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महाराष्ट्र में मोबाइल टावर चोरी, कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ केस - मोबाइल टावर चोरी

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में पूरा का पूरा मोबाइल टावर चोरी हो गया (Mobile tower stolen in Aurangabad). चोरी की शिकायत पुलिस से की गई तो उसने केस दर्ज करने से इनकार कर दिया. इस पर शिकायतकर्ता ने कोर्ट का सहारा लिया. कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज हुआ है.

Mobile tower stolen in Aurangabad
कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ केस
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Published : Nov 11, 2022, 4:55 PM IST

औरंगाबाद : औरंगाबाद के वलाज इलाके में (Walaj area of ​​Aurangabad) एक मोबाइल टावर चोरी हो गया है (Mobile tower stolen in Aurangabad). पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया तो शिकायतकर्ता ने सीधे अदालत में अपील की. उसके बाद वलाज एमआईडीसी पुलिस में मामला दर्ज किया गया है.

दरअसल मोबाइल टावरों के निर्माण और रखरखाव का काम जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी देखती है. 2009 में वलाज के अरविंद जज ने के. सेक्टर में परिसर को दस साल के लिए लीज पर लिया था. इसके लिए कंपनी ने 9500 रुपये प्रति माह किराया दिया. अनुबंध समाप्त होने से पहले 2018 में टावर बंद हो गया, लेकिन कंपनी ने इस पर ध्यान नहीं दिया.

कंपनी के नवनियुक्त प्रतिनिधि अमर लाहोट ने स्थल का निरीक्षण किया, तो हैरान रह गए. वहां टावर नहीं मिला. इसके बाद वह पुलिस के पास पहुंचे और टावर के गायब होने की सूचना दी.

पुलिस को शिकायत दी गई थी कि 34 लाख 50 हजार 676 रुपये का सामान चोरी हो गया है. लेकिन जब पुलिस ने शिकायत लेने से इनकार कर दिया, तो कंपनी के प्रतिनिधि ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर वलाज एमआईडीसी पुलिस में मामला दर्ज किया गया है.

पढ़ें- तमिलनाडु पुलिस का खुलासा : बंद पड़े 600 मोबाइल टावरों पर हो चुकी हाथ की सफाई

औरंगाबाद : औरंगाबाद के वलाज इलाके में (Walaj area of ​​Aurangabad) एक मोबाइल टावर चोरी हो गया है (Mobile tower stolen in Aurangabad). पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया तो शिकायतकर्ता ने सीधे अदालत में अपील की. उसके बाद वलाज एमआईडीसी पुलिस में मामला दर्ज किया गया है.

दरअसल मोबाइल टावरों के निर्माण और रखरखाव का काम जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी देखती है. 2009 में वलाज के अरविंद जज ने के. सेक्टर में परिसर को दस साल के लिए लीज पर लिया था. इसके लिए कंपनी ने 9500 रुपये प्रति माह किराया दिया. अनुबंध समाप्त होने से पहले 2018 में टावर बंद हो गया, लेकिन कंपनी ने इस पर ध्यान नहीं दिया.

कंपनी के नवनियुक्त प्रतिनिधि अमर लाहोट ने स्थल का निरीक्षण किया, तो हैरान रह गए. वहां टावर नहीं मिला. इसके बाद वह पुलिस के पास पहुंचे और टावर के गायब होने की सूचना दी.

पुलिस को शिकायत दी गई थी कि 34 लाख 50 हजार 676 रुपये का सामान चोरी हो गया है. लेकिन जब पुलिस ने शिकायत लेने से इनकार कर दिया, तो कंपनी के प्रतिनिधि ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर वलाज एमआईडीसी पुलिस में मामला दर्ज किया गया है.

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