्द्र सरकार ने पिछले 9 सालों में पेट्रोल पर 27 रुपए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है. जबकि डीजल पर 31.77 रुपए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई. मार्च 2020 से मई 2022 के बीच पेट्रोल पर 13 रुपए और डीजल पर 16 रुपए की ड्यूटी बढ़ाई गई थी. वहीं पिछले पांच सालों में केन्द्र सरकार ने पेट्रोल पर 19 रुपए एक्साइज ड्यूटी घटाई, जबकि डीजल पर 16.50 रुपए एक्साइज ड्यूटी घटाई है. मई 2022 में पेट्रोल पर 8 रुपए और डीजल पर 6 रुपए ड्यूटी घटाई गई थी. केन्द्र सरकार के पेट्रोलियम प्लानिग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों के हिसाब से देखे तो प्रदेश में प्रतिदिन 2 करोड़ लीटर पेट्रोल-डीजल की बिक्री होती है. इसमें 1.2 करोड़ लीटर डीजल और 80 लाख लीटर पेट्रोल है. मध्यप्रदेश सरकार सभी टेक्स मिलाकर एक लीटर डीजल पर 18.22 रुपए और 1 लीटर पेट्रोल पर 29.37 रुपए टैक्स लगाती है. यानी हर रोज डीजल पर टैक्स से सरकार 21.86 करोड़ रुपए और पेट्रोल 23.49 करोड़ रुपए टैक्स लेती है.
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चुनाव के पहले राहत की तैयारी: उधर पीएम के बयान के बाद मध्यप्रदेश सरकार पेट्रोल पर वैट घटाने को लेकर दवाब में है. वित्त मंत्री जगदीश देवडा के मुताबिक प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर पहले ही वैट कम किया जा चुका है. अब इसको लेकर और विचार करेंगे, हालांकि सरकार के लिए पेट्रोल में राहत देना आसान काम नहीं होगा. राज्य सरकार पहले ही 3 लाख 31 हजार करोड़ के कर्ज में है. उस पर चुनावी साल में हितग्राही मूलक योजनाओं ने सरकार के खर्चों को और बढ़ा दिया है.