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MLA Mushrif and Anil Parab News : विधायक हसन मुश्रीफ और अनिल परब को हाईकोर्ट से राहत

महाराष्ट्र में विधायक हसन मुश्रीफ और अनिल परब को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. दोनों नेताओं को ईडी ने समन किया था. बीते दिनों हसन मुश्रीफ से जुड़े परिसर पर ईडी ने छापेमारी की थी (MLA Mushrif and Anil Parab News).

Bombay High Court
बॉम्बे हाई कोर्ट
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Published : Mar 14, 2023, 5:41 PM IST

मुंबई : एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ को उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के समन के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट से तत्काल राहत मिली है. कोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अग्रिम जमानत के लिए सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाने को कहा है. प्रवर्तन निदेशालय ने विधायक हसन मुश्रीफ को समन तामील किया था, जिसके बाद मुश्रीफ ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया.

कोर्ट ने उन्हें दो हफ्ते की मोहलत दी है. साथ ही मुंबई हाई कोर्ट ने ठाकरे के विधायक अनिल परब के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है. राष्ट्रवादी नेता हसन मुश्रीफ के संदर्भ में विभिन्न अपराधों की रिपोर्ट की गई है, और इसके परिणामस्वरूप ईडी ने उन्हें नोटिस जारी किया था. ईडी ने कोल्हापुर की एक सहकारी चीनी मिल की खरीद में कथित अनियमितताओं के संबंध में बीते दिनों एनसीपी नेता के यहां छापेमारी की थी.

वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद फोंडा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में हसन मुश्रीफ की पैरवी की. तर्क दिया कि दोनों अपराध उद्धव ठाकरे गुट के विधायक अनिल परब के संबंध में दर्ज किए गए हैं.

इसको लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने सरकार की ओर से की गई कार्रवाई पर प्रश्न उठाया. उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय की दो खंडपीठ के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा है कि पर्यावरण विभाग ने शिकायत की है. इसमें जो आरोप लगाए गए हैं वही आरोप दूसरी एफआईआर में अनिल परब पर लगे हैं; उसमें भी एक समानता है. उन्होंने तर्क दिया कि जब एक ही घटना के संबंध में दोनों अपराध दर्ज किए जाते हैं, तो राज्य घटना के सार के आधार पर योग्य नहीं होता है.

पढ़ें- ED ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल परब के खिलाफ धन शोधन मामले में रिसॉर्ट, भूमि कुर्क की

मुंबई : एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ को उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के समन के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट से तत्काल राहत मिली है. कोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अग्रिम जमानत के लिए सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाने को कहा है. प्रवर्तन निदेशालय ने विधायक हसन मुश्रीफ को समन तामील किया था, जिसके बाद मुश्रीफ ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया.

कोर्ट ने उन्हें दो हफ्ते की मोहलत दी है. साथ ही मुंबई हाई कोर्ट ने ठाकरे के विधायक अनिल परब के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है. राष्ट्रवादी नेता हसन मुश्रीफ के संदर्भ में विभिन्न अपराधों की रिपोर्ट की गई है, और इसके परिणामस्वरूप ईडी ने उन्हें नोटिस जारी किया था. ईडी ने कोल्हापुर की एक सहकारी चीनी मिल की खरीद में कथित अनियमितताओं के संबंध में बीते दिनों एनसीपी नेता के यहां छापेमारी की थी.

वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद फोंडा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में हसन मुश्रीफ की पैरवी की. तर्क दिया कि दोनों अपराध उद्धव ठाकरे गुट के विधायक अनिल परब के संबंध में दर्ज किए गए हैं.

इसको लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने सरकार की ओर से की गई कार्रवाई पर प्रश्न उठाया. उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय की दो खंडपीठ के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा है कि पर्यावरण विभाग ने शिकायत की है. इसमें जो आरोप लगाए गए हैं वही आरोप दूसरी एफआईआर में अनिल परब पर लगे हैं; उसमें भी एक समानता है. उन्होंने तर्क दिया कि जब एक ही घटना के संबंध में दोनों अपराध दर्ज किए जाते हैं, तो राज्य घटना के सार के आधार पर योग्य नहीं होता है.

पढ़ें- ED ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल परब के खिलाफ धन शोधन मामले में रिसॉर्ट, भूमि कुर्क की

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