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MMU ने मीरवाइज उमर फारूक की तत्काल रिहाई की मांग की

श्रीनगर के मीरवाइज मंजिल (Mirwaiz Manzil Srinagar) में आयोजित मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (Muttahida Majlis-e-Ulema) की बैठक में ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एम) के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) की तत्काल रिहाई की मांग उठाई गई. बयान में मीरवाइज उमर फारूक को लंबे समय से नजरबंद किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है.

Muttahida Majlis-e-Ulema
मीरवाइज उमर फारूक की रिहाई की मांग
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Published : Dec 14, 2021, 7:31 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के धार्मिक संगठन मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (MMU) ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन से ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एम) के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) की तत्काल रिहाई और श्रीनगर के जामा मस्जिद में जुमे की नमाज की अनुमति देने की मांग की है.

एमएमयू के बयान के अनुसार, श्रीनगर के मीरवाइज मंजिल (Mirwaiz Manzil Srinagar) में आयोजित मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा की बैठक में यह मांग उठाई गई. इससे पहले प्रशासन ने श्रीनगर के जामा मस्जिद के अंजुमन औकाफ मुख्यालय में बैठक की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.

बयान में मीरवाइज उमर फारूक को लंबे समय से नजरबंद किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है. बयान में कहा गया है कि बैठक की अध्यक्षता इस्लामिक विद्वान मुफ्ती नजीर अहमद कासमी ने की, क्योंकि एमएमयू अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक घर में नजरबंद हैं. बैठक में जम्मू-कश्मीर के गैर सरकारी संगठनों के अलावा धार्मिक और सामाजिक संगठनों के नेताओं और प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस अवसर पर मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा के तत्वावधान में एक उप-समिति बनाने का प्रस्ताव किया गया था, जो कश्मीरी समाज के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों का समाधान करेगी.

एमएमयू ने श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद को 6 अगस्त, 2021 से लगातार बंद किए जाने पर कड़ा विरोध जताया है और इसे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करार दिया है.

बयान में आगे कहा गया है कि बैठक के दौरान एमएमयू ने सातवीं कक्षा के इतिहास और नागरिक शास्त्र की किताबों में दिल्ली के प्रकाशक 'जे सी पब्लिकेशंस' (Jay Cee Publications) द्वारा प्रकाशित ईशनिंदा सामग्री पर नाराजगी जताई गई.

यह भी पढ़ें- अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन से संघर्ष खत्म होने की उम्मीद: हुर्रियत

एमएमयू ने सभी विचारधाराओं के विद्वानों, इमामों, प्रचारकों और सामाजिक-धार्मिक संगठनों से अपील की है कि मुसलमानों के बीच एकता के लिए इस्लाम के विभिन्न संप्रदायों के बीच पुराने मतभेदों को दूर करने की कोशिश करें. एमएमयू ने कुछ लोगों द्वारा कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों की खरीद-फरोख्त से संबंधित रिपोर्ट पर भी गहरी चिंता जाहिर की है और इसे बेहद शर्मनाक और अमानवीय करार दिया है.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के धार्मिक संगठन मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (MMU) ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन से ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एम) के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) की तत्काल रिहाई और श्रीनगर के जामा मस्जिद में जुमे की नमाज की अनुमति देने की मांग की है.

एमएमयू के बयान के अनुसार, श्रीनगर के मीरवाइज मंजिल (Mirwaiz Manzil Srinagar) में आयोजित मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा की बैठक में यह मांग उठाई गई. इससे पहले प्रशासन ने श्रीनगर के जामा मस्जिद के अंजुमन औकाफ मुख्यालय में बैठक की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.

बयान में मीरवाइज उमर फारूक को लंबे समय से नजरबंद किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है. बयान में कहा गया है कि बैठक की अध्यक्षता इस्लामिक विद्वान मुफ्ती नजीर अहमद कासमी ने की, क्योंकि एमएमयू अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक घर में नजरबंद हैं. बैठक में जम्मू-कश्मीर के गैर सरकारी संगठनों के अलावा धार्मिक और सामाजिक संगठनों के नेताओं और प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस अवसर पर मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा के तत्वावधान में एक उप-समिति बनाने का प्रस्ताव किया गया था, जो कश्मीरी समाज के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों का समाधान करेगी.

एमएमयू ने श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद को 6 अगस्त, 2021 से लगातार बंद किए जाने पर कड़ा विरोध जताया है और इसे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करार दिया है.

बयान में आगे कहा गया है कि बैठक के दौरान एमएमयू ने सातवीं कक्षा के इतिहास और नागरिक शास्त्र की किताबों में दिल्ली के प्रकाशक 'जे सी पब्लिकेशंस' (Jay Cee Publications) द्वारा प्रकाशित ईशनिंदा सामग्री पर नाराजगी जताई गई.

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एमएमयू ने सभी विचारधाराओं के विद्वानों, इमामों, प्रचारकों और सामाजिक-धार्मिक संगठनों से अपील की है कि मुसलमानों के बीच एकता के लिए इस्लाम के विभिन्न संप्रदायों के बीच पुराने मतभेदों को दूर करने की कोशिश करें. एमएमयू ने कुछ लोगों द्वारा कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों की खरीद-फरोख्त से संबंधित रिपोर्ट पर भी गहरी चिंता जाहिर की है और इसे बेहद शर्मनाक और अमानवीय करार दिया है.

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