बेंगलुरु : केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले कर्नाटक के भाजपा नेताओं ने राज्य से कैबिनेट में कम से कम दो और सीटें मिलने की इच्छा जताई है. बताया जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
बेंगलुरु से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए पीसी मोहन (PC Mohan) मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं. केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा और प्रह्लाद जोशी ने उनकी दावेदार का समर्थन किया और इसे हाईकमान तक पहुंचाने की कोशिश की है.
पीसी मोहन के साथ 'ऑपरेशन कमल' (Operation Kamal) की रणनीति तैयार करने वाले डॉ. उमेश जाधव (Dr Umesh Jadhav) भी मंत्री पद की दौड़ में हैं.
चौथी बार सांसद निर्वाचित हुए पीसी गद्दीगौदर (P C Gaddigoudar) और दूसरी बार सांसद चुने गए संगन्ना कराडी (Sanganna karadi) भी मंत्री पद की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी मौका मिलने का इंतजार है.
वरिष्ठ सांसद भगवंत खूबा (Bhagwant Khooba) और तीसरी बार हावेरी से सांसद चुने गए शिवकुमार उदासी (Shivakumara Udasi) भी लिंगायत कोटे के तहत मौके का इंतजार कर रहे हैं.
मैसूर से दूसरी बार सांसद निर्वाचत हुए प्रताप सिंह (Pratap Singh) भी यूथ कोटे के तहत मंत्री पद की उम्मीद कर रहे हैं.
कर्नाटक सीएम बीएस यदियुरप्पा के बेटे व शिवमोग्गा के सांसद बीवाई राघवेंद्र भी केंद्रीय मंत्री बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं. उन्हें यह कहते हुए सुना गया है कि भविष्य में उच्च स्तरीय प्रस्ताव मिलने पर वह दिवंगत सुरेश अंगड़ी की जगह लेने को तैयार हैं.
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हालांकि, भाजपा की राज्य इकाई उन्हें सीधे कैबिनेट में शामिल करने के पक्ष में नहीं है. राज्य के भाजपा नेताओं में नेतृत्व को लेकर खींचतान चल रही है. यह वजह है कि आकांक्षी नेताओं ने भी पार्टी आलाकमान से कोई अपील नहीं की है.
वरिष्ठ सांसद मौके का इंतजार कर रहे हैं. अब देखना होगा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्हें शामिल किया जाता है या नहीं.