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लेह-लद्दाख को ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में आगे बढ़ा रही मोदी सरकार: कैलाश चौधरी

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि अब तक गर्म मरुस्थल थार में शोध कर रही काजरी को अब केंद्र सरकार की ओर से ठंडे मरुस्थल का टास्क दिया गया है.

कैलाश चौधरी
कैलाश चौधरी
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Published : Jul 4, 2021, 8:38 AM IST

बाड़मेर : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री (Union Minister of State for Agriculture and Farmers Welfare) कैलाश चौधरी (Kailash Choudhary) शनिवार को अपने तीन दिवसीय लेह-लद्दाख दौरे पर हैं. लेह-लद्दाख (Leh-Ladakh) सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल (MP Jamyang Tsering Namgyal) और भाजपा किसान मोर्चा (Bharatiya Janta Party kishan Morcha- BJPKM) के प्रदेशाध्यक्ष मुटुप तेसरिंग (State President Mutup Tsering) के नेतृत्व में स्थानीय प्रतिनिधियों और किसान संगठनों ने कैलाश चौधरी का स्वागत किया. कैलाश चौधरी ने स्थानीय किसानों, कृषि अधिकारियों एवं किसान संगठनों के साथ अलग-अलग बैठक की.

विभिन्न किसान संगठनों एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार लद्दाख क्षेत्र को ऑर्गेनिक क्षेत्र बनाने के लक्ष्य को लेकर तेज गति से काम कर रही है. लद्दाख के स्थानीय किसान मोदी सरकार की जैविक खेती योजना (organic farming scheme) के तहत अपनी खेती में बदलाव ला सकते हैं. केंद्र सरकार की ओर से इस समय देश में किसानों को ऑर्गेनिक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए हरसंभव सहयोग दिया जा रहा है.

पढ़ें : राजस्थान : शराब पिलाकर किशोरी से रेप, सहेली के साथ मिलकर बनाए वीडियो

कैलाश चौधरी ने कहा कि लेह-लद्दाख अगले पांच सालों में ऑर्गेनिक क्षेत्र बनने की दिशा में अग्रसर है. लद्दाख में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस समय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research-ICAR) एवं काजरी की टीम काम कर रही हैं. चौधरी ने काजरी जोधपुर के निदेशक ओपी यादव के साथ ICAR के लेह स्थित क्षेत्रीय काजरी केंद्र (Regional Kajri Center) का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यहां वैज्ञानिक कृषि, वानिकी, बागवानी, पशुपालन और स्थानीय लोगों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए शोध करेंगे.

कैलाश चौधरी ने कहा कि अब तक गर्म मरुस्थल थार में शोध कर रही काजरी को अब केंद्र सरकार की ओर से ठंडे मरुस्थल का टास्क दिया गया है. लेह में छह महीने बर्फ गिरने और यहां सुख- सुविधाएं कम होने के कारण ही स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें खेती में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए यहां के क्षेत्रीय केंद्र और कृषि वैज्ञानिकों को केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न सुविधाओं और कृषि शोध के लिए फंड की व्यवस्था की गई है.

बाड़मेर : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री (Union Minister of State for Agriculture and Farmers Welfare) कैलाश चौधरी (Kailash Choudhary) शनिवार को अपने तीन दिवसीय लेह-लद्दाख दौरे पर हैं. लेह-लद्दाख (Leh-Ladakh) सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल (MP Jamyang Tsering Namgyal) और भाजपा किसान मोर्चा (Bharatiya Janta Party kishan Morcha- BJPKM) के प्रदेशाध्यक्ष मुटुप तेसरिंग (State President Mutup Tsering) के नेतृत्व में स्थानीय प्रतिनिधियों और किसान संगठनों ने कैलाश चौधरी का स्वागत किया. कैलाश चौधरी ने स्थानीय किसानों, कृषि अधिकारियों एवं किसान संगठनों के साथ अलग-अलग बैठक की.

विभिन्न किसान संगठनों एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार लद्दाख क्षेत्र को ऑर्गेनिक क्षेत्र बनाने के लक्ष्य को लेकर तेज गति से काम कर रही है. लद्दाख के स्थानीय किसान मोदी सरकार की जैविक खेती योजना (organic farming scheme) के तहत अपनी खेती में बदलाव ला सकते हैं. केंद्र सरकार की ओर से इस समय देश में किसानों को ऑर्गेनिक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए हरसंभव सहयोग दिया जा रहा है.

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कैलाश चौधरी ने कहा कि लेह-लद्दाख अगले पांच सालों में ऑर्गेनिक क्षेत्र बनने की दिशा में अग्रसर है. लद्दाख में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस समय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research-ICAR) एवं काजरी की टीम काम कर रही हैं. चौधरी ने काजरी जोधपुर के निदेशक ओपी यादव के साथ ICAR के लेह स्थित क्षेत्रीय काजरी केंद्र (Regional Kajri Center) का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यहां वैज्ञानिक कृषि, वानिकी, बागवानी, पशुपालन और स्थानीय लोगों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए शोध करेंगे.

कैलाश चौधरी ने कहा कि अब तक गर्म मरुस्थल थार में शोध कर रही काजरी को अब केंद्र सरकार की ओर से ठंडे मरुस्थल का टास्क दिया गया है. लेह में छह महीने बर्फ गिरने और यहां सुख- सुविधाएं कम होने के कारण ही स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें खेती में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए यहां के क्षेत्रीय केंद्र और कृषि वैज्ञानिकों को केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न सुविधाओं और कृषि शोध के लिए फंड की व्यवस्था की गई है.

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