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मिजोरम के मुख्यमंत्री का प्रधानमंत्री मोदी को पत्र, म्यांमार के शरणार्थियों को शरण देने की अपील की

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन्हें मानवीय आधार पर शरण देने का अनुरोध किया है. जोरमथंगा ने कहा कि चूंकि उनके राज्य के लोगों के म्यांमार के चिन समुदाय के शरणार्थियों के साथ जातीय संबंध रहे हैं, लिहाजा उनकी दुर्दशा से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता.

जोरमथंगा
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Published : Mar 22, 2021, 3:28 PM IST

आइजोल : मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने म्यांमार से अवैध आव्रजन पर रोक लगाने और शरणार्थियों का तेजी से प्रत्यर्पण सुनिश्चित करने के केन्द्र सरकार के आदेश को 'अस्वीकार्य' बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें मानवीय आधार पर शरण देने का अनुरोध किया है. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.

म्यांमार में पिछले महीने सैन्य तख्तापलट के बाद से कई पुलिसकर्मियों समेत सैंकड़ों शरणार्थी मिजोरम आ चुके हैं.

पत्र
पत्र

जोरमथंगा ने कहा कि चूंकि उनके राज्य के लोगों के म्यांमार के चिन समुदाय के शरणार्थियों के साथ जातीय संबंध रहे हैं, लिहाजा उनकी दुर्दशा से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता.

पत्र
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मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि जोरमथंगा ने 18 मार्च को मोदी को पत्र लिखकर राजनीतिक शरणार्थियों को मानवीय आधार पर शरण देने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 10 मार्च को मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर को जारी की गई एडवायजरी उनके राज्य को स्वीकार्य नहीं है.

पढ़ें - डिब्रूगढ़ में नड्डा बोले- यह चुनाव असम की संस्कृति की रक्षा, सुरक्षा और समृद्धि का चुनाव

जोरमथंगा ने पत्र में लिखा, 'यह (गृह मंत्रालय की एडवायजरी) स्वीकार्य नहीं है. मैं समझ सकता हूं कि विदेश नीति से जुड़े विभिन्न मुद्दे होते हैं, जिनपर भारत को सावधानीपूर्वक आगे बढ़ना होता है. बहरहाल, हम इस मानवीय संकट को नजरअंदाज नहीं कर सकते.'

आइजोल : मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने म्यांमार से अवैध आव्रजन पर रोक लगाने और शरणार्थियों का तेजी से प्रत्यर्पण सुनिश्चित करने के केन्द्र सरकार के आदेश को 'अस्वीकार्य' बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें मानवीय आधार पर शरण देने का अनुरोध किया है. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.

म्यांमार में पिछले महीने सैन्य तख्तापलट के बाद से कई पुलिसकर्मियों समेत सैंकड़ों शरणार्थी मिजोरम आ चुके हैं.

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जोरमथंगा ने कहा कि चूंकि उनके राज्य के लोगों के म्यांमार के चिन समुदाय के शरणार्थियों के साथ जातीय संबंध रहे हैं, लिहाजा उनकी दुर्दशा से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता.

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मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि जोरमथंगा ने 18 मार्च को मोदी को पत्र लिखकर राजनीतिक शरणार्थियों को मानवीय आधार पर शरण देने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 10 मार्च को मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर को जारी की गई एडवायजरी उनके राज्य को स्वीकार्य नहीं है.

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जोरमथंगा ने पत्र में लिखा, 'यह (गृह मंत्रालय की एडवायजरी) स्वीकार्य नहीं है. मैं समझ सकता हूं कि विदेश नीति से जुड़े विभिन्न मुद्दे होते हैं, जिनपर भारत को सावधानीपूर्वक आगे बढ़ना होता है. बहरहाल, हम इस मानवीय संकट को नजरअंदाज नहीं कर सकते.'

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