नई दिल्ली : दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. मंगलवार को देश के 23 राज्यों से गुजरती हुई मिट्टी सत्याग्रह यात्रा सिंघु बॉर्डर पहुंची. इस सत्याग्रह की शुरुआत गुजरात के दांडी से शुरू की गई थी.
किसान हजारों गांव से मिट्टी लेकर किसान सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे. उनका कहना है कि इस मिट्टी से शहीद स्मारक बनाया जाएगा, ताकि आंदोलन में शहीद हुए किसानों को याद किया जा सके. फिलहाल सिंघु बॉर्डर पर कोई जगह फाइनल नहीं हुई है.
गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सभी लोगों का स्वागत किया. वहीं शहीद भगत सिंह, सरदार पटेल, चंद्रशेखर आजाद, ऊधम सिंह और सुखदेव जैसे क्रांतिकारियों के गांवों से लाई गई इस मिट्टी से दिल्ली की सरहदों पर अस्थाई किसान स्मारक बनाए गए हैं.
गुजरात के दांडी से हुई मिट्टी सत्याग्रह की शुरुआत
सिंघु बॉर्डर पर मिट्टी लेकर पहुंचे किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 30 मार्च से गुजरात के दांडी से मिट्टी सत्याग्रह की शुरुआत की गई थी. हजारों गांवों से ये मिट्टी एकत्रित कर हम पहले गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और अब सिंघु बॉर्डर पहुंचे हैं. गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर शहीद स्मारक बना दिया गया है और अब सिंघु बॉर्डर पर शहीद हुए किसानों की याद में जल्द ही स्मारक बनाया जाएगा.
योगेंद्र यादव ने कहा कि इस सत्याग्रह का मकसद लोगों को आंदोलन के बारे में बताना है. उन्होंने यहां शहीद स्मारक बनाए जाने पर कहा कि अगर सरकार रोकती है तो गलत है. अभी कोई जगह फाइनल नहीं की गई है, एक डिजाइन जरूर बनाया गया है, लेकिन स्मारक जरूर बनाया जाएगा.