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मॉडर्ना का कोविड-19 टीका परीक्षण में 94.1 प्रतिशत असरदार : अध्ययन - vaccine efficacy in trial

मॉडर्ना कंपनी द्वारा विकसित टीके संक्रमण रोकने के लिए 94.1 प्रतिशत असरदार है. यह टीके के मौजूदा तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के विश्लेषण के नतीजों में पता चला है.

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Published : Dec 31, 2020, 2:05 PM IST

नई दिल्ली : अमेरिका की जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मॉडर्ना के टीके के मौजूदा तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के विश्लेषण के नतीजे यह बताते हैं कि टीका संक्रमण को रोकने और गंभीर बीमारी की स्थिति में 94.1 प्रतिशत असरदार है.

इस संबंध में एक अध्ययन बुधवार को शोध पत्रिका ‘द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित हुआ.

अध्ययन के अनुसार 30,000 से अधिक प्रतिभागियों को औचक तरीके से टीका या प्लासेबो (छद्म टीका) दिया गया.

टीका लेने वाले समूह में 11 लोगों में कोविड-19 के लक्षण दिखे जबकि प्लासेबो लेने वाले समूह के 185 प्रतिभागियों में कोविड-19 के लक्षण दिखे.

अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि नतीजे यह बताते हैं कि यह टीका कोविड-19 के खिलाफ 94.1 प्रतिशत असरदार है. उन्होंने बताया कि गंभीर बीमारी की स्थिति उन्हीं प्रतिभागियों में देखने को मिली जिन्हें प्लासेबो दिया गया था.

अमेरिका में ब्रिघम एंड विमेंस हॉस्पिटल में यह परीक्षण किया गया. अस्पताल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ लिंडसे बैडेन ने बताया, 'हमारा काम जारी है. अगले महीने तक हमारे पास इस संबंध में और डाटा मौजूद होगा जिससे कि हम टीके के असर के बारे में बेहतर तरीके से बता पाएंगे. हालांकि अब तक के नतीजे यह दिखाते हैं कि टीका 94.1 प्रतिशत असरदार है.'

पढ़ें :- अमेरिका ने मामले बढ़ते देख मॉडर्ना कोविड-19 वैक्सीन को भी दी मंजूरी

बैडेन अध्ययन की सह-लेखक हैं और वह पत्र की मुख्य लेखक भी हैं.

उन्होंने कहा, 'सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्राप्त डाटा से यह पता चलता है कि यह टीका गंभीर बीमारी की स्थिति में भी असरदार है. इससे यह संकेत मिलता है कि टीका लेने के बाद कुछ समय के लिए संक्रमण और मौतों की संख्या को थामा जा सकता है.'

अध्ययन के लिए अमेरिका के 99 जगहों से 30,420 वयस्कों को शामिल किया गया था. इनमें ब्रिघम से 600 प्रतिभागी शामिल हुए थे. इसमें हर नस्ल, उम्र के लोग शामिल थे.

नई दिल्ली : अमेरिका की जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मॉडर्ना के टीके के मौजूदा तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के विश्लेषण के नतीजे यह बताते हैं कि टीका संक्रमण को रोकने और गंभीर बीमारी की स्थिति में 94.1 प्रतिशत असरदार है.

इस संबंध में एक अध्ययन बुधवार को शोध पत्रिका ‘द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित हुआ.

अध्ययन के अनुसार 30,000 से अधिक प्रतिभागियों को औचक तरीके से टीका या प्लासेबो (छद्म टीका) दिया गया.

टीका लेने वाले समूह में 11 लोगों में कोविड-19 के लक्षण दिखे जबकि प्लासेबो लेने वाले समूह के 185 प्रतिभागियों में कोविड-19 के लक्षण दिखे.

अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि नतीजे यह बताते हैं कि यह टीका कोविड-19 के खिलाफ 94.1 प्रतिशत असरदार है. उन्होंने बताया कि गंभीर बीमारी की स्थिति उन्हीं प्रतिभागियों में देखने को मिली जिन्हें प्लासेबो दिया गया था.

अमेरिका में ब्रिघम एंड विमेंस हॉस्पिटल में यह परीक्षण किया गया. अस्पताल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ लिंडसे बैडेन ने बताया, 'हमारा काम जारी है. अगले महीने तक हमारे पास इस संबंध में और डाटा मौजूद होगा जिससे कि हम टीके के असर के बारे में बेहतर तरीके से बता पाएंगे. हालांकि अब तक के नतीजे यह दिखाते हैं कि टीका 94.1 प्रतिशत असरदार है.'

पढ़ें :- अमेरिका ने मामले बढ़ते देख मॉडर्ना कोविड-19 वैक्सीन को भी दी मंजूरी

बैडेन अध्ययन की सह-लेखक हैं और वह पत्र की मुख्य लेखक भी हैं.

उन्होंने कहा, 'सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्राप्त डाटा से यह पता चलता है कि यह टीका गंभीर बीमारी की स्थिति में भी असरदार है. इससे यह संकेत मिलता है कि टीका लेने के बाद कुछ समय के लिए संक्रमण और मौतों की संख्या को थामा जा सकता है.'

अध्ययन के लिए अमेरिका के 99 जगहों से 30,420 वयस्कों को शामिल किया गया था. इनमें ब्रिघम से 600 प्रतिभागी शामिल हुए थे. इसमें हर नस्ल, उम्र के लोग शामिल थे.

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