चेन्नई: अन्ना विश्वविद्यालय के कुलपति वेलराज ने विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिए पुस्तकालय के उपयोग को अधिक सुविधाजनक बनाने और अनुसंधान पत्रिकाओं के एक्सेस को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए 6 फरवरी को मोबाइल लाइब्रेरी नामक एक मोबाइल ऐप सुविधा शुरू की है. अन्ना विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र वेबसाइट https://library.annauniv.edu/index.php पर जाकर पाठ्यपुस्तकों को डिजिटल रूप से पढ़ सकते हैं. इसके अलावा, छात्र अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं को पढ़ सकते हैं.
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अन्ना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और पुस्तकालय विभाग के निदेशक अरिवुडैनंबी कहते हैं कि अन्ना विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र कंप्यूटर के माध्यम से ही पुस्तकालय में शोध जर्नल देख सकते हैं. साथ ही छात्र घर के साथ-साथ बस और ट्रेन से यात्रा करते हुए भी पढ़ाई कर सकते हैं. अन्ना विश्वविद्यालय पुस्तकालय विभाग ने कुलपति वेलराज के निर्देशानुसार इस परियोजना को पूरी किया है.
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मोबाइल लाइब्रेरी परियोजना अनुसंधान को बढ़ावा देगी और अधिक नैक रैंकिंग प्राप्त करेगी. अनुसंधान पत्रिकाओं की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं सहित 20,000 से अधिक पत्रिकाओं की सदस्यता विवि के पास है. लाखों पत्रिकाएं ऑनलाइन पाई जा सकती हैं. शिक्षक और प्रोफेसर आवश्यक पुस्तकें डाउनलोड भी कर सकेंगे. छात्र पाठ्यक्रम पूरा होने तक अध्ययन कर सकते हैं. अध्ययन अवधि समाप्त होने के बाद वे कुछ भी नहीं देख पाएंगे. फिलहाल अन्ना यूनिवर्सिटी के 4 कॉलेजों में करीब 10 हजार छात्र ही पढ़ रहे हैं. कुलपति प्रयास कर रहे हैं कि इसे अन्ना यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों को मुहैया कराया जाए.
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बताया गया कि छात्र अन्ना विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में वातानुकूलित कमरे में रात 10 बजे तक तो अध्ययन कर ही सकते हैं इसके अलावा अब उनका लैपटॉप और मोबाइल भी पुस्तकालय में बदल सकता है. आईएएस, आईपीएस जैसी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए भी यह मददगार होगा. मोबाइल लाइब्रेरी के बारे में बीई-ईईई की छात्रा पोन अंजरिता कहती हैं कि अन्ना यूनिवर्सिटी में शुरू हुई मोबाइल लाइब्रेरी बहुत उपयोगी है.
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यदि आप विश्वविद्यालय के पुस्तकालय से कोई पुस्तक लेते हैं, तो भी आप उसे 15 दिनों तक पढ़ सकते हैं. उसके बाद, किताब को वापस लौटाना पड़ता है. मोबाइल लाइब्रेरी से हम जितने दिन चाहें ई-बुक पढ़ सकते हैं. इसके अलावा, मैं ईईई में बी.ई. में अपना अंतिम वर्ष कर रही हूं. प्रोजेक्ट करते समय हम अधिक पुस्तकों और शोध पत्रिकाओं की जरूरत होती है. पुस्तकालय की शुरुआत 1978 में अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई के छात्रों के लिए की गई थी. इसके बाद, वर्ष 2000 में, एक अलग पुस्तकालय शुरू किया गया और जो विभिन्न सुविधाओं के साथ काम कर रहा है.