बस्तर: लगभग तीन दशकों से नक्सलवाद से जूझ रहे छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में संचार क्रांति से सकारात्मक बदलाव आए हैं. केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित जिलों में 500 से ज्यादा मोबाइल टावर लगाए हैं. विकास के साथ ही लोगों को सुरक्षा देने का काम भी सरकार कर रही है. स्कूल, अस्पताल और सड़कों ने जहां इलाके की तस्वीर को बदल दिया है, वहीं मोबाइल कनेक्टिविटी ने बाहरी दुनिया को जोड़कर विकास और बदलावों से लोगों को वाकिफ कराया है.
पहले चरण में लगे हैं 525 टावर: बस्तर क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में विकास के साथ-साथ सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार लगातार कोशिश कर रही है. केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित जिलों में मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए पहले चरण में 525 मोबाइल टावर लगाए हैं. वहीं दूसरे चरण के तहत बस्तर में कुल 971 मोबाइल टावर लगाए जाएंगे. इसे लेकर एक निजी दूरसंचार कंपनी के साथ केंद्र सरकार ने करार किया है.
"बस्तर के दूर-दराज के गांवों में रहने वाली मूल आबादी, विशेषकर युवाओं को जोड़ने के लिए वर्चुअल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि वे बाहरी दुनिया से जुड़ सकें. इस प्रयास के तहत अंदरूनी और सीमावर्ती इलाकों में 4जी मोबाइल टावर स्थापित किए जा रहे हैं. इसके अलावा पहले से क्षेत्र में स्थापित 2जी टावर को अपग्रेड भी किया जा रहा है." -सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर रेंज
यह भी पढ़ें-
- Bastar News : बस्तर पुलिस ने परिवार को लौटाई खुशियां, बैंगलोर गए नाबालिग को पहुंचाया घर
- Bastar News चांदामेटा में कलेक्टर और एसपी की जनचौपाल
- बस्तर में नक्सलियों की सप्लाई चेन कमजोर, आंध्र-तेलंगाना और ओडिशा के भरोसे
आकांक्षी जिला योजना के तहत समझौता: आकांक्षी जिला योजना के तहत वर्ष 2022-23 में दूरसंचार मंत्रालय ने एक निजी टेलीकॉम कंपनी के साथ समझौता किया. मोबाइल कनेक्टिविटी न केवल बच्चों के साथ-साथ युवाओं को भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और यूट्यूब के माध्यम से बाहरी दुनिया से जुड़ने का अवसर प्रदान कर रही है, बल्कि इससे उन्हें अपनी पढ़ाई में भी मदद मिल रही है. इससे इस क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है. वाणिज्य और पर्यटन में भी इजाफा हुआ है. आंतरिक क्षेत्रों में रोजगार और स्व-रोजगार की ढेरों संभावनाएं विकसित हुई हैं.