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एमएनएफ के पास 10 सुरक्षित सीट, अगले चुनाव में मिजोरम की सत्ता में बरकरार रहेंगे: जोरमथांगा

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Published : Aug 19, 2023, 2:21 PM IST

मिजोरम में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. राज्य के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने भी सत्ता को लेकर बयान दिया है. राज्य में इस साल के अंत में चुनाव होना है.

Mizoram Chief Minister Zoramthanga (file photo)
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा (फाइल फोटो)

आइजोल: मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी मिजोरम नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता बरकरार रखेगी और पार्टी के पास 10 सुरक्षित सीट हैं जिन पर विपक्ष की ताकत न के बराबर है. चालीस सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए चुनाव इस साल के अंत में होना है.
जोरमथंगा ने शुक्रवार को यहां पार्टी के एक समारोह में कहा, 'फिलहाल हम 40 विधानसभा सीट में से 10 पर सुरक्षित स्थिति में हैं. ऐसे क्षेत्रों में विपक्ष का प्रभाव न के बराबर है. विपक्ष के लिए यहां ज्यादा उम्मीद नहीं है.

वर्तमान विधानसभा में सत्तारूढ़ एमएनएफ के 27 सदस्य हैं, जबकि मुख्य विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के सात, कांग्रेस के पांच और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक विधायक है. के बिछुआ ने पिछले साल दिसंबर में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और बाद में उन्हें एमएनएफ से निष्कासित कर दिया गया था.

ये भी पढ़ें- असम-मिजोरम विवाद : कांग्रेस ने मांगा शाह का इस्तीफा, सात सदस्यीय समिति सोनिया को सौपेंगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री ने कहा, 'पूर्वी तुईपुई, ख्वाजावल, सैतुअल, लेंगटेंग, कोलासिब और सेरलुई निर्वाचन क्षेत्रों को देखें तो उनके (विपक्षी दलों) लिए (इन सीट पर) जीतने की बहुत कम संभावना है. आइजोल में भी विपक्षी दलों की ताकत लगातार कम हो रही है.' जेडपीएम पर निशाना साधते हुए एमएनएफ प्रमुख ने कहा कि उनके पास कोई उचित नीति नहीं है. उन्होंने कहा, 'एमएनएफ सत्ता बरकरार रखेगी क्योंकि विपक्ष उनके लिए बड़ा खतरा पैदा नहीं करेगा.' निर्वाचन आयोग की 20 सदस्यीय टीम 29 अगस्त को मिजोरम का दौरा करने वाली है. पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में भी राजनीतिक सरगर्मी तेज है. मणिपुर का मुद्दा भी यहा प्रभावी है.

(पीटीआई-भाषा)

आइजोल: मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी मिजोरम नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता बरकरार रखेगी और पार्टी के पास 10 सुरक्षित सीट हैं जिन पर विपक्ष की ताकत न के बराबर है. चालीस सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए चुनाव इस साल के अंत में होना है.
जोरमथंगा ने शुक्रवार को यहां पार्टी के एक समारोह में कहा, 'फिलहाल हम 40 विधानसभा सीट में से 10 पर सुरक्षित स्थिति में हैं. ऐसे क्षेत्रों में विपक्ष का प्रभाव न के बराबर है. विपक्ष के लिए यहां ज्यादा उम्मीद नहीं है.

वर्तमान विधानसभा में सत्तारूढ़ एमएनएफ के 27 सदस्य हैं, जबकि मुख्य विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के सात, कांग्रेस के पांच और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक विधायक है. के बिछुआ ने पिछले साल दिसंबर में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और बाद में उन्हें एमएनएफ से निष्कासित कर दिया गया था.

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मुख्यमंत्री ने कहा, 'पूर्वी तुईपुई, ख्वाजावल, सैतुअल, लेंगटेंग, कोलासिब और सेरलुई निर्वाचन क्षेत्रों को देखें तो उनके (विपक्षी दलों) लिए (इन सीट पर) जीतने की बहुत कम संभावना है. आइजोल में भी विपक्षी दलों की ताकत लगातार कम हो रही है.' जेडपीएम पर निशाना साधते हुए एमएनएफ प्रमुख ने कहा कि उनके पास कोई उचित नीति नहीं है. उन्होंने कहा, 'एमएनएफ सत्ता बरकरार रखेगी क्योंकि विपक्ष उनके लिए बड़ा खतरा पैदा नहीं करेगा.' निर्वाचन आयोग की 20 सदस्यीय टीम 29 अगस्त को मिजोरम का दौरा करने वाली है. पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में भी राजनीतिक सरगर्मी तेज है. मणिपुर का मुद्दा भी यहा प्रभावी है.

(पीटीआई-भाषा)

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