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पीएम मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक में कोरोना की ताजा स्थिति की समीक्षा की, दिए कई दिशा-निर्देश

देश में कोविड-19 के मामले बढ़ने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालात को देखते हुए पीएम मोदी ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई. बैठक में देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति और कोरोना टीकाकरण पर चर्चा की गई. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

उच्च स्तरीय बैठक
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Published : Apr 4, 2021, 6:09 PM IST

Updated : Apr 4, 2021, 6:28 PM IST

नई दिल्ली : देशभर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को महामारी के सतत प्रबंधन और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के साथ ही जन भागीदारी और जन आंदोलन जारी रखने की जरूरत पर बल दिया.

संकमण को फैलने से रोकने के लिए उन्होंने टेस्टिंग (जांच), ट्रेसिंग (संपर्कों का पता लगाना), ट्रीटमेंट (उपचार करना), कोविड बचाव संबंधी सावधानियां और और टीकाकरण की पांच स्तरीय रणनीति को बेहद गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ अपनाने पर जोर दिया.

देशभर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और जारी टीकाकरण अभियान के सिलसिले में रविवार को हुई एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने ये बातें कही.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, छह अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच कोविड-19 महामारी के अनुरूप व्यवहार करने मसलन शत-प्रतिशत मास्क के उपयोग, व्यक्तिगत स्वचछता पर जोर देने के साथ ही कोविड बचाव संबंधी सावधानियों के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा.

प्रधानमंत्री ने इस समीक्षा बैठक के दौरान आने वाले दिनों में अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, जांच की उचित व्यवस्था और समय रहते मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराना सुनिश्चित करने को कहा.

उन्होंने कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर में हर हालत में कमी लाने और इसके लिए आवश्यक स्वास्थ्य ढांचा बढ़ाने पर भी जार दिया.

महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ते कोविड-19 के मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के दलों को भेजने का भी निर्देश दिया.

बैठक के दौरान एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई जिसमें बताया गया कि कोविड-19 के देश भर के कुल मामलों और इससे होने वाली मौतों के मामलों में से 91 प्रतिशत मामले सिर्फ 10 राज्यों में हैं जबकि महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ की स्थिति चिंताजनक है.

महाराष्ट्र में अकेले देश में कोविड-19 के कुल मामलों के 57 प्रतिशत मामले हैं और राज्य में दैनिक नए मामलों का आंकड़ा 47,913 तक पहुंच गया है. महाराष्ट्र में इससे पहले जब कोरोना वायरस महामारी चरम पर थी, उसके मुकाबले यह आंकड़ा दोगुने से भी अधिक है.

इस बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

ज्ञात हो कि रविवार को देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के 93,249 नए मामले सामने आए, जो इस साल एक दिन में आए कोविड-19 के सर्वाधिक मामले हैं. इसके साथ ही देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,24,85,509 हो गई है.

पढ़ें - महाराष्ट्र : आदिवासियों की मदद के लिए 231 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, 19 सितंबर के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सामने आए ये सबसे अधिक मामले हैं. 19 सितंबर को कोविड-19 के 93,337 मामले आए थे.

आंकड़ों के मुताबिक, रविवार को महामारी से 513 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 1,64,623 हो गई है.

प्रधानमंत्री ने देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर बुधवार को चिंता जताई थी और इसे फिर से फैलने से रोकने के लिए ‘‘तीव्र एवं निर्णायक’’ कदम उठाने का आह्वान किया.

पिछले महीने प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से डिजिटल माध्यम से संवाद किया था और कहा था कि अगर इस बढ़ती हुई महामारी को यहीं नहीं रोका जाएगा तो देशव्यापी संक्रमण की स्थिति बन सकती है.

नई दिल्ली : देशभर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को महामारी के सतत प्रबंधन और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के साथ ही जन भागीदारी और जन आंदोलन जारी रखने की जरूरत पर बल दिया.

संकमण को फैलने से रोकने के लिए उन्होंने टेस्टिंग (जांच), ट्रेसिंग (संपर्कों का पता लगाना), ट्रीटमेंट (उपचार करना), कोविड बचाव संबंधी सावधानियां और और टीकाकरण की पांच स्तरीय रणनीति को बेहद गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ अपनाने पर जोर दिया.

देशभर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और जारी टीकाकरण अभियान के सिलसिले में रविवार को हुई एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने ये बातें कही.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, छह अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच कोविड-19 महामारी के अनुरूप व्यवहार करने मसलन शत-प्रतिशत मास्क के उपयोग, व्यक्तिगत स्वचछता पर जोर देने के साथ ही कोविड बचाव संबंधी सावधानियों के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा.

प्रधानमंत्री ने इस समीक्षा बैठक के दौरान आने वाले दिनों में अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, जांच की उचित व्यवस्था और समय रहते मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराना सुनिश्चित करने को कहा.

उन्होंने कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर में हर हालत में कमी लाने और इसके लिए आवश्यक स्वास्थ्य ढांचा बढ़ाने पर भी जार दिया.

महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ते कोविड-19 के मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के दलों को भेजने का भी निर्देश दिया.

बैठक के दौरान एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई जिसमें बताया गया कि कोविड-19 के देश भर के कुल मामलों और इससे होने वाली मौतों के मामलों में से 91 प्रतिशत मामले सिर्फ 10 राज्यों में हैं जबकि महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ की स्थिति चिंताजनक है.

महाराष्ट्र में अकेले देश में कोविड-19 के कुल मामलों के 57 प्रतिशत मामले हैं और राज्य में दैनिक नए मामलों का आंकड़ा 47,913 तक पहुंच गया है. महाराष्ट्र में इससे पहले जब कोरोना वायरस महामारी चरम पर थी, उसके मुकाबले यह आंकड़ा दोगुने से भी अधिक है.

इस बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

ज्ञात हो कि रविवार को देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के 93,249 नए मामले सामने आए, जो इस साल एक दिन में आए कोविड-19 के सर्वाधिक मामले हैं. इसके साथ ही देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,24,85,509 हो गई है.

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, 19 सितंबर के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सामने आए ये सबसे अधिक मामले हैं. 19 सितंबर को कोविड-19 के 93,337 मामले आए थे.

आंकड़ों के मुताबिक, रविवार को महामारी से 513 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 1,64,623 हो गई है.

प्रधानमंत्री ने देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर बुधवार को चिंता जताई थी और इसे फिर से फैलने से रोकने के लिए ‘‘तीव्र एवं निर्णायक’’ कदम उठाने का आह्वान किया.

पिछले महीने प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से डिजिटल माध्यम से संवाद किया था और कहा था कि अगर इस बढ़ती हुई महामारी को यहीं नहीं रोका जाएगा तो देशव्यापी संक्रमण की स्थिति बन सकती है.

Last Updated : Apr 4, 2021, 6:28 PM IST
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