रांची : गुमला के घाघरा गांव में मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है. यहां बीमारला बॉक्साइट माइंस के सुनील होटल के पास खादी उरांव की गला काटकर हत्या कर दी गई थी. मामले की सूचना मिलने के बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची, बल्कि चौकीदार के माध्यम से शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. अब गांव में ही हत्या के कथित आरोपी रामचंद्र उरांव की भी ग्रामीणों ने पीट पीटकर कर हत्या दी. इसकी सूचना के बाद भी पुलिस गांव नहीं पहुंची. चौकीदार गांव से किसी तरह बुरी तरहसे घायल रामचंद्र को पुलिस पिकेट बीमरला तक लाया, जहां से एंबुलेंस द्वारा उसे घाघरा भेजा जा रहा था. रास्ते में उसकी भी मौत हो गई. दोनों ही हत्या के बाद से पुलिस की कार्यशैली पर सीधा सवाल खड़ा हो रहा है कि इलाके में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है.
पुलिस ने नहीं दिखाई गंभीरता
मृतक खादी की पुत्री नीलम कुमारी का आरोप है कि थाना में हत्या में शामिल लोगों का नाम बताती रही, लेकिन पुलिस वालों ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. यदि पुलिस घटनास्थल की जाकर जांच करती, तो कई सबूत आसानी से हाथ लग सकते थे, लेकिन पुलिस ने हत्या को गंभीरता से नहीं लिया. पुलिस की इसी लापरवाही से गांव में ही दूसरी हत्या आक्रोशित ग्रामीणों ने कर दी. खादी उरांव की हत्या के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए चौकीदार से मंगवाया था.
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ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से कहा कि खादी की हत्या के बाद पुलिस गांव नहीं आई. हत्या का आरोपी रामचंद्र को पकड़ने के बाद हम लोगों ने पुलिस को फोन किया, उसके बाद भी पुलिस नहीं आई. चौकीदार आया था रामचंद्र को पकड़ कर ले गया उसके बाद मौत कैसे हुई यह रहस्यमई बात है. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही से ही रामचंद्र की मौत हुई होगी.